(Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--64 )
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्यविपणन प्रबंधन -भाग 64
लेखक : भीष्म कुकरेती (विपणन व विक्रीप्रबंधन विशेषज्ञ )
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्यविपणन प्रबंधन -भाग 64
किसी भी प्रसिद्द व्यक्ति के किसी स्थान विशेष से जुड़ने से उस स्थान विशेष की छवि -पहचान (ब्रैंड इडेन्टिटी ) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आज भी यद्यपि बनारस एक सबसे पुरातन शहर है , काशी भारत की सांस्कृतिक राजधानी है , किन्तु किन्ही कारणों से बनारस युवाओं की चेतना (मन,बुद्धि , अहंकार , प्राण ) में एक आकर्षक पर्यटक स्थल के रूप में जगह नही बना सक रहा था। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने भी अपना वह रूतबा खो दिया है जो कभी भारत की शान था।
नरेंद्र मोदी के बनारस से चुनाव लड़ने से बनारस की छवि का पुनर्रुद्धार हुआ है।
इंदिरा गांधी के चिकमंगलूर से चुनाव लड़ने से रातों रात चिकमंगलूर की ख्याति बढ़ गई थी।
हेमवती नंदन बहुगुणा -चन्द्र मोहन सिंह नेगी के चुनाव ने गढ़वाल को भारत में ही नही आंतरराष्ट्रीय स्तर भी चर्चा में आ गया था। मार्क टुली बीबीसी रेडियो मे गढ़वाल पर चर्चा करते थे और टुली के समाचार प्रसारित होते थे ।
जब सोनिया गांधी ने बेल्लारी से चुनाव लड़ने का निश्चय किया और विरोध में सुषमा स्वराज भी चुनाव अखाड़े में उतरी तो बेलारी का नाम भारत में प्रसिद्द हो गया।
भारत में रायबरेली और अमेठी का नाम किसी पर्यटन आकर्षण के कारण प्रसिद्द नही है अपितु इन दोनों स्थानो से नेहरू -गांधी परिवार के चुनाव लड़ने से प्रसिद्ध हैं।
कभी जवाहर लाल फूलपुर नेहरू के चुनाव लड़ने से फूलपुर भारतीयों के मन में स्थान बनाये रखता था।
आजम गढ़ से मुलायम सिंह का चुनाव लड़ने से हजारों भारतीयों को पता चला कि आजमगढ़ एक ऐतिहासिक और शिक्षा क्षेत्र में कभी प्रसिद्द शहर था।
Copyright @ Bhishma Kukreti 18 /5/2014
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Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना ,शैलवाणी (150 अंकों में ) , कोटद्वार , गढ़वाल
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