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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, June 30, 2014

अजकाल मोदी स्टाइल मा प्रजेंटेसन दिखणो कम्पीटीसन चलणु च

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      
                     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )


अचकाल , कखिम बि , कै बि टैम , कै तैं कुछ पूछो वु कड़क ह्वेक बुल्दु ," ठीक से प्रजेंटेसन दे !"। मोदी सरकार आण से इण्डिया मा अच्छा दिन आइ गेन  कि अबि आण बाकी छन ,  मंहगाई की कमर टूटी ह्वे या ना किंतु कै हैंक से प्रेजेंटेसन मांगणो फैशन बड़ो जोरों से चलण मिसे गे। 
अबि मि परसि कोलकत्ता जयुं छौ त चाइना टाउन मा एक लेफ्टिस्ट बुद्धि जीवी एक कखड़ी बिचण वाळ से बचळयाणु छौ। 
लेफ्टिस्ट इंटेलेक्चुअल - त्वी छे ना कखड़ी बेचणु ?
कखड़ी व्यापारी -हाँ , कै तैं कुछ कन्फ्यूजन च ?
लेफ्टिस्ट बुद्धिजीवी -ठीक च जरा प्रोफेसनल वे मा प्रेजेंटेसन देकि बतादी कि तेरी कखड़ी काबिल कखड़ी छन। 
कखड़ी विक्रेता -बाममार्गी जी ! जु मि प्रेजेंटेसन दीण जि जाणदु त मि तैं भाजपा से  लोकसभा टिकेट नि मिल जांद।  मेरी जगा चन्दन मित्रा तैं टिकेट मील किलैकि वै तैं प्रजेंटेसन दीण आंद च।
इनि अचकाल केश कर्तानलयुं मा रोज कहा सुनी हूणि रौंद।  केश धारक केश कटण वाळ नाइ से कम्प्यूटर का जरिया बाळुं नया  नया फैसन का प्रजेंटेसन की मांग करणा रौंदन अर हर बार नाइ सफाई दींद ," जु मि तैं कम्प्यूटर चलाण जि आंद,  त मि कम्प्यूटर लर्निंग क्लास ना सै इंटरनेट कैफे नि खोलि दींदु ?"
केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा तो नरेंद्र मोदी क प्रजेंटेसन स्टाइल से बड़ा परेशान छन।  कलराज मिश्रा जी तैं अब पता लग कि किलै लाल जी टंडन अर कैलाश जोशी सरीखा दिग्गज नेताओंन चुनाव लड़न से इनकार कार।  सब तैं पता छौ कि मंत्री बणनो बाद मोदीक समिण प्रजेंटेसन दीण पोड़ल अर दगड़ मा दिनांक का हिसाब से कु काम कै दिन पूरु ह्वे जाल बि बताण पोड़ल।  कलराज मिश्रा जीन प्रजेंटेसन दीण सिखणो बान चार पांच क्रैश कोर्स बि करि आलिन किन्तु सुणन मा अयि कि अबि बि कलराज मिश्रा पर प्रजेंटेसन नाम सुणिक ही कंपकंपी छूट जांद।  
कॉंग्रेस जु नरेंद्र मोदीक गुजरात मॉडल अर अधिनायक वाद से खार खांदी , ज्वा पार्टी अबि बि बुलणि च कि नरेंद्र मोदी की क्वी लहर नि छे अपितु मनमोहन सरकार का विरुद्ध लहर छे वा पार्टी बि अब प्रजेंटेसन फॉर्मूला का जरिया सिद्ध करणी च कि लोकसभा चुनाव की हार कॉंग्रेस की हार च अर यीं हार मा राहुल गांधी कु नेतृत्व अपण पीक (उच्च चोटी ) पर पौंच।  नितरसि कॉंग्रेस का ऑफिस मा कॉंग्रेस कोर कमेटी की कछेड़ी मा चुनाव विश्लेषण पर एक कम्पनीन पावर प्वाइंट प्रजेंटेसन इन दे -
प्रोडक्ट - राहुल गांधी जी  कॉंग्रेस मा सर्वमान्य पसंदीदा परसन छन । 
प्राइस - मनमोहन सरकार की प्राइस राइज पॉलिसी से राहुल गांधी जी तैं बहुत नुकसान ह्वे। इलै सबि प्रदेशों अध्यक्षों तै बदलण जरुरी च। 
