उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, February 11, 2018

बन पिंडालू , पापड़ी , जंगली अरबी की सब्जी ,औषधीय व अन्य उपयोग और इतिहास

 History /Origin /introduction, Food uses , Economic Uses of  Himalayan  Gonatanthus  pumilus in Uttarakhand context 

          उत्तराखंड  परिपेक्ष  में  जंगल से उपलब्ध सब्जियों  का  इतिहास - 36 

              History of Wild Plant Vegetables ,  Agriculture and Food in Uttarakhand -  36                       
          
           उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --   77
       History of Agriculture , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes  in Uttarakhand -77
-  
      आलेख -भीष्म कुकरेती (वनस्पति व सांस्कृति शास्त्री ) 
-
वनस्पति शास्त्रीय नाम - Gonatanthus pumilus 
सामन्य अंग्रेजी नाम - Dwarf Gonatanthus 

हिंदी नाम -जंगली अरबी 
नेपाली नाम -पतरकच 
उत्तराखंडी नाम - बण पिंडाळू , पापड़ी /पपड़ी 
जन्मस्थल संबंधी सूचना - हिमालय में जनस्थल है। 
  बन पिंडालू बिलकुल पिंडालू जैसे ही होता है किन्तु इसके पत्तियों का रंग अधिक गहरा और पत्तियां हृदय नुमा , अधिक तिकोनी।  पत्तियां 8 -15 सेंटीमीटर लम्बी व 5 से 10 सेंटीमीटर चौड़ी होती हैं व लम्बे डंठल से जड़ या कंद जुडी होती है. पानी के नजदीक ही पाया जाता है। 
 औषधि उपयोग - पत्तियों  को मानव घाव व जानवरों के घाव पर एन्टीबायटिक रूप में लगाया जाता है।  जड़ों का उपयोग छाती दर्द उपचार में उपयोग होता है। कैंसर के इलाज हेतु भी उपयुक्त माना जा है। 

------------पत्तों से से गुंडळ ----
बन पिंडालू का गुंडळ या पत्यूड़ बनाने में उपयोग होता है - पत्तों को काटकर उसमे आलण  (छोला हुआ बेसन , मकई का आटा आदि ) नमक , मसाले मिलाकर  प्रेसर कूकर , अथवा बड़ी पत्तियों के अंदर डालकर तवे में या गरम राख में पकाकर केक बनाया जाता है।  फिर केक को काटकर गुंडळ के टुकड़ों को तेल , भांग के छौंके के साथ गरम किया जाता है।  ठंडा ही परोसा जाता है। 
  ----पत्तियों की सब्जी --
बन पिंडालू की पत्तियों से अलग या या अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर सब्जी बनाई जाती है। 
    ----कंद उपयोग -
कंद का उपयोग भी घरेलू पिंडालू जैसे ही कई भाजी बनाई जाती हैं , सुखी , थिंचोणी , तरीदार आदि।  मिश्रित सब्जी भी बनाई जाती हैं। 
 चूँकि बन पिंडालू अधिक चरचरा होता है तो धीरे धीरे बन पिंडालू का उपयोग घट रहा है 


Copyright@Bhishma Kukreti Mumbai 2018

Notes on History of Culinary, Gastronomy in Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Pithoragarh Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Doti Uttarakhand; History ofCulinary,Gastronomy in Dwarhat, Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Pithoragarh Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Champawat Uttarakhand; History ofCulinary,Gastronomy in Nainital Uttarakhand;History of Culinary,Gastronomy in Almora, Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Bageshwar Uttarakhand; History ofCulinary,Gastronomy in Udham Singh Nagar Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Chamoli Garhwal Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Rudraprayag, Garhwal Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Pauri Garhwal, Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Dehradun Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Tehri Garhwal  Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Uttarakhand Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Haridwar Uttarakhand; 

 ( उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; पिथोरागढ़ , कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ;चम्पावत कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; बागेश्वर कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; नैनीताल कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ;उधम सिंह नगर कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ;अल्मोड़ा कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; हरिद्वार , उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ;पौड़ी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ;चमोली गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; रुद्रप्रयाग गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; देहरादून गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; टिहरी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; उत्तरकाशी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास ; हिमालय  में कृषि व भोजन का इतिहास ;     उत्तर भारत में कृषि व भोजन का इतिहास ; उत्तराखंड , दक्षिण एसिया में कृषि व भोजन का इतिहास लेखमाला श्रृंखला )

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments