----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य 1 - ,
Scene 1 -----------------------------------------
-----------------------------ड्रवाइंग रूम -------
[कोमल , आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन बैठ्याँ छन। सर्यूळ चाय की ट्रे लेक आंद। सब झटका से खड़ ह्वे जांदन। ]
सर्यूळ -क्या पर्दा खींच द्यूं ?
सब - हाँ हाँ।
नंदा - कोमल चाय बणैलि क्या ?
कोमल -ना ना भै ना। मेरि स्वेटर की बुणै खराब जि ह्वे जालि। कैन ऊँ तै बि द्याख
?
नंदा - न [वा चाय बणानो
ट्रेक पास जांद ]
धूमल -चाय वाह ! डिनर का बाद चाय ! वाह। इंतजाम तो सही च। हाँ ?
बृजमोहन - हाँ बिलकुल सही।
सर्यूळ -इखक टेबल क्लॉथ कख
गे ?
आलोक - क्या टेबल क्लॉथ
सुबेर बि छौ ?
सर्यूळ -जी हाँ। बिलकुल छौ।
बृजमोहन -यख कुछ बि ह्वे
सकद।
पर टेबल क्लॉथ से क्वी कै तै
कतल नि कर सकद। भूल जा अर अपण काम कौर।
[सर्यूळ जांद ]
कोमल - मि त अपण कमरा मा
जाणु छौं।
नंदा -मी बि।
[द्वी जांदन ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य 2 - , Scene 2 -----------------------------------------
[ , आलोक , डा मदन , , धूमल , बृजमोहन बैठ्याँ छन। क्वी अखबार पढ़णु च। क्वी सिगरेट पीणु ह। क्वी बस इनि समय बिताणु च। सर्यूळ किचन मा व्यस्त ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य 2 - , Scene 2 -----------------------------------------
[ , आलोक , डा मदन , , धूमल , बृजमोहन बैठ्याँ छन। क्वी अखबार पढ़णु च। क्वी सिगरेट पीणु ह। क्वी बस इनि समय बिताणु च। सर्यूळ किचन मा व्यस्त ]
आलोक - मि कमरा मा जाणु छौं। अर हाँ सब अपण कमरा पट्ट से बंद करिक हि रैन हाँ।
बृजमोहन - मेरी राय च कि दरवज पर कुर्सी बि चिपकै देन। क्वी बि दरवाजों पेंच खोली सकुद।
धूमल -तेरी परेशानी या च कि तू भौत अधिक
जाणदु।
आलोक - अच्छा मि त बैडरूम मा जाणु छौं। सुबेर मिल्दां।
[सब जांदन ]
सर्यूळ [मिनिएचरुं तै देखिक ]- अब ट्रिक नि चौललि
[मिनिएचरुं तै उठैक ली जांद ]
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य 3 - , Scene 3 -----------------------------------------
----------------------------------------[
सुबेर
]------------------------------------------------
[ आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन चलणा छन। धूमल बुलणु च ]
[ आलोक , डा मदन , नंदा , धूमल , बृजमोहन चलणा छन। धूमल बुलणु च ]
धूमल - सर्यूळ नि मिलणु च। कखि बि नी मिलणु च। वैक बिस्तर साफ़ साफ़ बताणु च कि वू से छैं च। उस्तरा , साबण नम छन माने वू सुबेर तक तो ज़िंदा छौ। केतली बि नी च अर स्टोव बि नि जल्युं च । पर छ कख च ?
नंदा - मतबल क्या वु हमर वैक
----बान ---कखि लुकि गे ?
धूमल - प्यारी गुड़िया ! मि
सब तरफ से सुचणु छौं। मेरी सलाह च कि जब तक कातिल कु पता नि चल्दु तब तक हम सब तै
एक साथ इ रौण चयेंद।
आलोक - ह्वे सकद च वु द्वीप
मा कखि चल गे हो।
अर कोमल बि नि दिखेणि च ?
