Best of Garhwali Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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सरसु संघार दैंत संघार से बि कठिन युद्ध हूंद
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युद्ध पुराण व्यास ::: भीष्म कुकरेती
युद्ध पुराण व्यास ::: भीष्म कुकरेती
अथ: मतकण: (सरसु ) संहार अध्याय प्रारम्भ
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सरसु संघार कौंळ , विद्या , स्किल हरेक भारतीय तै आण जरूरी च इख तक कि मुकेश अम्बानी , अडानी अर असुद्दीन ओवैसी तैं बि। जी हाँ ! यूं बड़ आदिमुं तैं सरकारी ऑफिसक कुर्सी म बैठण पड़दि ह्वाल त सरसु , खटमल या बेडबगुं से पूठाभेंट त करणी पड़द ह्वेलि कि ना ? सरकारी दफ्तरक कुर्सी याने सरसुं दगड़ पूठाभेंट की सर्वोत्तम जगा।
हमर युग याने घी युग , याने डीडीटीबिहीन युग याने सरसुं , खटमलुं स्वर्णिम युग। तब हम तै पाटी दिखावो या ना दिखावो पर लिखल संघार , जूं संघार अर सरसु युद्ध अवश्य सिखाये जांद छा अर पारम्परिक शिक्षक ना तो नाळी लींद छा, ना सरकार से सब्सिडी लींद छा अर ना इ घमंड करदा छा। असल मा तब ब्वे बाब अपण बच्चों तै शिक्षा दीणम सरकार से मुवाजवा नि मंगद छा। तब जूं संघार व सरसु संघार की शिक्षा एक कर्तव्य माने जांद छौ।
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