Best of Garhwali Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
-
कलजुग मा पाषाणजुग
-
पत्थर दिल इनसान ::: भीष्म कुकरेती
पत्थर दिल इनसान ::: भीष्म कुकरेती
ना ना मि करणी सेना , भरणी सेना या आरक्षण का आकांक्षी पाटीदार सेनै छ्वीं नि छौं लगाणु। ना ही भरपेट पुटुक भर्यां जाट आरक्षण की क्वी बात करणु छौं मि त पुट कलियुग याने सन 60 -70 का करीब पहाड़ुं मा पत्थर उपकरणुं छ्वीं लगाणु छौं जी। जी कलियुग मा पाषाण युगीन उपकरण।
कुछ उपकरण नि बदल्दन। जन कि ल्वाड़। कलियुग ना 100 % चिप्स युग बि ऐ जावो तो ल्वाड़ुं उपयोग बंद नि ह्वे सकद।
अब ल्वाड़ कखम प्रयोग नि हूंद अज्युं तक। रुस्वड़ कु ल्वाड़ -सिल्वटै बात बाद म करलु। पैल एक साधारण ल्वाड़ै बात करे जावो। ल्वाड़ याने घण उपयोग। जरा याद कारदि। हर कमरा मा क्या एक या द्वी ल्वाड़ लोड़ी नि धर्यां रौंद था ? जि छुटि हो बड़ी हो लोड़ि -ल्वाड़ बगैर काम आज बि नि चलद। पुंगड़म , जंगळम , हिटद दैं पता नि कथगा दैं हम तैं ल्वाड़ -लोड़िक जरूरत पड़दि छे धौं। अर हमन कबि बि ल्वाड़ -लोड़ी की महत्ता नि समज।
कमरों मा सैकड़ों दैं ल्वाड़ै जरूरत पड़दि किन्तु समाज शास्त्र्यूं न ल्वाड़ -लोड़ि तैं उ स्थान नि दे जु घौण , हथोड़ी या हथोड़ा तैं दे। अफ़सोस ! हम पल पल का साथी की कदर नि करदा। अच्छा क्या लोड़ि या घंटी गौर बौड़ाण , गूणी -बांदर भगाणो , चखुल उडाणो काम नि आंद तो फिर हम ये तैं उपकरण किलै नि मणदा ? फल तुड़णो कुण क्या घंटी -पत्थर काम नि आंद ? आंद छन पर हम यूं तैं उपकरण की संज्ञा नि दींदा।
यी ल्वाड़ कील घटणम त काम आंदि च त आरोग्य उपचारम बि काम आंद। कनो गरम ल्वाड़न शरीरौ सेकन नि हूंद ? अर बल्दूुं बधियाकरण केन हूंद छौ भै ? प्रसव का समय बि लोड़ि -ल्वाड़ पास रखे जांद जी।
अब जब मेडिकल उपचार की बात आयी गे तो वैद जी इथगा दवा पिसणो बान त आज बि पयळ -लोड़ी (खरल ) की ही जरूरत पड़दि जी।
चपड़ पत्थर याने खपटणा जन पत्थर त चौकम पस्वा क पास अज्युं बि कीच साफ़ करणो धर्युं रौंद। अर कुल्यांद दैं चपड़ पत्थर कथगा उपयोगी हूंद , हमन ध्यान नि दे। पाषाण युग कु फाळौ उपयोग आज बि उनी हूंद जन पाषाण युग मा हूंद छौ। ग्वाठम या पुंगड़म र्याड़ फिड़नो काम बि चपड़ पत्थर काम आंद।
जखम बसूला उपलब्ध नि हो उखम बि चपड़ किंतु पैनो पत्थर ही काम आंद। अर गुस्सा मा कैक घुंड लछ्याण हो तो इनि पत्थर काम आंद।
अग्यल याने लोहा और राड़ा पत्थर। अब त खैर अग्यलौ प्रयोग नि रै गे किन्तु एक समय छौ हर तमख्या अर गुठळ अग्यल कीसा उन्द धरदु छौ।
अर पळेंथर बि त पत्थरौ कु ही हूंद भाई साब।
एक समय छौ जब पयळ हर घर की शान छे जी शान। पयळ याने पत्थर की गैरी थाळी।
अर ढुंगळ संस्कृति म त आटु उलणो बान चपड़ी पटाळ अर तवा की जगा पत्थर ही काम आंद छौ अर आज बि।
जंदर , सिल-वट , उरख्यळ , घट -घराट तो आज बि पाषाण युग की याद दिलांदन जी।
खेल मा बि पत्थर उपकरण जरूरी छा जी। बाग़ बखरी , गार खिलण , गुच्छी खिलण या पत्थरूं ढेर फोड़ू खेल तो पत्थर जनित ही छन कि ना ?
चलो मान लींदा बल चिप्स युग मा पत्थर की बिलकुल जरूरत नि पोड़ली किन्तु बहिन जी ! पितर्वड़ धरणो त लोड़ी की ही आवश्यकता पोड़ल कि ना।
28/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
----- आप छन सम्पन गढ़वाली -----
Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Mockery in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Send-up in Garhwali Language Literature ; Best of Disdain in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language Literature ; Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature from Pauri Garhwal , Jokes ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal ; Best of Mockery in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य , जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes ; Garhwali Hasya , Jokes ; Garhwali skits , Jokes ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments