आखरी खाणो डब्बा
(करुणा, रोमांच , संशय , भ्रम रसयुक्त नाटक )
मूल नाटककार - डी . एम . लारसन
गढ़वाली अनुवाद - भीष्म कुकरेती
(केवल नाटक प्रशिक्षण हेतु , नाट्य प्रदर्शन हेतु लेखक की अनुमति आवश्यक है )
माला
राजू क्या बात च ?
राजेन्द्र
मि तै अति भूख लगीं च।
[राजू खाणो डब्बा पर नजर टिकैक रखद
माला
तो खालेदी। मी तै फर्क नि पड़द
पर यु तो आखिरी डब्बा ही बच्युं च।
माला
क्या ह्वे तब। ठीक च
राजेन्द्र
अर तू ? त्वै तै भूक नी च ?
माला
ना भूक नी च।
[राजू मथि तक लगान्दु ]
राजेन्द्रमि तै विश्वास नी हूणु च कि यु खाणो आखरी डब्बा च।
माला
एक न एक दिन तो यु हूणि इ छौ।
राजेन्द्र
मि तै विश्वास छौ कि कुछ अहुर दिन चल जालो।
(वु कैन ओपनर खुज्यांद )
माला
कैन ओपनर मेज मा ह्वालु
[कैन ओपनर मेज तौळ रौंद वु तौळ खुज्यांद अर इथगा मा माला खाणो डब्बा मेज बटें उठै लीन्दी ]
राजेन्द्र
[उत्तेजना मा ] आ डब्बा खुलणो ओपनर मिल गे , मिल गे , इख्मी छौ। पर डब्बा कख च ? है इ क्या डब्बा तो मीन मेज मा देखि छौ।
राजेन्द्र
क्या मि तै मेज माँ डब्बा हूणों भरम ह्वे ह्वालु ? हैं भरम ?
माला [खुसी का मूड मा ]
ह्वे सकद च !
राजेन्द्रहूँ ? या कैन उठै दे हो ?
[राजेन्द्र जांद अर माला तै कुतगळी दीण लग जांद
माला
अरे बंद कौर मेरी टट्टी पिशाब भैर ऐ जाली।
तो डब्बा मि तै दे।
माला
अच्छा अच्छा दींद छौ।
[माला डब्बा हथ मा लेकि हंसणी रौंदी। फिर डब्बा दीन्दी ]
राजेन्द्र
तीन कुछ बि नि खाणै ?
माला
उंह
राजेन्द्र
[राजेन्द्र कैन खुल्द पर काँटा नि रौंद। उ काँटा का बान उठद अर मेज की तरफ जांद। माला कैन का तरफ सरकदि ]
देख डब्बा पर हथ ना हाँ।
[द्वी कांटा लेक आंद अर अपण काँटा से भोज्य पदार्थ भैर गाडद अर माला का मुख मा धरद। इनि माला बि भोज्य पदार्थ गाड्दि अर राजेन्द्र का मुख मा धरदी ]
माला
खाणो आखरी डब्बा !
राजेन्द्र
हाँ पर --
माला
या जीमण से पैल आखरी भोजन।
राजेन्द्र
जीमण ?
माला
हाँ भैर जो प्रतीक्षा मा जि छन।
राजेन्द्रहा ह्वे सकद च न्यूक्लियर विकिरण कम ह्वे गे हो !
माला यु भौत बुरु च कि तू पक्को शाकाहारी छे।
राजेन्द्र
भैर फल तयार होला।
माला
अर साफ़ पाणी मा डुबका होला।
राजेन्द्र
मि तै डुबका वळ पाणी पसंद च। बोतल का पाणी पेकी पेकि बिखळाण पड़ गे।
माला
चल मि फूक मारिक त्यार पाणी मा डुबका लांदु।
[द्वी एक दूसर तै खलाणा रौंदन ]
राजेन्द्रपता नी भैराक क्या हाल छन धौं ?
