----------------------------------------------टेबल माँ विचार विमर्श -----------------------------------
[आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन टेबल का चारों और बैठ्याँ छन। नास्ता ह्वे गे ]
आलोक - मेरी समझ से हम सब तै
ड्रवाइंग रूम मा विचार विमर्श करण चयेंद।
[सब स्वीकार करदन ]
नंदा -हम जरा बर्तन साफ़ सफाई
-
धूमल -हम सब बर्तन किचन मा
लांदवां।
नंदा - धन्यवाद
[कोमल उठणै कोशिस करदी पर धम से गिर जान्दि ]
कोमल -ये नंदा
आलोक - कुछ परेशानी ?
कोमल - मि नंदा की सहयता करण
चाणु छौ पर पता नी कि -कुछ उलटी सि लगणी च -
डा मदन -हूंद च। शौक का बाद हूंद च , उलटी की शिकायत।
कोमल -मि बैठद छौं। जब उलटी /चक्कर आणो शिकायत नि रैली तो जौलु।
डा मदन -क्वी दवै ?
कोमल - ना जरूरत नि पोड़ली।
बृजमोहन - मि नंदा की मदद करुद।
[कोमल इखुलि च। उलटी की इच्छा अब निंद मा बदलेणि च। इथगा मा गुणगुणाट
सुणेन्दि। ]
कोमल -यी मधुमक्ख्युं जन आवाज -- चिमल्ठ ? मि उठि नि सकणु
छौं , बोल नि सकणु छौं।
कोमल तै चिमल्ठ दिखेंदन।
[एक काळु कपड़ों मा आंद कोमल का हतुं मा इंजेक्सन घुस्यांद। ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य - 7
Scene 7 -----------------------------------------
---------------------------प्रतीक्षा ----------------------------------------------------
[आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन कोमल की जग्वाळ करणा छन ]
[आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन कोमल की जग्वाळ करणा छन ]
नंदा - मि वीं तै लाणो जौं ?
बृजमोहन -एक मिनट हाँ।
[नंदा बैठ जांदी ]
बृजमोहन -द्याखो मै लगद कि हत्या हम मादे
क्वी जनानी करणी च।
मदन - उदेस्य ?
बृजमोहन - धार्मिक अनुष्ठान !
मदन - बिलकुल ह्वै बि सकद। मि तुमर बिचारुं विरोध मा बि नि छौं। पर क्वी पक्को प्रमाण नी च।
नंदा - विचारी रुस्वड़ मा कुछ अजीब सि
हालत मा छे मि वीं तै लयाँद। वींक आँख -
धूमल -तुम आँख से कुछ नि पता लगै सकदां।
हमर सब्युंक होश ठिकाणा पर नि छन।
बृजमोहन - टेप सुणणो बाद सब्युंन अपर
गाथा बताइ पर कोमलन नि बताइ। आखिर किलै ?
नंदा - मि तै बतै च। मृदुला वींक नौकरानी छे। कुछ समय बाद मृदुला गर्भवती ह्वे गे। कोमलन
वीं तै निकाळ दे। कुछ समय बाद मृदुलान आत्महत्या कर दे।
आलोक - सीढ़ी सि कथा। सब विश्वास कारल। क्या पैथर कोमल तै पश्चाताप बि ह्वे ?
नंदा -ना।
आलोक - अब देर सि ह्वे गे। हम तै कोमल तै बुलाण चयेंद।
[सब दुसर कमरा मा जांदन अर सब आश्चर्य मा ]
बृजमोहन - ये मेरी ब्वे ! स्या तो मृत च।
धूमल - डा जरा द्याखदी। जब हम भैर ऐ छ तो वा ठीक ठाक छे ?
मदन [तपास करिक ] -इंजेक्सन से मौत !
[मधुमक्खी की आवाज ]
नंदा - मधुमक्खी। मीन सुबेर बोली छौ कि -
मदन - मधुमक्खी का काटण से मौत नि ह्वे।
आलोक - तो ?
मदन - विष से। इंजेक्सन द्वारा शरीर मा
विष पंहुचाये गे।
आलोक - कु विष ?
मदन - शायद पोटैसियम साइनाइड।
नंदा - पर वा मधुमक्खी। यु इन अकस्मात संयोग ह्वे सकद क्या ?
धूमल - यु संयोग नी च। वु एकदम पागल च।
आलोक - विश्लेषण की शक्ति राखो। क्या हम
मादे क्वी अपण दगड़ इंजेक्सन लै छौ ?
मदन - हाँ मि हमेशा खाली इंजेक्सन लेक चल्दु।
आलोक - अब इंजेक्सन कख च ?
मदन - कन कख हक ? म्यार सूटकेस पुटुक अर कख।
आलोक - जरा सूटकेस लयावदी
[मदन जांद अर सूटकेस लेक आंद। सूटकेस की जांच
हूंद पर इंजेक्सन उख नी च ]
बृजमोहन - सिरिंज नी च।
मदन - मतलब कैन सिरिंज निकाळ। अवश्य सिरिंज निकाळ।
आलोक - अब हम पांच छंवां। हम मादे एक हत्यारा च। खतरा च। डा तुमम क्या क्या दवा छन ?