[इतना मा कोमल आदि ]
बृजमोहन - कोमल यी क्या
मूर्खता च ? इखुल्या इखुलि द्वीप मा घुमणि छे ? पता च ना हम कैं मुसीबत मा छंवां ?
कोमल -बृजमोहन जी मि चौकन्नी
ह्वेक सबि तरफ नजर रखद हाँ !
बृजमोहन - कखि सर्यूळ तै बि
द्याख ?
कोमल - ना मीन तो नि द्याख। क्यों ?
आलोक - सर्यूळ गायब च पर
नास्ता की टेबल तयार च।
बृजमोहन- ह्वे सकद रात तयार
कर ले हो ?
नंदा - अर मिनिएचर सैनिक !
केवल छै छन अब -
धूमल - मतलब , मतलब अब एक की मौत -[स्टेज से भैर जांद अर सर्युल की लाश
खेंचिक लांद , सर्यूळ कु सर का पिछवाड़ा पर कुलाड़ी कु घाव , खून ] लया सर्यूळ पर मृत अवस्था मा। अर वैक बगल माँ खून भरी कुलाड़ी -
----------------------------------------------अंक 2 , दृश्य 4 - , Scene 4 -----------------------------------------
--------------------हत्या कु दृश्य -----------------------------------------------
[बृजमोहन कुलाड़ी परखणु च। डा मदन शरीर चेक करणु
च। आलोक अर धूमल खड़ छन। कोमल अर नंदा नि छन ]
डा मदन - यु बिलकुल साफ़ च कि
हत्यारान पैथर बिटेन चोट कार। पैल एक मार मार अर फिर दुसर मार।
आलोक -क्या ज्यादा ताकत की
जरूरत पड़ी होली ?
डा मदन - एक औरत बि ये काम कर सकिद छे। लड़की बि सरलता से इन काम कर सकदन। कोमल उन त पतली लगदी पर इन लड़की पर भौत ताकत
हूंदी। ज्वा स्त्री अकेला रौणै आड़ती हो तो वा इन कत्ल कर सकदी।
बृजमोहन - हाथों छाप पूंछे
गेन।
[हंसी की आवाज , नंदा पागलपन जन हंसी हंसदी स्टेज मा आदि ]
नंदा [हंसणी च ]- ये द्वीप
माँ भौत सा चिमुल्ठ
छन। बतावो कि शहद कख मीलल ? हाहा हां -
[सब वींतै घूरिक दिखदन ]
नंदा -क्या छंवां मि तैं टक
लगैक दिखणा ? हरेक का कमरा मा एक कविता कि
दस सैनिक घुमणो गेन
एकक सांस रुकि गे तब नौ रै गेन
…
…
एकान अफु इ काट दे अर तब छै रै गेन
छै सैनिक शहद जमा करणो गेन
एक तै चिमल्ठुन तड़कै दे अर तब पांच रै गेन
मतलब अब कै तै चिमल्ठुन
तड़काण ?
क्या
ये द्वीप मा चिमल्ठ
पाळे जांदन ? हाहाहा
[डा मदन नंदा पर झापड़ मारद ]
नंदा [हिचकी आंदन , रुंदी च , फिर सामन्य हूंदी ] सॉरी। अब मि ठीक छौं। मिस कोमल अर मि आपकुण नास्ता बणौदा। कैम माचिसक तिल्ली च। आग जगाण। [भैर जांदी ]
बृजमोहन - भौत बढ़िया कार। बिचारी भी से -
मदन -इन मा मीम क्वी विकल्प
नि छौ।
हिस्टीरिया ऐ गे। अर फिर
थप्पड़ ही -
बृजमोहन - पर व हिस्टॉरिकल
नी च।
डा मदन -न व हिस्टॉरिकल त नी
च। व संवेदनशील , विचार करण वळि च। अचानक विपदा से इन ह्वे जांद। कैपर बि दौरा पद सकद।
धूमल - चलो नास्ता करे जावो।
[सब चल्दन ]
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