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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, June 9, 2014

कखि प्र.मं. नरेंद्र मोदी जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस दिखणौ आल त ?

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

               अजकाल सबि जगा नरेंद्र मोदी की ही चर्चा च। अबि द्वी -तीन दिन पैल नरेंद्र मोदिन केंद्रीय मंत्रालयुं सेक्रेटिर्युं मीटिंग मा ब्वाल बल सब्युं तैं अपण कार्यालय मा सफै ध्यान रखण पोड़ल अर ऑफिस मा कखि बि फाइलुं  चट्टा नि दिखण चयेंद।  अहमदाबाद मा नरेंद्र मोदिका नजदीकी बुल्दन बल नरेंद्र मोदी तैं गंदगी अर फाइलुं से इनि  चिढ़ च जन ममता दीदी तैं कम्युनिस्टुं  से चिढ च।  
   दिल्ली मा नरेंद्र मोदिका कुछ करिब्यूंन मि तै सूचना देकि नरेंद्र मोदी  कखि बि , कै बि शहर मा बगैर बतायां केंद्रीय कार्यालय दिखणो जाण वाळ छन। अर नरेंद्र मोदीक सरकारी दफ्तर दिखणो मुख्य उद्येस्य रालु कि दफ्तर मा सफै च कि ना अर सब फ़ाइल निबटाइं छन कि ना।   
बस जैदिन बिटेन नरेंद्र मोदीक करीबीन सूचना दे कि प्रधान मंत्री केंद्रीय सरकार का कै बि कार्यालय की बगैर सूचना दियां चेकिंग कर सकदन तो मेरी भूक -तीस -निंद हर्ची गे। मि डर्युं छौं कि कखि नरेंद्र मोदी हमारा प्यारा पोस्ट ऑफिस दिखणो ऐ गया तो क्या ह्वाल ?
            हरेक भारतीय सरकारी दफ्तर अर सरकारी कर्मचारी -कारिंदा से चिरड्यान्द च फिर चाहे उ दफ्तर रासन कार्ड बणाणो हो , ब्लॉक हो , पीएफ -पेन्सन ऑफिस हो , बिजली -पाणी दफ्तर हो आम भारतीय यूं दफ्तरुं मा आण नि चाँद अर भगवान याने सेक्युलर खुदा से ख्वाइस करद कि कबि बि कै सरकारी कर्मचारी से क्वी काम नि पड़ो।  
सरकारी दफ्तरों व सरकारी कर्मचार्युं मा एकि सिरफ़ एकी सरकारी दफ्तर च जै से आम भारतीय घृणा नि करद अर एकी सरकारी कर्मचारी च जैसे हरिया काका जन मजदूर अर मुकेश अम्बानी सरीखा धन्ना सेठ बि वै सरकारी कर्मचारी से प्रेम करद अर वु सरकारी कर्मचारी छन पोस्ट ऑफिस का पोस्टमैन अर पोस्ट ऑफिस का कर्मचारी।  आप इनकम टैक्स कमिश्नर तैं  कोढ़ी हूणों श्राप दीणा रैल्या  किन्तु पोस्टमैन अर पोस्ट मास्टर , पोस्ट ऑफिस का रजिस्ट्री बाबू या टिकेट -स्टैम्प बाबू तैं कबि बि तुमन गाळी नि दे होलि।  रोज तुम रिस्तेदारुं  आण से अर मेमानुं खिदमत से तुम परेसान ह्वे जैल्या किन्तु तुम ईश्वर याने सेक्युलर खुदा से इबादत करदां कि पोस्टमैन रोज तुमर ड्यार आवु।  आज चाहे सूचना प्रसारण का कथगा ही माध्यम ऐ गेन , टेलीग्राम बंद ह्वे गेन पर डाकिया  बाबू से हमर प्रेम खतम नि ह्वे। 
 इनि मुंबई मा जोगेश्वरी मा पोस्ट ऑफिस च , जख पोस्ट मास्टर बाबू जी छन , रजिस्ट्री बाबू जी छन , सेविंग अकाउंट बाबू जी छन , अर अब त बिजली -टेलीफोन बिल का बाबू जी छन अर सबसे बड़ा छन हमर पोस्टमैन साब।  मि अपण घौर का बाद पोस्ट ऑफिस से प्रेम करुद।  रिस्तेदारुं से अधिक मि पोस्टमैन साब तैं इज्जत दींदु। 
मि तैं डौर लगणी च कि कखि अपण प्रधान मंत्री जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस चेक करणो ऐ तो क्या ह्वाल ?डॉरान म्यार प्राण सुकि जांद। 
