उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Monday, June 2, 2014

भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री से कॉंग्रेस की हार पर बातचीत

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

कॉंग्रेस 2014s  लोकसभा चुनाव हारी त गे पर अबि तलक पता नि चौल कि इथगा बुरी तरां से कॉंग्रेस चुनाव किलै हार । यदि मेरी बातचीत कै भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री से हो तो वा बातचीत इन होली। 
मि -ब्याळै मंत्री जी ! या रौंका धौंकि किलै ? 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे मंत्री निवास जि छुड़ण पड़णु च तो लोकनिर्माण मंत्री से कनेक्सन जुगाड़ भिडाणु छौं कि सरकारी आवास की सुविधा रावो।
मि -पर दिल्ली मा त आपक आलिशान बंगला छन फिर चिंता क्यांकि ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -म्यार दिमाग खराब हुयुं च जो मि ब्याळै मंत्री ह्वेक अपण बंगला मा रौं। 
मि -हाँ ! या बात त सै च। 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -हाथी मर भी जाए तो लाख का होता ही है , मंत्री ना सही हूँ तो नेता ना ? 
मि -कुछ पता बि चौल कि कॉंग्रेसै इन कुगति किलै ह्वे ? 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -भै ! सुणन मा आणु च कि राहुल जी  आसपास का लोग खोज मा लग्यां छन।  जैदिन कॉंग्रेस का अधिकृत बयान ऐ जाल मि बि धड़ले से बोली द्योलू कि कॉंग्रेस की हार का क्या कारण छन। 
मि -फिर बि आप का ख़याल से क्या क्या ख़ास कारण रै होला ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -मेरी त पक्की राय च कि कॉंग्रेस संगठनन काम नि कार याने कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओंन काम हि नि कार।
मि -कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं से क्या अपेक्षा छे ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे राहुल गांधी जीन बताई त च कि कॉंग्रेस राज मा क्या क्या ह्वाइ। 
मि -पर इख्मा कॉंग्रेसी कार्यकर्ता बीच मा कख आई गेन ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे यूँ अळगसि , लम्पट कार्यकर्ताओंन लोगुं बीच जैक बताइ इ नी च कि कॉंग्रेस सरकार इथगा बड़ा बड़ा काम करणी च।   
मि -पर आप मंत्री लोग बि त जनता तैं बथै सकदा छा कि तुम जनहित मा क्या क्या करणा छा। 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -अरे हमन तो विज्ञापन करी त छा कि सरकार क्या क्या करणी च। 
मि -हाँ पर जनता तैं पता इ नि लग कि सरकार बि कुछ करणी च। 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -वी त मि बुलणु छौं कि कॉंग्रेस का महामंत्री अर कार्यकर्ता सब बेकार ह्वे गेन यूंन सरकारी विज्ञापन देखिक , पौढ़िक जनता तैं बात पंहुचाई इ नी च।  अब्स्युलेटली कम्युनिकेसन गैप राइ।
मि -आपन अपण महामंत्र्युं तैं समझाई तो ह्वाल कि सरकार क्या क्या काम करणी च। 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -साले सब हरामखोर है । यी महामंत्री राहुल जीक आस पास मंडराणा रौंद छा पर कबि बि हम मंत्र्युं पास पुछणो नि ऐन कि सरकार क्या क्या करणी च।  
मि -हाँ या बात च। 
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -हाँ !यदि कॉंग्रेस का संगठन का लोग हम मंत्र्युं पास आंदा , हम मंत्र्युं तैं पुछदा कि सरकार क्या करणी च अर फिर हमर काम तैं जनता तक पंहुचांदा तो कॉंग्रेस का इथगा बुरा हाल नि होंद।   
मि -पर आप बि त कॉंग्रेस कार्यकर्ताओंमा जैक  बथांदा रै होला कि सरकार क्या क्या काम करणी च ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -फिर वी बात ! भई हम मंत्री छया तो संगठन का लोगुं अर कार्यकर्ताऊं  कर्तव्य छौ कि मंत्र्युं पास आवन।  मंत्र्युं काम थोड़ा हूंद कि कार्यकर्ताऊं पास जावन।  
मि -तो कार्यकर्ता आपक पास आंद ही नि छया ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -आंद किलै नि छया पर सब अफुकुण ठेकादारी लीणो आंद छा।  पिछ्ला पांच सालुं मा मीम जनहित का काम का वास्ता एक बि कार्यकर्ता नि आयि जु बि आयि ठेकेदारी लीणो वास्ता आयि।
मि -पर आप तैं पता ही नि चौल कि लोगुं मा कॉंग्रेस का विरुद्ध इथगा अधिक आक्रोश च?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -वी त मि बुलणु छौं कि कॉंग्रेसी कार्यकर्ता इथगा निठ्ठला , निकज्ज ह्वे गेन हम मंत्र्युं तैं पता ही नि चौल कि लोग हमसे नराज छन। अरे यी कॉंग्रेसी कार्यकर्ता जनता का बीच जावन तो यूँ तैं पता चल जांद कि जनता क्या सुचणी च पर यी त बस अपण ब्यापार बढ़ाण मा लग्यां रैन।  सरासर कम्युनिकेसन गैप ह्वे गए छौ। 
मि -जन कि ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -जन कि क्या ? स्यु हमन  बड़ी मुस्किल से चुनाव से ठीक पैलि फ़ूड अधिकार बिल पास कराइ पर हमारा कार्यकर्ता इथगा बेकार , लुंज , अळगसी   ह्वे गेन कि यूंन जनता तैं बताइ इ नी च कि राइट टु फ़ूड बिल क्या च ? फोकट का खाण वाळ ह्वे गेन जि यी कॉंग्रेसी कार्यकर्ता अर कार्यकर्ता काम नि करदन अर फिर फजीत हम नेसनल लेवल का नेताओं की हूंद। 
मि -एक बात बथावदी कि राइट टु फूड बिल क्या च ?  
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -यार मीन फ़ूड मिनिस्टर तैं रैबार बि दे छौ कि फ़ूड बिल कु संक्षिप्त (ब्रीफ ) रूप रेखा भेजी द्यावो पर सरकार मा बि त काण्ड लग्यां छा , आज तक भूतपूर्व खाद्य मंत्रीन फ़ूड बिलक जिस्ट (संक्षिप्त ) नि भेजि। टोटल कम्युनिकेसन गैप।  अब क्या बोलुं कि  गैप से हम बड़ा नेताओं तै बि हरण पोड़। 
मि -अब अग्वाड़ी क्या प्लान च ?
भूतपूर्व कॉंग्रेसी मंत्री -बस राजयसभा की सीट मिल जावो तो मजा से पांच साल कट जाल।  


Copyright@  Bhishma Kukreti  2/6/2014   
    

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
Garhwali Humor in Garhwali Language, Himalayan Satire in Garhwali Language , Uttarakhandi Wit in Garhwali Language , North Indian Spoof in Garhwali Language , Regional Language Lampoon in Garhwali Language , Ridicule in Garhwali Language  , Mockery in Garhwali Language, Send-up in Garhwali Language, Disdain in Garhwali Language,Hilarity in Garhwali Language, Cheerfulness in Garhwali Language
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनेताओं द्वारा अभद्र गाली पर हास्य -व्यंग्य    श्रृंखला जारी  

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments