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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, February 11, 2018

वारणावत और मेडिकल टुरिज्म में छवि/ धारणा निर्माण का महत्व

उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म इतिहास व  विकास विपणन  -10

   Medical Tourism Development in Uttarakhand  (History Tourism )     - 10                   
  (Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Haridwar series--115  

  
उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ् विपणन प्रबंधन -भाग 115    

    लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ 
-- 
 दो दशक पहले मैंने जब विपणन प्रबंध पर लिखने की ठानी तो सर्वप्रथम महाभारत का ही अध्ययन हाथ में लिया।  महाभारत में ब्रैंडिंग व मार्केटिंग /विपणन प्रबंधन के कई आश्चर्यजनक सिद्धांत मिलते हैं।  
 माह्भारत के आदिपर्व के 142 भाग में वारणावत प्रकरण  है जो टूरिज्म  ब्रैंडिंग द्वारा छवि निर्माण का अनूठा उदाहरण है। 
जब युधिष्ठिर की प्रसिद्धि ऊंचाई पर पंहुचने लगी तो दुयोधन को चिंता होने लगी कि यही हाल रहा तो उसे हस्तिनापुर राज नहीं मिलेगा। दुर्योधन ने पण्डवों की हत्त्या हेतु अपने पिता से बात की और पांडवों को वारणावत भेजने की योजना बनाई। वारणावत की पहचान जौनसार भाभर (देहरादून ,उत्तराखंड )  से  भी की जाती है जहां दुर्योधन के समर्थक राजा थे।  पांडव वारणावत तभी जा सकते थे जब उनके मन में वारणावत के प्रति अच्छी ,आकर्षक छवि/ धारणा  बनती।  
   मेरा मानना  है कि राजा दुर्योधन बुद्धिमान थे उनकी बुद्धिमता महाभारत , आदि पर्व 142 /1 से 11 से भी पुष्टहोती है। बुद्धिमान राजा दुर्योधन व उसके भाइयों ने धन व समुचित सत्कार द्वारा आमात्यों वपरभावशाली लोगों को अपने वश में किया।  वे आमात्य व प्रभावशाली लोग चारों ओर वारणावत की चर्चाकरने लगे कि---" वारणावत एक चित्तार्शक स्थल है , वारणावत नगर बहुत  सुंदर  नगर है , वारणावत में इस समय भगवान शिव पूजा हेतु एक बड़ा मेला लग रहा है।  यह मेला पृथ्वी में सबसे मनोहर मेला है। "
      आमात्य व प्रभावशाली जन यत्र तत्र चर्चा करने लगे कि वारणावत पवित्र नगर तो है , नगर में रत्नों की कोई कमी नहीं है और वारणावत मनुष्य को मोहने  वाला स्थल है। 
      जब चर्चा शीर्ष (peek ) पर पंहुच गयी तो पांडवों के मन में  भी वारणावत जाने की प्रबल इच्छा हुयी। चर्चाएं वारणावत के प्रति अच्छी , मनमोहक  सकारात्मक धारणा बनाने में सफल हुईं। 
    कथ्यमाने तथा रम्ये नगरे वारणावते। 
   गमने पाण्डुपुत्राणां जज्ञे तत्र  मतिनृर्प।। 
        बुद्धिमान दुर्योधन ने जन सम्पर्क या मॉउथ पब्लिसिटी द्वारा  पांडवों के मन , बुद्धि व अहम् (चित्त ) में सकारात्मक वारणावत की छवि(Brand Image )  बनाई और विपणन शास्त्र(मार्केटिंग साइंस ) में यह उदाहरण सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक उदाहरण है।   पांडवों के चित्त (मन , बुद्धि व अहम् ) में  वारणावत एक सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल है की छवि/धारणा   दुर्योधन ने राजाज्ञा (विज्ञापन ) द्वारा न बनाकर अपितु मुंहजवानी /माउथ पब्लिसिटी द्वारा निर्मित हुयी । 
   उत्तराखंड टूरिज्म ब्रैंडिंग इतिहास दृष्टि से भी यह अध्याय महत्वपूर्ण है।  इस अध्याय से साफ़ जाहिर है कि वारणावत की पब्लिसिटी/बाइंडिंग  हस्तिनापुर राजधानी में हुआ।  राजधानी में किसी टूरिस्ट प्लेस की ब्रैंडिंग का अर्थ है टूरिस्ट प्लेस का प्रीमियम ब्रैंड में गिनती होना।  राजधानी में छवि निर्माण धीरे धीरे छोटे शहरों में गया होगा और उत्तराखंड  टूरिज्म को लाभ पंहुचा होगा। 

                  बुद्धिमान राजा दुर्योधन ने पर्यटक स्थल वारणावत छवि निर्माण में निम्न सिद्धांतो का प्रयोग किया -

                          माउथ पब्लिसिटी से विश्वास जगता है 

 राजाज्ञा या विज्ञापन से जरूरी नहीं है कि ग्राहक के मन में विश्वास  जगे किन्तु वर्ड -ऑफ़ -मार्केटिंग से ग्राहक के मन , बुद्धि व अहम्  (चित्त ) में सकारात्मक विश्वास या सकारात्मक धारणा बनती है ही है। 
   माउथ पब्लिसिटी से चर्चा निरंतर चलती ही रहती है।  माउथ पब्लिसिटी प्रभावशाली व ग्राहक सरलता से ब्रैंड को स्वीकारते हैं। 
  वर्ड ऑफ मार्केटिंग शीघ्र ही शुरुवात हो जाती है। 
   माउथ पब्लिसिटी सस्ती होती है।  
      इस अध्याय से जाहिर होता है कि महाभारत काल में हस्तिनापुर (हरियाणा व आस पास ) में उत्तराखंड पर्यटन के प्रति सकारात्मक भाव था।  

Copyright @ Bhishma Kukreti  11 /2 //2018   

Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी 

                                   
 References

1 -
भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल
2 - भीष्म कुकरेती , 2013 उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन , इंटरनेट श्रृंखला जारी
-
========स्वच्छ भारत , स्वस्थ  भारत , बुद्धिमान उत्तराखंड ======== 

  
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