           सबसे पैल त पता इ नि चलद कि पोस्ट ऑफिस कखम च।  सरकारी फ़ाइल का हिसाब से एक दीवार पर दिशा मार्गदर्शक तीर का साथ पोस्ट ऑफिस का बोर्ड लग्युं च किंतु असलियत मा वीं दीवार पर ट्युसन क्लासेज , समाप्त हुयी जवानी पुनः प्राप्त करें , साडी -रसगुल्ला सेल आदि का बोर्ड इथगा ज्यादा छन कि पोस्ट ऑफिसौ साइन बोर्ड दिखेंद इ नी च।  हाँ रोड साइड पर द्वी हरा अर लाल लेटर बॉक्स देखिक अंदाज लगाण पोड़ल कि सैत च ह्वे सकुद च इखपुण कखि पोस्ट ऑफिस ह्वावु।  लेटर बॉक्स का पास पोस्ट ऑफिस हूणै गारंटी नी च किलैकि मुंबई मा रेलवे स्टेसन या बस स्टौपूं पास लाल लेटर बॉक्स मिल जांदन। हाँ जखम पोस्ट ऑफिस ह्वाऊ उखम लेटर बॉक्स की गारंटी हूंद।  जोगेश्वरी मा नटवर नगर रोड पर लेटर बॉक्स से पता नि चलुद कि इखम पोस्ट ऑफिस च पर लेटर बॉक्सुँ पास एक टेबल पर रजिस्ट्री , मन्योडर आदि कु काम करण वाळ से अवश्य पता चल जांद कि इखम अवश्य ही पोस्ट ऑफिस च।  जोगेश्वरी मा बि लाल हौर लेटर बॉक्सुँ पास की एक टेबल मा रजिस्ट्री , मन्योडर फौर्मुं से पता चल जांद कि जरूर इखपुण कखि पोस्ट ऑफिस च। टेबल पर पोस्ट ऑफिस कंसल्टेंट की दुकान हूंद। 
      मि तैं डौर च कि जब नरेंद्र मोदी जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस विजिट पर आला तो मोदी जी तैं रोड  का किनारा टेबल लगैक बैठ्युं पोस्ट ऑफिस सलाहकार से ही पता लगल कि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस कखम च।  खैर मोदी जि एक ग़ुरबट जन रस्ता से बिल्डिंग भितर पोस्ट ऑफिस का समणि जाला तो मोदीजिन अपण सेक्रेटरी से सीधा बुलण कि अंग्रेजुं जमानो मा सि लग्युं पुराणो धुराणो साइन बोर्ड बदला तो सेक्रेट्रिन बुलण कि चूँकि सरकार खामखाँ का खर्चा बचाणो बच्चनबद्ध च तो बोर्ड नि बदले सक्यांद।  यांपर मोदीजी सेक्रेटरी से ब्वालल कि बोर्ड नि बदल सक्यांद  तो  साइन बोर्ड दुबर पेंट तो कारो।  इखपर सेक्रेटरी कु जबाब होलु कि चूंकि पोस्ट ऑफिस एक रिहायसी बिल्डिंग मा च तो साइन बोर्ड का वास्ता आधा फ़ीट चौड़ु अर द्वी फ़ीट बोर्ड ही लग सकुद अर बोर्ड पर पेंटिंग करे जाल तो बोर्ड मा चार भाषाऊं अंग्रेजी , मराठी , हिंदी अर उर्दू मा इबारत लिखण पोड़ल अर बोर्ड कु साइज इन च कि चार त क्या एक भाषा मा बि अड्रेस पेंट नि ह्वे सकुद।  बिचारा नरेंद्र मोदी निरसे जाला कि प्रधान मंत्री ह्वेक बि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस तैं नया बोर्ड नि दे सकदन। 
निरस्यां नरेंद्र मोदी जनि पोस्ट ऑफिसक ड्वार पर जाला तो ऊंक समझ मा नि आल कि वु पोस्ट ऑफिस मा अयां छन कि कै गोडाउन मा अयां छन अर पोस्ट मैनूं तैं छोड़िक यु पता लगाण कठण ह्वे जाल कि ग्राहक कु छन अर पोस्ट ऑफिस का कारिंदा कु छन।  कारिंदौ कुण टेबल छन , कुर्सी छन किन्तु सुबेर इथगा अधिक डाक आदि कि हरेक टेबल अर कुर्सी मा डाक ही डाक धर्युं रौंद अर डाकिया व डाक विभाग का बाबू व चतुर्थ श्रेणी का कारिंदा डाक छंटण मा व्यस्त रौंदन।  इन मा अधिकतर ग्राहक बीच मा गलती से घुस जांदन अर जन कि सब जाणदन कि हिन्दुस्तान मा पोस्ट ऑफिस का ही सरकारी कारिंदा इन छन जो जनता तैं झिड़कद नि छन तो ग्राहकुं तैं हौर ग्राहक ही बतांदन कि जना  खिड़की छन ऊना रजिस्ट्री , मन्योडर , सेविंग, स्टैम्प बिक्री , बिल भरान आदि कु काम हूंद। भारत मा पोस्ट ऑफिस ही एक इन कार्यालय हूंदन जख आप तैं सरकारी कर्मचारी ना त सींद मीलल ना ही निठल्ला मीलल अर मोदीजी अवश्य ही पोस्ट ऑफिस का कारिंदों व्यस्तता से पुळयाल अर भविष्य मा उत्तराखंड हॉर्टिकल्चर विभाग का निट्ठल्ला कर्मचार्युं तैं भाषण दयाला कि काम करण सिखण हो तो जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस का कर्मचार्युं से सीखो। 
