घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
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हमर इलाका मा कथगा इ पुरात्व भवन उजड़ी -बिजड़ी हरचणा छन। इनि एक आधुनिक भवन बि अब आर्किओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का तहत आण वाळ च याने जु अब उजड़न वाळ च। ये भवनकुण हमर क्षेत्र मा बुले जांद सि देखि लेदि दूध फैक्ट्रिक टुटकी लगीं च। याने मिल्क प्लांट उजड़णु च।
हमर इलाका मा दूधौ फैक्ट्री कनकै लग वांपर कथगा इ लोककथा क्षेत्र मा प्रचलित छन पर हमर लोक साहित्य का चितेरा जन कि हमर क्षेत्र याने अजमेर पट्टी का लोक साहित्य विशेषज्ञ डा दिनेश बलूनी यूँ तैं लोककथा नि माणदन तो श्रीनगर तर्फां डा राजेश्वर उनियाल या मथि मुल्क का डा नन्द किशोर ढौंडियाल कनै यूँ सत्य कथाओं तैं लोककथा मानि सकदन। डा बलूनी का माणन च कि चूँकि यूं कथा मा लोकसभा का वर्णन च त यी कथा लोककथा नि ह्वे सकदन। डा दिनेश का समर्थन मा डा ढौंडियाल बि ऐ गेन अर ऊँन ल्याख कि लोककथाओं मा लोकसभा ना राजा का दरबार हूण चयेंद।
खैर लोग डा बलूणी तैं ऊंक गाँव छोटी बागी, अजमेर मा ही , डा ढौंडियाल तैं कोटद्वार मा बि अर डा उनियाल तैं मुंबई मा बि गंभीरता पुर्बक नि लीन्दन तो हमर इलाका वाळ दूध फैक्ट्री की कथाओं तैं लोककथा ही बुल्दन।
एक लोककथा इन च -
उन त हमर भूतपूर्व सांसद राहुल गांधी का अनुयायी छन अर ऊंन इथगा सालुं मा लोकसभा मा राहुल गांधी तरां एक दिन बि जिबडु नि ख्वाल। पर वैदिन गलती से पार्टीन हमर एमपी याने सांसद तैं शून्य काल मा एक मिनट बुलणो समय दे द्याई। अर शून्य काल का एकदम बाद प्रधानमंत्री कु चीन सीमा विवाद पर बयान छौ तो स्पीकरन हमर सांसद तैं हिदायत दे कि एक मिनट से ज्यादा कतै नि बुलण। प्रधान मंत्री बि संसद मा उपस्थित छा। हमर सांसद तैं भाषण दीणो रोग त छौ पर पिछ्ला दस सालों मा लोकसभा मा मेज थपथपाणो अलावा बुलणो क्वी अनुभव नि छौ। हमर सांसदन रुणफती भौण जन कि कै मूसो शरीर मथि तुमर खुट ऐ जावो उनि किरांदी भौण मा बोलि दे कि म्यार क्षेत्र मा दूध की बड़ी किल्ल्त च तो इख मिल्क प्लांट लगण चयेंद। उन त प्रधानमंत्री इन बेकार की बातों पर कतै बि ध्यान नि दींदा छा किन्तु हमर सांसद का चूहा जन रूण /किराण वाळ भौण से द्रवित ह्वे गेन अर ऊंन इन सांत्वना दे जन कि सांसद की ब्वै मरी गे हो अर ब्वाल ," आप ससंद समय का बाद अपणी मांग एक पन्ना मा लेखिक मै तैं म्यार कैबिन मा दे देन। "
ससंद समय खतम हूणो बाद सांसद जी प्रधानमंत्री कक्ष मा गेन अर दूध फैक्ट्री खुलणो एक अप्लीकेसन देकि ऐगेन। जिंदगी मा पैल बार सांसद जीन जन भलाई का वास्ता अप्लीकेसन टाइप करे छे। अप्लीकेसन पढ़िक प्रधान्मन्त्रीक निम्न सचिवन बोल ," इखमा फैक्ट्री कखम लगण कु स्थान नि लिख्युं च? " सांसद कु हमर क्षेत्र याने यमकेश्वर विधान सभा क्षेत्र की विधायिका से बहुत दिनों से खटपट चलणि छे अर हर समय क्या सुपिन मा बि सांसद जीक मुख से यमकेश्वर क्षेत्र वालों को देख लूंगा जन वाक्य आंदा छा तो रगाबगी मा ऊंन यमकेश्वर क्षेत्र कु नाम बोलि दे अर सचिवन बि विषय मा लेखी दे - यमकेश्वर में दूध फैक्ट्री खोलने का औचित्य। सांसद जी अप्लीकेसन देकि भैर ऐ गेन।
इना प्रधान मंत्री का कक्ष मा चीन बॉर्डर पर मिलिट्री इनफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की अर्जेंट फ़ाइल बि मेज मा पड़ीं छे अर सचिव की गलती से यमकेश्वर मा दूध फैक्ट्री की अप्लिकेसन मिलिट्री इनफ्रास्ट्रक्चर की अर्जेंट फ़ाइल पुटुक चली गे।
