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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, February 11, 2018

भरंगी की सब्जी ,औषधीय व अन्य उपयोग और इतिहास

 History /Origin /introduction, Food uses , Economic Uses of  Himalayan Blue Fountain Bush   Clerodendrum serratum in Uttarakhand context 

          उत्तराखंड  परिपेक्ष  में  जंगल से उपलब्ध सब्जियों  का  इतिहास - 38

              History of Wild Plant Vegetables ,  Agriculture and Food in Uttarakhand -   38                    
         
           उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --   79
       History of Agriculture , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes  in Uttarakhand -79
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      आलेख -भीष्म कुकरेती (वनस्पति व सांस्कृति शास्त्री ) 
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वनस्पति शास्त्रीय नाम - Rotheca serratum, Clerodendrum serratum 
सामन्य अंग्रेजी नाम - Blue Fountain Bush 
हिंदी नाम -भरंगी 
नेपाली नाम - अखंडी 
उत्तराखंडी नाम -भरंगी  
 भरंगी की झाडी 1. 8 मित्र ऊंची हो सकती हैं। डंठल जोड़ में पत्तियां गुच्छे में पायी जाती हैं और फूल सफेद , नीले व बैंगनी रंग के होते हैं। 
जन्मस्थल संबंधी सूचना - पूर्वी भारत व श्रीलंका को भरंगी  का जन्मस्थल माना जाता है। 
संदर्भ पुस्तकों में वर्णन -
भरंगी का वर्णन धन्वन्तरी निघण्टु (ग्यारहवीं सदी से पहले ),कैयदेव निघण्टु , शो निघण्टु , रा निघण्टु , भाव प्रकाश निघंटु में उल्लेख हुआ है। 
  ----औषधीय उपयोग ---
  भारत,  श्रीलंका में भरंगी का उपयोग सब्जी हेतु कम दवा हेतु अधिक होता है और आयुर्वेद में भरंगी का महत्वपूर्ण स्थान है। भरंगी से बनाई गयी दवाइयां स्वास रोग , कफ , बुखार ,पेट दर्द ,क्षय रोग निवारण हेतु जले  व  घाव पर लगाए जाती हैं। सर्प दंश में भी उपयोग होता है। 
       ---भरंगी की सब्जी ----
भरंगी की पत्तियों से सब्जी बनाई जा सकती है किन्तु टॉक्सिक भय से बहुत काम उपयोग होता है।  आज तो सुनने में नहीं आता है।  भरंगी की हरी सब्जी अकाल या हीन समय में प्रयोग होता था। 
 हरी पत्तियों को धोकर उबाला जाता है (जिससे कडुवापन कम हो जाय ) . फिर कढ़ाई में तेल, जख्या , जीरा , अदरक , लहसुन , प्याज को छौंका जाता है , फिर टमाटर के साथ भूना  जाता है , फिर नमक ,मिर्च हल्दी ,धनिया ,  भांग का मसाले डाले जाते हैं व् कुछ देर पकाते हैं।  अब भरंगी के उबले पत्तियों को कढ़ाई में डालकर 5 मिनट तक पकाया जाता है।  गरमागरम परोसा जाता है , वैसे अरहर , चना दाल , मटर के साथ  भी पकाई जाती है।  भीगी दालें , गहथ , राजमा ,चना ,  सूंट के साथ भरंगी की पत्तियों का सूखा साग बनाया जाता है। बिना उबाले भी पालक जैसे सब्जी भी बनाई जाती है।  


Copyright@Bhishma Kukreti Mumbai 2018

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