माला
पता नी मॉनिटर तो रेडिएसन मतबल विकिरण ही दिखाणु च।
राजेन्द्र
अब हमम एक दिनों बि भोजन नी च।
माला
पाणी की बि वै हालत च।
राजेन्द्र
हूँ
माला
अब भोजन केवल रिसाक्लिंग से प्राप्त ह्वे सकद
[द्वी डब्बा चाटिक खाली करदन ]
माला
बांटिक खाणो वास्ता धन्यवाद
हमेशा मि तेरी फिकर करदो।
माला
हाँ तीन हमेशा शेयर कार।
राजेन्द्र
तू प्रिय छे। मि बढ़िया से बढ़िया चीज दीण चांदो छौ।
माला
हाँ अर अंत तक म्यार पैथर खड़ो रै।
राजेन्द्रतन न बोल अबि अंत नि ऐ।
माला
मि तै याद च जब वूंन ब्वाल कि वु बम लेकि आणा छन तो … मि अकेला इखुल्या यखुली छौ। राजेन्द्र
मीन बि आस छोड़ी आल छौ कि हम फिर दगड़ी बि होला।
माला
हरेक शहर से दूर जाण चाणो छौ। हरेक भागम भागमा लग्युं छौ कि बम फुटणो जगा से दूर ह्वे जावो।
राजेन्द्र
मि दुसर तरफ जाणु छौ।
माला
अर उ त्वै तै पकड़न चाणा छया कि तू शहर का तरफ नि जै सौकु।
राजेन्द्रक्वी मि तै त्वै से नि कर सकद छा।
माला
मी बि त्यार बगैर शेल्टर तौळ जाणो तैयार इ नि छौ।
राजेन्द्र
हाँ तू पोर्च तौळ खड़ी छे अर अगास जिना दिखणि छे।
माला
हाँ मि आकास मा मिसाइलों की दौड़ दिखणु छौ कि बम कख फिंके जांद धौं।
राजेन्द्र
अर मेरी कार क्रैश ह्वे गे सीधा आँगन का चौक का पेड़ से
माला
थैंक गौड कुछ नि ह्वे।
राजेन्द्रमि जल्दी मा छौ। ब्रेक लगाणो बगत इ नि छौ।
माला
मि त डौरी गे छौ कि अब क्या दिखुल …
राजेन्द्र
मी पर एक खरोड़ा बि नि लग।
माला
हम द्वी एक दुसरो कुण जि बण्या छया।
राजेन्द्र
अर समय हम तै ये घोल , घोसला पुटुक लया तब।
माला
मि तै यु घोल पसंद च।
राजेन्द्रमि तै नि लगद यांसे पैल मि इथगा खुस रै होलु !
माला
मी बि
क्वी बाधा ब्यवधान ना। कैक ना सुणनि न कैक लगाणि। क्वी भैर वाळ बीच मा ना।
माला
मि त इख से भैर जाण इ नि चाँद छौ।
राजेन्द्र
पर क्या करें अब तो अंतिम डब्बा बि हमन खतम कर याल।
माला
एक साल हमन इख अकेला गुजार हैं ?
राजेन्द्रमि त अबि बि सालों त्यार दगड इख अकेला रै सक्दु।
माला
मी बि। राजेन्द्र
वा कुर्सी शानदार च हाँ ![कुर्सी पास जांद ]
माला
वा कुर्सी मेरी पसंदीदा कुर्सी च हाँ। कखि कुर्सी बुकाणो बिचार तो नी च ना ?
राजेन्द्र
[कुर्सी का कुसन भैर खींचद ]
माला
क्या करणु छै ?
राजेन्द्रदिखणु छौं इख पुटुक खाणो टींड त नि ह्वावन।
माला
अपण सोफ़ा चेक कार कुर्सी अधिक साफ़ च। राजेन्द्र
क्या ?
माला
अरे मि हमेशा त्वै तै अधिक खाण दींद छौ कि तू फिर अजर -बजर नि कौरी।
राजेन्द्र
मि तै लगद तू सही छे। कुर्सी का पुटुक कुछ नी च -- सोफ़ा चेक करण चयेंद।
[सोफ़ा का कुसन हटांद ]
अरे जैकपॉट !
माला
बोली तो छौ।
राजेन्द्रचिप्स का चूरा …
माला
हूँ शाकाहारी चूरा
[राजेन्द्र चूरा तै मुख पुटुक डाळद ]
माला
कथगा चूरा ह्वालु ?
राजेन्द्र
साल भर तक को तो -
माला
हूँ ?
राजेन्द्रयदि हम माछ हूंद तो !
माला
क्या मतबल ?
बस जु मुख्य मा आयि से बोल दे
[द्वी हंसदन। माला कुर्सी मा बैठ जांदी ]
माला
अब क्या करे जावो ?
राजेन्द्र
भैर जाण पोड़ल।
माला
पर भैर तो विकिरण किरण ?
राजेन्द्रकुछ तो खतरा मोल लीण इ पोड़ल कि ना।
माला
पता नी भैर का क्या हाल होला ? राजेन्द्र
ह्वे सकद च सब बम फुस ह्वे गे ह्वावन अर भैर ठीक ठाक ही हो ?
माला
तो फिर विकिरण किलै दिखानो च ?
राजेन्द्र
तीन कखि माइक्रोवन ऑन तो नि रख छौ ?
[द्वी हंसदन। माला नक्सा पर नजर डाळदि ]
माला
अच्छा अब कख जये जावो ?
राजेन्द्रआखरी रेडिओ ब्रोडकास्ट कख बिटेन ऐ छौ ?
माला कुछ समय पैली। मीन नक्सा मा मार्क बि कौर छौ।
राजेन्द्र
शायद क्वी छूट सि कस्बा बच गे होलु। अर रेडिओ ऊख बटें -
माला
शहर का कथगा लोग वै कस्बा तक पौंछि ह्वाला ? राजेन्द्र
ऊंकुण उथ्गा भोजन नि रै ह्वालु।
माला
बच्यां लोगुंन भोजन की क्या व्यवस्था कर होली ? खाणक तो रैई नि होलु।
राजेन्द्र
मतलब हम तै उख नि जाण चयेंद ?
माला
हाँ उख बि तो भोजन नि होलु।
राजेन्द्र
एक बात बता कि जुत खाण मा कनो हूंद ह्वालो। एक फिलम मा चार्ली चैप्लिन भूख मा जुत खांद।
माला
मीन चैप्लिन की पिक्चर तो नि देख पर वैक का बारा मा सूण इ सूण च ।
राजेन्द्र
उफ़ कन पिक्चर दिखदी छै तू ?
माला
तू बोल तो मि त्यार बान कैं पिक्चर की हीरोइन बण जौं !
राजेन्द्र
मेरी त फेवरेट फिल्म जुरासिक पार्क च तो डायनासोर कु अभिनय करली हैं ?
[द्वी हंसदन ]
माला
मीन बचपन मा देखि छौ।
राजेन्द्रतेरी यादास्त खूब च हाँ।
माला
हूँ
राजेन्द्र
त्यार साल यखुली गुजर गे अर पता बि नि चौल। तीम या रस्याण लाणो कला बड़ी च हाँ।
माला
मि तै वु पसंद जु तीन मेकुण प्रेम बाबत लेखी छौ।
राजेन्द्र
अर मि तै भौत पसंद च जु तीन चित्र बणैन।
माला
मेरी जिंदगी का सबसे महत्वूर्ण रचनात्मक समय छौ यु एक साल।
राजेन्द्रम्यार बि। मि नि जाणदो कि क्वी रचनाधर्मिता द्याखल बि।
माला
कुछ फरक नि पड़द। हमन एक हैंकाकुण रचना रच अर हम दुयुं तै पसंद आई यो ही भौत महत्वपूर्ण च।
तू भौत मयेळी छे। मि इ जनम मा कै हैंकाक दगड बिताणो सोच बि नि सकुद।
माला
में पर चिपकिक रौणै इच्छा ?
राजेन्द्र
हाँ।
माला
त्वी बि तो दुनिया का सुंदर युवा छै।
राजेन्द्रमि त्वै तै असफल हूण नि दिखण चांदु छौ बस आज -
माला
आज क्या ? राजेन्द्र
भोजन -सब समाप्त -
माला
पर हमन आवश्यकता से अधिक ही खै ह्वाल। तीन इथगा दिन भौत स्वादिस्ट भोजन बणाइ। तीन सब कुछ की पूरी हिफाजत कार।
राजेन्द्र
पर आज समज मा नि आणु च कि क्या करे जावो। समस्या कु क्या समाधान ह्वालु ?
माला
समय ऐ गे कि कै हैंक तै समाधान खुजण दे।
राजेन्द्रतीम क्वी योजना च ?
माला
हाँ
राजेन्द्र
मी तै त्वे पर पूरो विश्वास च।
माला
मि तै लगणु च कि आज कुछ ना कुछ हूण वाळ च। कुछ भलो भलु हितकारी -
राजेन्द्र
मि तै विश्वास च कि हितकारी ही ह्वालु।
माला
पता नि क्या … पर कुछ हितकारी हूण वाळ च।
राजेन्द्रबिलकुल विश्वास च मि तै।
माला
तो फिर आँख बंद कौर अर घुण्ड मा बैठ।
राजेन्द्र
प्रार्थना ?
माला
हाँ प्रार्थना करण ।
[राजेन्द्र कॉफी टेबल का पास जांद , आँख बंद करद। प्रार्थना पीजे मा ]
राजेन्द्र
उन मि प्रार्थना नि करद पर अब प्रार्थना से मि कुछ बि नि मंगण चांदो अपितु कुछ जणन चांदु शायद अफु तै समजण चांदु। मि त्वै तै धन्यवाद दींदु जु तीन में तै एक भेंट दे -प्रार्थना ! तू सबसे प्यारी छे अर तीन मि तै अमूल्य भेंट दे।
[ माला वैक समिण आदि अर खुस ह्वेक एक चॉकलेट जन का बक्सा धरदी।
राजेन्द्र
हे भगवान !
हे भगवान !
[वु आँख खुल्द अर खुस माला तै दिखुद अर चॉकलेटौ बक्सा दिखुद ]
राजेन्द्र माला लिपटद ]
माला
मीन यु अति आवश्यकता का वास्ता बचैक रख छौ।
[ अचानक संगीत की आवाज आदि ]
कुछ तीन बि सूण ?
माला
इंटरकॉम की आवाज च।
राजेन्द्र
नहीं या आवाज भैर बटें आणि च। क्वी संगीत बजाणु च।
माला
आकर्षक संगीत आकर्षक !
राजेन्द्रभैर दिखणो जये जाय ?
माला
ह्वे सकद च क्वी हमर पैथर हो ? राजेन्द्र
हम तै क्वी अलग नि कौर सकद।
माला
संगीत नजदीक आणु च।
राजेन्द्र
इन लगणु च जन बच्चो बान आइस क्रीमों ट्रक आणु हो जू संगीत सुणान्दु।
माला
हाँ हां आइस क्रीम कु ट्रक जु संगीत बजाणु रौंद।
राजेन्द्रहाँ आइस क्रीम कु ही ट्रकक आवाज च।
माला स्वादिस्ट ठंडी आइसक्रीम।
राजेन्द्र
हम तै भैर दिखणो जाण चयेंद ?
माला
ठीक च। राजेन्द्र
ठीक च। राजेन्द्र
तयार ?
माला
मि स्वेटर पैरिक आंदु
[वा स्वेटर पैरदी ]
राजेन्द्र
त्वे पर स्वेटर क्या फबणी च हाँ !
माला
धन्यवाद।
राजेन्द्रतयार ?
माला
थुडा डौर लगणी च। राजेन्द्र
मि सदा त्यार साथ रौलु।
माला
चलें ?
राजेन्द्र
चल।
माला
[भैर सुहाना छौ। जन कि संसार ]
राजेन्द्र
क्या हम बेकार मा एक साल तक भ्रमवश विकिरण का डौर भितरी रौंवाँ ?
माला
हैं ? क्या बेकार मा ?
[ राजेन्द्र अर माला भैर जांदन आइसक्रीम का डब्बा लांदन अर भैर से संगीत की आवाज बढ़दी जांद। ]
[ राजेन्द्र अर माला भैर जांदन आइसक्रीम का डब्बा लांदन अर भैर से संगीत की आवाज बढ़दी जांद। ]
मूल नाटककार - डी . एम . लारसन
गढ़वाली अनुवाद - भीष्म कुकरेती
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