प्रधानमंत्री अर हौर सचिवुँन वीं अप्लिकेसन मा लेखी दे बल यमकेश्वर क्षेत्र चूँकि चीन बॉर्डर का नजीक च तो छै मैना मा ख दूध फैक्ट्री खोले जाव। चूँकि विषय चीनी बॉर्डर कु छौ अर अप्लिकेसन मा प्रधानमंत्री का सही छा तो हमर क्षेत्र मा मिल्क प्लांट खुलणो योजना द्वी दिन मा पास ह्वे गे। चूँकि विषय मिलिट्री अर चीन बॉर्डर से संबंधित छौ , केंद्रीय बजट बि पास हुयुं छौ तो उत्तराखंड सरकार का प्रशासकोंन बीस दिन मा जगा बि ख्वाज अर बीस दिनों मा आर्किटेक्ट स्ट्रक्चर की रूप रेखा बि बणै दे। जैकाम पर पांच साल लगदन उ काम बीस दिन मा ह्वे गे अर बाइसवाँ दिन से फैक्ट्री निर्माण कु काम बि शुरू ह्वे गे।
चूँकि ब्लॉक प्रमुख अर ग्राम प्रधान आदि तैं यीं योजना से क्वी फायदा नि छौ त ऊंन ध्यान बि नि दे कि क्या हूणु च। सांसद जी चिरडे गेन कि दूध की फैक्ट्री यमकेश्वर विधान सभा क्षेत्र मा लगणी च अर विधायिका चिरड़े गे कि जै क्षेत्र मा वीं तैं वोट नि मिल्दन ऊख फैक्ट्री खुलणि च तो दुयाक द्वी दिखणो बि नि ऐन कि दूध की फैक्ट्री कन बणनि च।
चूँकि हमर गाँवमा स्थानीय मजदूर हर्ची गेन तो हमर क्षेत्र वाळु पर फरक बि नि पोड कि फैक्ट्री निर्माण हूणु च। निर्माण ठेकेदार अपर दगड़ कोटद्वार से नेपाली , बंगलादेशी , पूर्वी भारत का मजदूरूं से समयबद्ध तरीका से फैक्ट्री निर्माण मा व्यस्त छौ।
पर धीरे धीरे गांवुं मा छ्वीं लगण बैठिन कि अब ये कूड़ से दुधै छवाया फुटल , कैन बोल बल मिलक फैकटरी से नळको जन दूध गाँव गाँव पंहुचाये जाल। क्वी बुलणु छौ बल दूधौ फैक्ट्री से कूल गाडे जालि अर तब दूध घर घर पौंछल।
सरा क्षेत्र का लोग खुस छा कि अब रासन , शराब , चॉकलेट जन दूध बि गांऊं मा उपलब्ध ह्वे जाल।
पैल पहल मास्टर लोगुंन कार। उन अपण गौड़ी -भैंसी बेचीं देन कि जब फैक्ट्री से दूध मिलण लग जाल तो बेकार मा गौड़ी पाळणै मेनत किलै करे जाव। कुछ दिन वो बजार से दूध मंगाण गीजि गेन।
मास्टरुं की देखादेखी हौर लोग बि अपण गौड़ी -भैंसी नजीबाबाद बेचीं ऐ गेन । अर अबै जनसंख्या आकलन मा हमर क्षेत्र का गांऊं मा एक बि गौड़ी -भैंसी नि पाये गे। सरा क्षेत्र गौड़ी -भैंस बिहीन ह्वे गे।
इना दूध की फैक्ट्री अपण समय पर तैयार ह्वे गे। चूँकि सांसद अर विधायिका मा गरुड़ -गुराव जन बैर छौ तो दुयुं मादे दूध फैक्ट्री शुभारम्भ करणो क्वी बि तयार नि ह्वे। इख तलक कि स्थानीय नेताऊँ कैंची बि हर्ची गे छे।
फैक्ट्रीक जनरल मैनेजरन लाल रिबन काटिक उद्घाटन कार।
अब जब फैक्ट्री खुली गे तो स्थानीय लोग दूध खरीदणो फैक्ट्री ऐन पर फैक्ट्री मा दूध कु नामो निशाण नि छौ , उल्टां फैक्ट्री का कारीगर गाऊं मा दूध खरीदणो जाणा छा कि हम तैं दूध द्यावो हम दूध पैक करिक दूध बिचला।
लोग बेहोश हूणा छा कि या दूध की कन फैक्ट्री च ज्वा दूध निर्माण की जगा लोगुं से दूध खरीदी करण चाणी च। लोगुं तैं अब जैक पता चल कि दूध की फैक्ट्री माने दूध कु पास्चराइजेसन अर दूध कु पैकिंग। ये मेरी ब्वे ! घ्वाड़ा चढ़णो खरीद छौ अर घ्वाड़ा बुकण पड़णु च।
दूध फैक्ट्रीक कारिंदोंन क्षेत्रीय लोगुं से विनती कार कि गौड़ -भैंस पाळो अर दूध हमम ब्याचो। पर हमर तरफां लोग अपण मान सम्मान की रक्षा मा अग्वाड़ी छन अर कैन बि गौड़ -भैंस पळण मुनासिब नि समझ अरे गढ़वाली अर दूध ब्याचल ?
दूध फैक्ट्री तैं जब गाउँ से दूध नि मील तो कुछ समय बाद फैक्ट्री बंद करे गे अर फैक्ट्री मशीनरी कखि हौर जगा स्थानांतरित करे गे। अब दूध फैक्ट्री भवन टूटी फूटी गे अर ऊख सुंगरुं बसेरा ह्वे गे।
जख तलक लोगुं सवाल च ऊंकुण फैक्ट्री क उजड़न नई बात नी च। गां मा हर साल एक प्रवासी कूड़ उजड़णि ही रौंद तो फैक्ट्री बि उजड़ी गे तो क्या ह्वे गे। यीं फैक्ट्री देखिक लोग बुल्दन - स्या देखो दूधै फैक्ट्री टुटकी लगीं च !
मॉरल ऑफ दि स्टोरी - स्थानीय लोगुं रजामंदी अर सम्मलितीकरण विकास योजना मा आवश्यक च।
Copyright@ Bhishma Kukreti 15/6/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
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