हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
ब्याळि सुपिन मा द्वारहाट विधायक याने नया पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी मदन सिंह बिष्ट से भेंट ह्वे गे।
मि -बिष्ट जी अब आप तैं मंत्री पद बरोबर पद मिल गे। वधाई !
बिष्ट - दाज्यू धन्यवाद। अब मि विधायक नि छौं अब पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी ह्वे ग्यों।
मि -यु पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी हूंद क्या च ?
बिष्ट -यी त मि तैं बि नि पता कि पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी हूंद क्या च पर ब्याळि दाज्यू मुख्यमंत्री हरीश रावत जीन बोलि कि कुछ ना कुछ त हूंद च।
मि -अच्छा त इन बतावदी कि अब तुम सरीखा सात आठ कॉंग्रेसी विधायक उत्तराखंड सरकार मा पार्लियामेंट्री बौण गेवां त तुमर काम क्या च ?
बिष्ट -भै मि तै बि नि पता कि पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी करदु क्या च ? अर उन बि कुछ करणों बान हम तैं पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी थ्वड़ा बणये गे।
मि -हैं ! मतबल पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी मा कुछ काम नि हूंद ?
बिष्ट -नै नै ! जू बि असल काम च उ त हड़क सिंग जीमा च।
मि - त तुम मा अर आम विधायक मा क्या अंतर च ?
बिष्ट -भौत बड़ो अंतर च।
मि -जन कि ?
बिष्ट -विधायक मा मंत्री जन सरकारी कैबिन नि हूंद अब मि जब पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी बौण ग्यों तो मि तैं मिनिस्टर जन कैबिन मिल जालि।
मि -विधायक अर पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी मा और अंतर क्या क्या छन ?
बिष्ट -द्वी एक फंड धुळयां सचिव बि मिल जाल।
मि -अच्छा ?
बिष्ट -हाँ ! फिर गाडी च , घ्वाड़ा च , अर्दली च , अर्दल्युं -ड्रैवरुं सलाम च।
मि -मतबल मजा ही मजा।
बिष्ट -हाँ मंत्र्युं जन रौब दाब नि सै कुछ ना कुछ रौब तो ह्वेइ जांद।
मि -त जु तुम सात आठ विधायक अब पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी बणी गेवां तो तुमम कुछ काम नि रालो ?
बिष्ट -अरे काम ही जि जरूरी हूंद तो पैलि नि बणै दींदा हम तैं पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी।
मि -अरे काम काज कुछ ना अर फिर बि सरकारी सुविधा पूरी ?
बिष्ट -बिलकुल ऊनि सुविधा जन एक राजयमंत्री तैं मिलदी।
मि -औ त इन ब्वालदी कि अब तुम सरकारी सांड ह्वे गेवां।
बिष्ट -सरकारी सांड ना अब हम सब पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी नपुंसक सांड छंवां जु काम कुछ बि नि कारल किन्तु सरकारी सुविधा पूरी का पूरी भ्वागल । .
मि -अरे वाह बिष्ट जी क्या बढ़िया समानता बताई आपन। याने उत्तराखंड मा पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी माने नपुंसक सरकारी सांड। ग्रेट जी ग्रेट !
Copyright@ Bhishma Kukreti 20/5/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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