मोदी जी जब पोस्ट ऑफिस की मेज कुर्सी द्याखल तो कुर्सी -मेजुं रंग देखिक दंग रै जाला कि लकड़ी को रंग इन अजीब किलै ह्वे गे।  पोस्ट ऑफिस की रिपोर्ट बतांद कि कबि एक इंच मोटी परत की अर एक बाई एक पाया वाळ मेज ये पोस्ट ऑफिस मा  भिजे गे छे किन्तु रुपयों की सेविंग का साथ पोस्ट ऑफिस की मेजों पर धूल -गर्द आदि की भी सेविंग बड़ी तत्परता से हूंद तो अब हरेक मेज की  परत की मोटाई तकरीबन चार इंच ह्वे गे अब धूळ -गर्द अर मेज की लकड़ी मा फर्क करण मुस्किल च।  नरेंद्र भाई अपण सेक्रेटरी तैं मेज कुर्सी से धूळ -गर्द की सफाई का आदेश द्याला तो सेक्रेटरी ब्वालल कि या धूल -गर्द पचास साल पुराणी च तो इन ओल्ड  ऐसेट , प्राचीन सम्पति , पुरातन परिसम्पति की सफाईका  निर्णय केवल  आर्कियोलॉजिकल सर्वे निदेशक हे दे सकद तो बिचारा नरेंद्र मोदीजीक सरकारी कार्यालयों मा सफाई प्रेम का परखचा उडी जाला। 
नरेंद्र मोदी फिर ग्राहक सेवा स्थल का पास का वातवरण द्याखल तो बेहोस हूणै स्थिति मा जाण वाळ ह्वे जाल।  मोदीजी तैं समझ मा इ नि आल कि यु स्थल गूंद , लाख , फटयाँ स्टाम्पुं गटर च कि ग्राहक सेवा स्थल च।  वो सेक्रेटरी तैं ग्राहक सेवा स्थल की सफाई का आदेश द्याला तो सेक्रेटरी ब्वालल कि चूँकि इन तरह की सफाई का वास्ता पर्यावरण विभाग से अग्रिम आज्ञा जरूरी च अर पर्यावरण का मामला मा पीएमओ अनावश्यक दखलंदाजी नि करद।  सेक्रटरी नरेंद्र मोदी जी तैं सरदार सरोवर डाम की याद दिलाला कि भूतपूर्व प्रधान मंत्री की इच्छा हूण पर बि प्रधान मन्त्रीन सरदार सरोवर की ऊंचाई बढ़ाणो वास्ता पर्यावरण विभाग मा दखलंदाजी नि कार।  चूँकि भारत मा प्रधान मंत्री बि पर्यावरण विभाग से पंगा नि ले सकुद तो बिचारा सफाई प्रेमी नरेंद्र मोदीजी अपण सि मुख लेक पोस्ट ऑफिस से भैर ऐ जाला।  इथगा मा भूतपूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह कु फोन  आलो ," नरेंद्र भाई ! मीन सूण कि आप जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस की विजिट पर छंवां ?"
नरेंद्र भाइक उत्तर होलु ," हाँ मनमोहन जी !"
मनमोहन सिंह जी ब्वालल ," नौ साल पैल मीन बि जोगेश्वरी पोस्ट ऑफिस विजिट करि छौ।  क्या आप ये पोस्ट ऑफिस की सफाई करवै सकदा ?"
नरेंद्र मोदीक जबाब होलु ," मैं लगद कि जब तलक ब्रिटिश राज का सन 1858 मा बणयां नियम नि बदल्याल तब तलक भारत का क्वी बि प्रधानमंत्री पोस्ट ऑफिस जन छुट केंद्रीय सरकारी कार्यालय की सफाई नि करवै सकद। "
मनमोहन जीन टौन्ट कसला  ," याँकुण त तुम्हारी सरकार तैं कथगा इ संवैधानिक अनुच्छेद बदलण पोड़ल। "
"हाँ " नरेंद्र भाइक जबाब होलु 
मनमोहन जी बताल ," अर यांकुण तुम तैं लोकसभा अर राजयसभा मा बिल पास करण पोड़ल। "
"हाँ "
" आप लोकसभा मा तो बिल पास करै देला पर राजयसभा मा क्या करिल्या ?" मनमोहन जीन पूछ 
"कुछ समझ मा नि आणु च। " नरेंद्र भाइक जबाब छौ। 
"ठीक च तुम लोकसभा मा कॉंग्रेस तैं लीडर ऑफ अपोजिसन बणाओ त कुछ हद तलक राजयसभा मा हम बिल पास करौला।  एक द्वी दिन मा जबाब दे देन। " इन बोलिक मनमोहन जीन फोन काटी दे 

Copyright@  Bhishma Kukreti  7/6/2014   
    

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।   

Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  

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