-----------------------------------------------दृश्य - 10 , Scene 10
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[ समुद्रौ किनारा ]
[बृजमोहन , धूमल किनारा पर जायजा लीणा छन , कुछ दूर डा मदन समुद्रौ तरफ़ दिखणु च। कुछ दुरी पर ही कोमल अर नंदा बचळयाणा छन। ]
धूमल - मोटर बोट -?
बृजमोहन -मि बि वी सुचणु छौं
जु आप।
प्रश्न च कि आखिर मोटर बोट
किलै नि आणि छन।
धूमल -उत्तर मील क्या ?
बृजमोहन - मेरी समज से यु
साजिस कु हिस्सा च कि इना बोट इ नि आवन।
[मेहश नजदीक आंद ]
महेश - हाँ क्वी बि मोटर बोट
नि दिखेणी छन।
बृजमोहन -जनरल साब ! क्या
तुम बि सुचणा छंवां कि बोटन नि आण ?
महेशा - हाँ इन लगणु च कि बोटन नि आण। जब तक बोट नि आलि
हम द्वीप से भैर नि ह्वे सकदां। अर हमर अंत इखि लिख्युं च। इन लगद हम तै इखि परम शान्ति मिलण वळ च। [धीरे धीरे फंड चल जांद ]
बृजमोहन - एक हैंक पागल ! जन
बुल्यां हम सबुन इखि मरण ! पर म्यार दिमाग तच गे वैक बात सुणिक।
धूमल - हाँ म्यार दिमाग बि
घुमण मिसे गे।
[मदन बृजमोहन अर धूमल का तरफ आंद। इथगा मा
सर्यूळ आंद।
वैक रंग उड़्यूं च ]
सर्यूळ -डा साब डा साब एक
बात ?
डा मदन - बोल क्या बात च ?
सर्यूळ -याद च उखम दस
सैनिकुं मिनिएचर मूर्ति छे ?
डा मदन - हाँ दस मिनिएचर
मूर्ति छे। पर हाँ दस ही मूर्ति छे। तो ?
सर्यूळ - अब सिर्फ आठ मूर्ति
छन उखम।
[कोमल अर नंदा बि उखम आंदन ]
कोमल - यु जु हम तै इख लाइ
देर से बिजद , शायद ! बगैर सहायता का वु कुछ नि क सकुद शायद।
नंदा - काश उ जल्दी आंद तो
मीन तो इख बिटेन चल जाण छौ।
कोमल - हम सब जाण चाणा
छंवां।
नंदा - देख अब बि दुबर
सर्यूळयाणी बारा मा तेरी राय बदिल च कि ना ?
कोमल - न ! इन च जनि वींन सूण तो वा बेहोस ह्वे। सर्यूळ का हतुं से चाय की ट्रे गिर। अर वैन जु हमतै समझाई वु तर्कसंगत नी
च। मतलब कुछ न अकुछ तो यूँ द्वी झणुन कार च।
नंदा -वा इन लगणी छे जन
बुल्यां अपण छाया से इ डरणि हो धौं !
कोमल - मि तै याद आणी च कि
टैक्सिन एक बच्चा।
पाप च तो समिण ऐ जाल। उखमा क्या च।
नंदा - पर हौरुं क्या ? कखि ना कखि अभियोगूँ मा सत्यता तो छ कि ना ? या असत्य ?
कोमल - धूमलन तो स्वीकार बि
कार कि 21 आदिवास्युं मृत्यु का पैथर वैक गलती च।
नंदा - हाँ पर वो तो आदिवासी
इ छया।
कोमल - आदिवासी मनिख नि हूंदन ? पर हाँ और अभियोगुं तै अभियोग नि बुले सकयांद जन कि जज आलोक का इ केस ले लेदि। जज अपण कर्तव्य निभाणु छौ। बृजमोहन का केस बि अर म्यार इ केस ले लेदि।
नंदा - क्या ?
कोमल -मीन पैल नि ब्वाल , किलैकि उखम मरद लोग छया तो मि चुप रै ग्यों।
नंदा -अच्छा ?
कोमल -मृदुला ? वा मेरी असिस्टेंट छे। पर मि तैं भौत बाद पता चौल कि वा भली लड़की नि छे। वींक व्यवहार भलु छौ , साफ़ सुथरी छे अर उत्साही। पर दिखलौटी बि। मि पसंद करदु छौ। मि तै पता चौल कि वा कै 'कठिनाई ' मा फंसीं च। मीन वीं तै निकाळण इ छौ अरे पाप कै तै सुहांद ? वींन नदी मा फाळ मारिक जान दे दे।
नंदा - वींक आत्महत्या बाद
क्या तीन आत्मग्लानि महसूस कार ?
कोमल -पर जब मेरी क्वी गलती
इ नि छे तो क्यांक आत्मग्लानि ?
नंदा - पर तेरी कठोरता से
वींन यु कदम उठाइ
?
कोमल - केक कठोरता। वींन पाप कार तो पाप छुपाणो वींन आत्महत्या कर दे।
यदि व भलु व्यवहार करदी तो इन कबि बि नि हूंद।
[नंदा घृणा से कोमल तै दिखदी , द्वी स्टेज से भैर अर डा मदन , धूमल अर बृजमोहन स्टेज का केंद्र मा आन्दन ]
मदन - धूमल जी एक बात बुलण
छे।
धूमल -हाँ ?
मदन - मैकमोहन की मृत्यु कन ह्वे होलि ? क्या आत्महत्या कौर होलि ?
धूमल -नही आत्महत्या नि ह्वे
सकद। मै लगद वैक हत्या ह्वे।
मदन -अर मिसेज सरयूळ ?
धूमल -हाँ वा आत्महत्या कर
सकिद।
मदन - अर फिर दस मिनिएचर मूर्ति ? अर अब आठ इ छन ?
मदन - अर फिर दस मिनिएचर मूर्ति ? अर अब आठ इ छन ?
धूमल -पर जरा कविता पर ध्यान तो द्यावो -
दस सैनिक घुमणो गेन
एकक सांस रुकि गे तब नौ रै गेन
नौ सैनिक कमरा मा देर रात तक रैन
एक से तो बिज इ नी अर तब आठ रै गेन
आठ सैनिक ऊख गेन
यीं कविता की इ लैन सही फिट
हूणि छन। मैकमोहन की सांस फंस अर सांस रुक अर मिसेज सर्यूळ से तो बिज इ नी च। इलै यु बि एक रहस्य च।
मदन - तो तुम स्वीकार करणा छंवां। पर इखमा कु शामिल च? सर्यूळन कसम खैक ब्वाल कि हमर अलावा ये द्वीप मा क्वी नी च। अर उ झूठ नि बुलणु च पर डर्युं अवश्य च।
धूमल - आज बि मोटर बोट नि
आई। किसनदत ये द्वीप तै तब तक बिलकुल अलग करण चांदु जब तक वैक काम खतम ह्वे जांद ।
मदन - यु आदिम पागल च।
धूमल - एक बात और। द्वीप पथरीला च तो हम ज बि छुप्युं होलु वै तै
खोज सकदां। जल्दी इ वै तै खुज्याण पड़ल।
मदन - वु खतरनाक ह्वे सकुद।
धूमल - मि कम खतरनाक नि छौं हाँ यदि उ म्यार पकड़ मा ऐ जावो
तो। हाँ बृजमोहन की सहायता लीण पोड़ल। जनान्युं मा कुछ नि बुलण हाँ। जनरल महेशा अर आलोक जी
तै तंग करणै जरूरत नी च। हम तिनि ये काम तै फारिक कर
ल्योल्या।
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