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स्कूलम क्या पढ़ाण क्या नि पढ़ाण
चबोड़्या स्किट संकलन ::: भीष्म कुकरेती
--------चरित्र---------------
कैरा काका [हेडमास्टर कु घर्या नाम ]
घ्याळ दा [ विद्यार्थिक पिता कु घर्या नाम निकनेम ]
भगता - विद्यार्थी कु घर्या नाम
स्किट --
कैरा काका-शुभ प्रभात भगता , शुभ प्रभात कैरा काका।
घ्याळ दा- फंड धारो तै शुभ प्रभात तैं। मीम बिलकुल बगत नी च बेकार की बातुं कुणि।
कैरा काका-ठीक च जन आपकी मर्जी। मै लगद तुम कुछ छ्वीं लगाणो अयाँ छंवां ?
घ्याळ दा-मि तै लगद तुम जाणदा इ ह्वेल कि मि किलै अयुं ?
कैरा काका-ना।
घ्याळ दा [भगताक तरफ ]-ये बोल रै कि -
[भगता शर्मै जांद ]
कैरा काका- क्या बोल ?
घ्याळ दा- बोल जु तीन रात अपण ब्वेक समिण ब्वाल।
भगता - मरद अर जनान्युं संसर्ग से अधिकतर जनानी गर्भवती ह्वे जांदन।
कैरा काका-तो ?
घ्याळ दा-आपन सूण याल ना ?
कैरा काका-हाँ तो ?
घ्याळ दा-जरा मि तै समझाओ कि यो बड़ी परेशानी नी च ?
कैरा काका-क्या समझाओ ?
घ्याळ दा-कि म्यार बच्चा अपण माक समिण इन बात बुलणु च।
कैरा काका-मि तै लगणु च कि भगतान या बात जीवविज्ञान की क्लास मा सीख। है ! भगता ?
भगता - हाँ साब ।
कैरा काका-लड़का पढ़णम तेज लगणु च।
भगता - थैंक यु साब।
घ्याळ दा-मि इक शिकैत दर्ज कराणु अयुं छौं कि या क्या उयाद बात सिखाये जाणा छन ? स्कूलम बच्चौं तै इतना गंदी बात सिखाणा छंवां ? आप लोग ? क्या हूणु च यु ?
कैरा काका-हम आपक बच्चा तै सिखाणो कोशिस ...
घ्याळ दा-आप ? सचमुच मा ?
कैरा काका-हाँ।
घ्याळ दा-आप या बात सिखाणा छंवां ?
कैरा काका- हाँ।
घ्याळ दा- अर वू बि स्कूलम ?
कैरा काका-हां जी।
घ्याळ दा-कि बच्चा तै अपण ब्वै बाब तै कन शरम मा डाळण हैं ?
कैरा काका-नै नै इन हमर उदेयेश्य नी च कि …
घ्याळ दा-तुम अफु तै स्कूल बुल्दां ?
कैरा काका-अफु तैं ? ना।
घ्याळ दा-अरे आप सेवा करदा कि ना ?
कैरा काका-हाँ , पढ़ाण एक सेवा च।
घ्याळ दा-अर फिर तुम इन सिखान्दा कि एक बच्चा अपण मा से इन गंदी बात कारो। क्या इ सिखांदा तुम ?
कैरा काका-तो क्या भगता तै जीवविज्ञान की क्लास मा नि बिठाण ?
घ्याळ दा-नै बिठाण च। पर इन ऊलजलूल अर झूठी बात नि सिखाण।
कैरा काका-यी झूठी अर ऊलजलूल बात नि छन।
घ्याळ दा-क्या ? मतलब संसर्ग से स्त्री गर्भवती ह्वे जांदी गंदी अर ऊलजलूल बात नी च ?
कैरा काका-नही कतई नहीं।
घ्याळ दा-मतलब तुम स्वीकार करदा कि संसर्ग से गर्भवती ?
कैरा काका-हाँ , या बात सत्य च।
घ्याळ दा-म्यार गुंठा से। नई शिक्षा पद्धति कु यु मतबल नी च कि कुछ बि पढ़ाओ।
कैरा काका-संभोग संसर्ग जीवविज्ञान कु सिलेबस मा च जी।
घ्याळ दा-अरे आग लगाओ तै सिलेबस पर।
कैरा काका-तो आप इ बताओ कि सिलेबस मा क्या पढ़ाये जाव ?
घ्याळ दा-अरे कुछ बि ज्ञान ध्यान की बातें।
कैरा काका-अच्छा ! भगता आपकु नौनु च ?
घ्याळ दा-हाँ। क्यों ?
कैरा काका-तो आपक अर आपक पत्नी का मध्य कबि त संसर्ग ह्वेइ ह्वाल कि ना ? तबि त पुत्र।
घ्याळ दा-भगता ?
कैरा काका-हाँ ?
घ्याळ दा-वो तो साधारण ढंग से इ ह्वे।
कैरा काका-साधारण ढंग से ?
घ्याळ दा-हाँ।
कैरा काका-जरा साधारण ढंग तै समझाओ।
घ्याळ दा-साधारण ढंग से मतलब च कि कि …
कैरा काका-साधारण ढंग से क्या मतलब च ?
घ्याळ दा-साधारण ढंग कु मतलब च कि बच्चा हूणों वास्ता शादी हूण चयेंद।
कैरा काका-अच्छा फिर ?
घ्याळ दा-फिर कूड़ , फर्नीचर अर भोजन व्यवस्था।
कैरा काका-तीन टैम सम्पूर्ण आहार ?
घ्याळ दा-हाँ।
कैरा काका-अर फिर आपक ड्यारम बच्चा की किलकारी। हैं ना ?
घ्याळ दा-हाँ। फिर हमर बच्चा ह्वे याने भगता पैदा ह्वे।
कैरा काका-तो तुमर बुलणो अर्थ च कि तुमर बच्चा बगैर संसर्ग का ह्वे गे ? हैं ? असमान से भगवानन फेंकी अर तुमन उठै दे। है ना ?
घ्याळ दा-नै नै। भगवान तो ठीक च पर ब्वे बाबुं तै तो …
कैरा काका- घुण्ड हिलाण इ पड़दान कि ना ?
घ्याळ दा-नै नै। बिलकुल नहीं , बच्चा तो साधारण तरीका से ह्वे जांदन।
कैरा काका-तो ?
घ्याळ दा- यु जरूरी तो नी च कि तुम बच्चों तैं वही सिखावो जु अछेकी हूंद।
कैरा काका-मतलब जीवविज्ञान की कक्षा मा हम मास्टर सिखौला बल पैल लोग शादी करदन , कूड़ बणान्दन , पौष्टिक खाणक खांदन अर भगवान की कृपा से बच्चा पैदा ह्वे जांदन।
घ्याळ दा-नै इन बि ठीक नी च।
कैरा काका-क्या ठीक नी च ?
घ्याळ दा-कि पढ़ाये जाव बल बच्चा भगवान की ही कृपा से हूंद। झूठ बात नि ह्वे जाली?
कैरा काका-अरे यदि हम सिखाणा छंवां कि बच्चा औरत अर मर्द का संसर्ग से हूंद तो आप वै तै असभ्य तरीका समझदा अर यदि हम सिखौला कि बच्चा भगवान की हूंदन तो वा बात झूठ ह्वे जाल। फिर हम क्या कौरां ?
घ्याळ दा-नै पर। हाँ पर। नै। हाँ -
कैरा काका-नै पर ? हाँ पर ? क्या ?
घ्याळ दा-ठीक च जु सत्य च वो इ सिखावो पर जरा बच्चों तैब्वालो कि इन बात ब्वै -बाब से नि कारन।
कैरा काका-औ त सरा जुम्मेवारी बच्चों की अर शिक्षकों की ही च। ब्वै -बाबुंक क्वी जुमेवारी नी च ?
11/4/15 , संकलन -Bhishma Kukreti ,
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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