मदन - बस कुछ गोळी , एस्पिरिन , आदि आदि। साइनाइड
जन कुछ ना।
आलोक - मीम कुछ सीणो गोळी छन। हाँ ओवरडोज
ह्वे तो खतरनाक ह्वे सकदन। धूमल ! तुमम रिवाल्वर छयो ?
धूमल -यदि छैं बि च तो ?
आलोक - हम्म जु बि खतरनाक चीज जन दवाई , गोळी , चक्कु , खुंकरि , रिवाल्वर जु बि च
एक जगा बंद कर दीण चयेंदन।
धूमल -मीन रिवाल्वर नि दीण।
आलोक - तुम तो पुलिस मा छया तो तुम बगैर
रिवाल्वर बि संघर्ष कर सकदां।
धूमल -ठीक च दींदु छौं।
आलोक - आप संवेदनशील छंवां। रिवाल्वर कख
च ?
धूमल - इकि ड्रावर मा।
[ रिवॉल्वर ड्रावर मा नी च ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य - Scene 8 -----------------------------------------
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य - Scene 8 -----------------------------------------
----------------------कमरा मा खोज ---------------------------------------
[धूमल तै आलोक समझाणा छन। मदन अर बृजमोहन कमरा मा खोज करणा छन। ]
धूमल - संतुष्ट ?
आलोक - मिस नंदा। अब सब संतुष्टि कर याल हाँ !
नंदा - हाँ अब हमम खतरनाक हथियार अर दवै
नि छन। अब हम यूँ सब तै एक जगा बंद कर दींदा। वीं अलमारी माँ बंद कर दींदां।
[सब दवा आदि अलमारी मा धरदन ]
बृजमोहन - पर चाबी कैमा राली ?
[आलोक एक चाबी धूमल तैं दींद अर एक बृजमोहन तै ]
आलोक - पर अबि बि रिवॉल्वर की समस्या तो
छैं इ च ?
बृजमोहन - रिवाल्वर कु मालिक धूमल -
धूमल - पर मीन ब्वाल नी कि रिवाल्वर
हर्ची गे।
आलोक - तीन रिवॉल्वर कब आखिरैं देखि छे ?
धूमल - ब्याळि रात सीण से पैल मीन चेक
कौर छौ। ड्रावर मा इ छे।
आलोक - याने कि जब हम सर्यूळ की खोज माँ
छया या वैक शरीर की जांच करणा छया तब इ रिवॉल्वर गम ह्वे ह्वेली।
नंदा -अवश्य ही कखी घौर भितर इ हूण
चयेंद। इखि खुज्याण चयेंद।
आलोक - मि तै संदेह च। हत्यारा का पास छुपाणो जगा कु ज्ञान ह्वालु। तो खुज्याण बेकार च।
बृजमोहन -मि नि जणदु कि रिवाल्वर कख च ? पर सिरिंज कख च मि जणदु छौं। म्यार पैथर आवो।
[सब खिड़की का पास जांदन। सिरिंज अर तुड़ी
मुड़ीं एक मिनिएचर सैनिक मील ]
बृजमोहन - हत्या का बाद एक या इ जगा छे
जख हत्यारा यूँ चीजुं सकुद छौ।
नंदा - अब रिवॉल्वर खुज्याण चयेंद
आलोक - पर सब एक साथ हाँ।
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य -
Scene 9 -----------------------------------------
---------------------------------खोज का बाद ----------------------
[सब गोलघ्यारा मा बैठ्याँ छन। चिंतित अर उचमिचि का साथ। बृजमोहन
घुमणु च ]
आलोक - रिवॉल्वर नी मील। कख ह्वे सकदी ? हम हथ पर हथ धौरिक नि बैठ सकदां। हम तै कुछ ना कुछ करण इ चयेंद। हम तै भैर बि खुज्याण
चयेंद। यदि बचण च तो -
बृजमोहन - ये मौसम मा ? भैर जोर की बरखा हूणि च।
धूमल - समय की बात च। बरखा तो बंद ह्वेली इ। मौसम ठीक हूणों बाद क्वी सिग्नल , उज्यळ दिखैक या कुछ ना कुछ करिक -
मदन - समय ही त समस्या च। तब तक तो हम सब
समाप्त !
आलोक - यदि हम सावधान रौला तो बच सकदां।
[सब व्यथित छन अर एक हैंकाक मुख पर दिखदन। घड़ीन पांच बजैन ]
नंदा - कैन चाय पीणै ?
बृजमोहन -एक कप ह्वे जाव तो !
नंदा - ठीक च मि बणान्दु। आप इखमि राओ।
आलोक - हम सब औंदा अर दिखला कि तु कन चा बणांदि।
नंदा - ठीक च।
आलोक - हम सब तै सावधान रौण चयेंद।
[सब जांदन अर कुछ देर बाद हथ पर चाय कप लेकि आंदन ]
धूमल - [बिजली स्विच ऑन करद ] - अरे सर्यूळो गुजरणो बाद जनरेटरक इंजिन तो चलाई नी च। हम भैर जैक इंजिन चालु करदां।
आलोक - भैरक कमरा मा मोमबत्ती बि छन। हम ऊँ तै लयोंदा
धूमल - ठीक च मि लांद।
कोमल - मै अपर कमरा मा जैक मुख ध्वेक
आंदु। [जांदी ]
[सब एक हैंकाक मुख देखिक चाय पीणा छन। इथगा मा नंदा कु चिल्लाणो आवाज ]
नंदा - मदद , मदद -मद -
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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