----समुद्रो किनारा --
[कोमल , ब्रजमोहन , आलोक प्रतीक्षा
करणा छन। इथगा मा धूमल , नंदा अर जनरल महेशा आंदन ]
आनंद [फेरी से ]- मिस्टर किसनदत्त कु आदेश छौ कि
अनावश्यक कैक बि प्रतीक्षा नि करण। चलो सब
फेरी मा बैठदां। किसनदत्त कु पता नी च पर फेरी मा त बैठण इ पोड़ल। कुछ अजीब नी च कि मेजबान इ गैब च।
आनंद - हाँ पर क्या करे जावो। ईं फेरीन बीकोबार द्वीप पौंचाण। … चलें बीकोबार द्वीप .... बीकोबार द्वीप चलो चलो सब चढ़ो।
[सब चढ़दन , फेरी चलदी ]
-----------------------------------------------दृश्य -3 , Scene -3 -----------------------------------------
-----------------------------------------------दृश्य -3 , Scene -3 -----------------------------------------
----------------------बीकोबार का समुद्रौ छाल /किनारा ----------------------------
[आनंद फेरी बंद करदो ]
[ लोग उतरदन ]
धूमल - मौसम बड़ो अजीब च ना ?
आनंद - अजी आज तो भौत अच्छु च। कबि कबि हफ्ता तक
मौसम ठीक नि रावो तो फेरी छाल पर लगाण कठिन ह्वे
जांद। हफ्ता दस दिन तक बीकोबार दुनिया से कट जांद।
जनरल महेशा - अरे वाह ! मजेदार द्वीप !
[इथगा मा सर्युळो प्रवेश ]
सर्यूळ - मि सर्यूळ छौं। मिस्टर किसनदत्त आज नि ऐ
सकिन तो मी इ आपक स्वागत करणु छौं। रिजॉर्ट बस कुछ इ दूर च। चलें। सब्युं कुण कमरों क इंतजाम च। चिंता की क्वी आवश्यकता नी च।
[सब सामान उठैक सर्यूळो पैथर चल्दन ]
-----------------------------------------------दृश्य 4 - , Scene 4 -
-----------------------------------------
-------रिजॉर्ट
, नंदा का कमरा , कमरा मा बेड , कुर्सी मेज अर दिवार पर एक वॉलपेपर ------------
मिसेज सर्यूळ कु प्रवेश - मि मिसेज सर्यूळ छौं अर म्यार पति अर मेरी आपकी सेवा कु काम च। जब बि काम हो तो घंटी बजै दियां हम मादे क्वी ना क्वी हाजिर ह्वे जौंला। कुछ चयेणु च ?
नंदा - ना ना।
नंदा [दर्शकों से ]- बड़ी डरीं च। [मिसेज सर्यूळ से ] मि मिस्टर किसनदत्त जी की सेक्रेटरी छौं। त्वै तैं पता ही होलु ?
मिसेज सर्यूळ - ना जी। मीम तो एक लिस्ट च जखमा मेमानों नाम च अर उंं तै कै कमरा मा
ठैराण की लिस्ट बस।
नंदा - मिस्टर किसनदत्त जीन म्यार बारा
मा नि बथै ?
मिसेज सर्यूळ -मीन किसनदत्त जीक सूरत तक नि देखि। मि अर म्यार पति परसि इख औवां।
नंदा - इक रिजॉर्ट मा कथगा स्टाफ च ?
मिसेज सर्यूळ - बस मि अर म्यार कजे।
मिसेज सर्यूळ - बस मि अर म्यार कजे।
नंदा - पर फिर कनकै काम होलु ?
मिसेज सर्यूळ - मि खाणक बणौलु अर कजे सब बकै काम कर ल्याला। हाँ पर इन नि छौ पता कि इथगा मेमान आला।
मिसेज सर्यूळ - मि खाणक बणौलु अर कजे सब बकै काम कर ल्याला। हाँ पर इन नि छौ पता कि इथगा मेमान आला।
नंदा - पर सब्युं कुण ठीक से
मिसेज सर्यूळ -वांक फ़िकर नि करण। सब व्यवस्थित ढंग से ह्वे जाल। हम द्वी अनुभवी छंवां। [चल जांद ]
मिसेज सर्यूळ -वांक फ़िकर नि करण। सब व्यवस्थित ढंग से ह्वे जाल। हम द्वी अनुभवी छंवां। [चल जांद ]
नंदा - बड़ी अजीब बात च। कुछ समझ से भैर च। किसनदत्त जी से मिलण छौ। [कमरा मा घुमदी।
दिवार पर एक कविता लिखीं छे। वा कविता पढदी ]
दस सैनिक घुमणो गेन
एकक सांस रुकि गे तब नौ रै गेन
नौ सैनिक कमरा मा देर रात तक रैन
एक से तो बिज इ नी अर तब आठ रै गेन
आठ सैनिक ऊख गेन
एकॉन ब्वाल मि इखि रौल अर तब सात रै गेन
सात सैनिक लकड़ी काटणो गेन
एकान अफु इ काट दे अर तब छै रै गेन
छै सैनिक शहद जमा करणो गेन
एक तै चिमल्ठुन तड़कै दे अर तब पांच रै गेन
पांच सैनिक न्यायालय गेन
एक तै पुलिसन पकड़ दे अर तब चार रै गेन
चार सैनिक समुद्र मा गेन
एक तै हिलसा मछली न निगळ दे अर तब तीन रै गेन
तीन सैनिक चिड़ियाघर गेन
एक तै शेरान खै दे अर तब द्वी रै गेन
द्वी सैनिक आग का पास गेन
एक जळ गे अर तब एक रै गेन
एक सैनिक अकेला रै गे
वै बिचारोन फांस खै दे अर तब क्वी नि रै गेन
नंदा - बड़ी अजीब कविता च। कविता को अर्थ क्या होलु ? हौरुं तै पुछलु कि इन कविता कु अर्थ क्या च ? बिलकुल निराशावादी कविता !
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