घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
एक जनानी - हे ममता दीदी ! इ क्या तू हमर गां कब ऐ अर रात कैक घौर ठैरीं छे ?
ममता - ये बिसनी ! मि त अपणि गाँव बिटेन आणु छौं।
बिसनी - हैं , ह्यां पण अबि त घाम तक नि आयि अर तू हमर गां पौंछि गे ? रतखुनी बि नि ह्वे होलि कि तू अपण गाँ बिटेन पैटी गे होलि हैं ?
ममता - भुली ! जै पर बितदी च ना वैकुण क्या दिन क्या रात ! बिजोग पड्युं च।
बिसनी -हाँ मीन सूण च बल एक साल बिटेन तुम लोग बिपदा भुगणा छंवां बल !
ममता - नि याद दिला भूलि , सन 2013 त मेरी ब्वे ! क्या क्या नि भुगण पोड़। मेरी कुटुम्बै जिठाण अर मि बजार बिटेन इकदगड़ि एकी दुकान बिटेन दूधक थैली लांद छा। मेरी जिठाण त दूध बि पींदी छे , दही बि जमान्द छे अर म्यार लयाँ दूध पर आंदि कीड़ पोड़ जांद छा।
बिसनी - ये मेरी ब्वे !दूध मा चाहे थैलिक दूध हो बड़ो अपशकुन हूंद।
ममता -वी त बुलणु छौं। फिर पोरुक साल क्या सुंदर बीपीएल कु कार्ड ( below poverty line ) बणन वाळ छौ कि कैन लिखित भाँचि मारी दे कि म्यार कजै दिल्ली बड़ी नौकरी मा च।
बिसनी - मि त बची ग्यों। भलो ह्वेन पटवारी मामाक कि खूब कमाई हूणों बाद बि हम तै बीपीएल कार्ड मिल गे। पटवारी मामाक अर प्रधान ज्योरूक दया से मनरेगा स्कीम मा बि म्यार नाम च।
Copyright@ Bhishma Kukreti 22/6/2014
*लेख में स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
ममता -हमर त बुरा दिन चलणा रैन। मनरेगा , जनरेगा , कुजाणकुरेगा जन सबि स्कीम बिटेन हमर नाम कटि गे। बड़ो बुरो साल गुजर।
बिसनी -हाँ इन स्कीमुं से नाम कटण से बड़ो अपशकुन ह्वेइ नि सकद। कुछ टूण टण मण नि कार ?
ममता -भौत कार पर कुछ नि ह्वे। फिर बकीन बोल बल म्यार बड्या ससुर जीक हंत्या लगीं च।
बिसनी - बड्या ससुर ? मीन त कबि नि देखिन !
ममता -हाँ वु दिल्ली रौंदा छा। आज हम जु बि छंवां ऊंकी वजै से छंवां। ऊनि त म्यार घुत्ता क बुबाजी तैं पढ़ै लिखै। ऊ उखी दिल्ली ही खतम ह्वेन। क्वी दसेक साल ह्वे गेन ऊँ तैं गुजर्यां।
बिसनी -त अब आयि ऊंक हंत्या ?
ममता -हाँ , अब आइ ऊंक हंत्या।
बिसनी - क्या बताइ पुछेर -बकीन ?
ममता -क्या बताण छौ। बड्या ससुर की मोरद दैं कोदाक रुटी , झंग्वर , अर गहथुं फाणु खाणै इच्छा छे पर बगैर कोदाक रुटी , झंग्वर , अर गहथुं फाणु खयाँ परलोक चली गेन।
बिसनी -इ राम दा ! बिचारा बगैर कोदाक रुटी , झंग्वर , अर गहथुं फाणु खयाँ परलोक चली गेन ?
ममता -हाँ अर अब बाक मा बक्कीन बोल कि बड्या ससुरक आखिरी इच्छा पूर करण जरूरी च। तो हंत्या घड्यळ मा पौन पश्वा तैं चुनाक रुटि , झंग्वर अर फाणु खलाण जरुरी च।
बिसनी - हाँ ! अपण बड्या ससुर जीक आखिरी इच्छा हंत्या घड्यळ मा जरूर पूरी करी दे। बिचारा अबि बि कोदाक रुटी , झंग्वर , अर गहथुं फाणु खुज्याणा होला।
ममता -हाँ यांकी त रूण च
बिसनी -ना ना ! तुमर बड्या ससुर जीन तुमकुण इथगा कार तो त्वे तैं ऊंकी इच्छा जरूर पूरी करण चयेंद।
ममता -ह्यां पर कनकै बड्या ससुर जीक इच्छा पूरी करण ?
बिसनी - कनो जागरी नी मिलणु च ?
ममता -ना जागरी त मिल गेन पर समस्या कुछ हौरि च।
बिसनी -ना ये दीदी , अपण बड्या ससुर जीक इच्छा पूरी करण आवश्यक च हाँ !
ममता -हाँ पर क्वादो चून , झंग्वर अर गहथ बि त चयाणा छन।
बिसनी - कनो ?
ममता -हम तैं त क्वादु , झंग्वर अर गहथ दिख्यां आठ साल ह्वे गेन।
बिसनी -हाँ !
ममता -ब्याळि मि अपण गांवक न्याड़ ध्वार का सात गां घूम पर कै बि गां मा एक बि दाणी क्वाद , झंग्वर अर गहथ नि मील। ऊना भौत सा बच्चोंन त क्वाद , झंग्वर अर गहथ कि दाणि बि नि देख। अब आस मा त्यार गौं अयुं छौं कि इकै मुठ क्वाद , झंग्वर अर गहथ मिल जालो।
बिसनी - ये मेरी ब्वे …
ममता -तू रुणि किलै छे ?
बिसनी - यां हमर गाँव वाळुन क्वाद , झंग्वर अर गहथ दिख्यां सात आठ साल ह्वे गेन। अर हमर गां त छोड़ आस पास का कै बि गां मा कुछ नि मिल सकुद। पैल क्वाद , झंग्वर अर गहथ कोटद्वारम मील बि जांद छौ पर अब कोटद्वारम बि यी चीज नि मिल्दन।
ममता -हैं ? तुमर क्षेत्र मा बि क्वाद , झंग्वर अर गहथक हरचंत ह्वे गे?
बिसनी -हाँ कखि बि नि मीलल।
ममता -अब क्या कौर मि। जब कोटद्वारम नि यी अनाज नि मिलद त क्या कौरु?
बिसनी - बस एकी उम्मीद च।
ममता -कख ?
बिसनी -देहरादून …
ममता -देहरादून ? जब कोटद्वारम नि मीलल तो देहरादून मा कनकै मीलल ?
बिसनी -ह्यां ! हिमाचल अर कश्मीर से जख्या , लुब्या ,क्वाद , झंग्वर अर गहथ देहरादून का दुकान्युं मा आंद।
ममता -औ त कै तैं क्वाद , झंग्वर अर गहथ बान देहरादून भिजण ही पोड़ल
बिसनी - हाँ देहरादून भिजण ही पोड़ल।
ममता -धन्य छन ऊ कश्मीरी अर हिमाचली लोग जु क्वाद , झंग्वर अर गहथ उगाणा छन।
बिसनी -हाँ ऊंकी परताप सै हम गढ़वळी पहाड़ी अनाज खै लींदा ! Copyright@ Bhishma Kukreti 22/6/2014
*लेख में स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
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