पब्लिसिटी - पीपल (जनता ) जाहिल छन ।   राहुल गांधी का अंग्रेजी पोस्टर  की भाषा जनता अबि बि नी समझ सकणी च।  इलै कॉंग्रेस का सभी महासचिवों तै इस्तीफा दीण चयेंद। 
प्लेसमेंट - मनमोहन सरकार की नाकामयाबी छे कि अपण पॉलिसी क्रियावन्नित नि कार साक इलै प्रदेशो का मुख्यमंत्री बदलेण चयेंदन। 
पीपल - जनता थर्ड क्लास च। इलै कॉंग्रेस मा जिला स्तर पर बदलाव जरूरी च।  
नरेंद्र मोदीक प्रजेंटेसन फैसन कु असर मुलायम सिंग पर बि ह्वे गे।  वैदिन एक मीटिंग मा बुलणा छा ," सभी यादवों और मुसलमान भाइयों को अब प्रजेंटेसन सीखना ही होगा और खतरे में आया हुआ सेक्युलरिज्म को बचाना होगा। "
लालू प्रसाद यादव का हिसाब से त प्रजेंटेसन शब्द ही नॉन सेक्युलर च तो ऊंक पार्टी मा प्रजेंटेसन पर रोक च। 
म्यार ड्यारम बि प्रजेंटेसनौ रोग लग गे। 
ड्यारम त मि सिगरेट पे सकुद किन्तु मि तैं दिन मा द्वी-चार  बीड़ी पीणो नि मील तो मि तैं लगदो इ नी च कि मीन सिग्रेटौ धुंवा उड़ाइ।  वाइफ कु बुलण च कि बीड़ी फेमिली इमेज का वास्ता हानिकारक च।  इनि हम आठ दस लोग छंवां जु फेमिली इमेज का चक्कर मा ड्यारम बीड़ी नि पे सकदा।  हम सब घाम अछल्याण पर अपण मुहल्ला से दूर एक बेंच मा बैठिक चर चर बीड्युं पर फ़काफ़क सुट्टा मरदवां अर फिर बगीचा मा घुमणो जांदवां।  वाइफ समजदी मि स्वास्थ्य लाभ हेतु स्याम दैं जॉगिंग करणो जांद पर मेरो असली मकसद त बीड्यूं पर सुट्टा मारण रौंद।
ब्याळि मि जनि घुमणो तयार हों कि वाइफन ब्वाल - कख जाणा छंवां ?
मि -सद्यानो तरां घुमणो !
वाइफ - पैल कम्प्यूटर से फॉर्मल प्रजेंटेसन द्यावो कि तुम तैं घुमण जरूरी च कि ना ? अब ये घर मा बगैर प्रजेंटेसन दियां चाय बि नि पिए जाली। 
वाइफन कम्प्यूटर ऑन कार अर मीन पावर प्वाइंट मा प्रजेंटेसन दे। 
परपज (उद्येस्य ) - स्वास्थ्य लाभ अर बोरियत भगाण 
                           कार्य 
१- प्रणायाम - हवा भीतर लीण अर भैर खैंचण ( मीन झूट नि ल्याख किलैकि बीड़ी पीण मा यि सब करणी पोड़द ) 
२- चक्षु ध्यान - चक्षु सेकन प्रक्रिया से आंखुं स्वास्थ्य बढ़ाण। (मि झूट तब बि नी छौ किलैकि आंद जांद जनान्युं पर ध्यान से हम बुड्या चक्षु सेकन कार्य बड़ी चतुराई से करणा रौंदा )
३- घुमण 
४- कथगा लोग - छ -सात लोग 
५- कब तक - छै बजि से साडे सात तक 
६- कथगा खर्चा - कुछ ना ( बीड्युं खर्चा तो हम बच्चों कीसौंदन इनि चुरै लींदा )
जब मीन प्रजेंटेसन पूरु कार दे तबी जैक मि बीड़ी क्लब जै सौकुं।  ऊख पता चौल कि अजकाल सब्युं ड्यार प्रजेंटेसन कु भूत लग्युं च अर आज हरेक देर से आई किलैकि सब तैं अपण वाइफ तैं प्रजेंटेसन जि दीण छौ ।
घूम घामिक ड्यार औं तो मेरी वाइफ हमारी  नौकरी करदार बहु तैं पावर प्वाइंट का जरिया प्रेजेंटेसन दीणी छे - 
विषय - सासुओं को K टाइप सीरियल देखना क्यों आवश्यक है ?






Copyright@  Bhishma Kukreti  27 /6/2014   
    

*लेख में  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । 


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