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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, June 18, 2015

यहां कोई ज़िंदा नहीं बचेगा [इख कैन ज़िंदा नि बचण ] - Count...

दृश्य - 6 , Scene 6 - -----------------------------------------
             [   डा मदन बिजणु च ]

[ डा मदन सियुं च अर सर्यूळ बिजाळणो आंद ]
सर्यूळ- डा साब साब ! खड़ा ह्वेन जरा।
मदन - क्या ह्वे ?
सर्यूळ- मेरी घरवळि - वा बिजणी नी च।  मीन कथगा इ कोशिस कार। मि तै कुछ ठीक नी लगणु च।
[मदन गाउन पैरदो , द्वी भैर जांदन ]
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दृश्य -7   , Scene 7   ----------------------------------------- 
[मिसेज सर्यूळ सियीं च। मदन आर सर्यूळ आदन।   डा मदन तपास करद।
मदन मुंड हिलांद -
सर्यूळ- -क्या वा ?
मदन -हाँ वा अब यीं दुन्या मा नी च।
सर्यूळ- हार्ट अटैक ?
मदन [सोचिक ]-वींक साधारण तब्यत कन छै ?
सर्यूळ- -वातरोग छौ पर ठीक छे।
मदन - अजकाल कै डॉक्टरन बि तपास कार ?
सर्यूळ- डाक्टर ? सालों से वा क्या हम दुयुं मादे क्वी डाक्टरम नि गेवां।
मदन -मतलब हार्ट अटैक का क्वी चांस नि छया ?
सर्यूळ- -ना !
मदन -नींद ठीक  आंदि छे ?
सर्यूळ- हाँ ठीक था।
मदन -नींद की गोळि  गाळी ?
सर्यूळ- -ना ना कबि ना।  वींन वै गोळी खै ज्वा  आपन दे छे।
मदन -हूँ !

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दृश्य - 8   , Scene  8 ----------------------------------------- 
                     [समुद्रौ छाल ]
[महेश , आलोक , नंदा , धूमल , ब्रजमोहन समुद्रौ किनारा पर समुद्रौ तरफ दिखणा छन ]
बृजमोहन  - कखि बि मोटर बोत का नामो निशाण नि दिखेणु च।
नंदा - यु तो बीरान द्वीप च तो -अर इख सब चीज धीरे धीरे चल्दन।
धूमल - मौसम का क्या हाल ह्वाल ?
बृजमोहन -उन त ठीक दिखेणु च।
धूमल - कुछ पता नी कि कैबरी खराब ह्वे जावो।
बृजमोहन -तूफ़ान ?
[समुद्र माँ जोर की हवा ]
धूमल - बड़ी भूक लगीं च ब्रेकफास्ट ?
[सब वापस चल जांदन ]



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दृश्य -9    , Scene 9  ----------------------------------------- 
                 टेबल मा ब्रेकफास्ट
[सर्यूळ छोड़िक सब नास्ता करणा छन। सर्यूळ नास्ता दीणु च ]
कोमल - यु बड़ो मुरझायुं  लगणु च।
डा मदन - यदि वैन  नास्ता बणै अर दीणु च तो वो बि बड़ी बात च। मिसेज सर्यूळ का बगैर -
कोमल -वीं तै क्या होइ ?
डा मदन - वा सियां सियां मा इ मथिन चलि -
[सब सुस्कारी  भरदन ]
नंदा - दुखदाइ ! द्वीप मा आणो बाद द्वी मौत।
आलोक - मौत का असली कारण ?
डा मदन - कुछ बुले नि सक्यांद।
आलोक - तो सर्टिफिकेट ?
मदन - मि इनि नि दे सकुद किलकि वींक केस हिस्ट्री पता इ नी मि तै।
नंदा - हाँ ब्याळि टेप सूणिक वींक व्यवहार झक्झट्या मतबल नर्वस सि अवश्य छौ। फिर शायद हार्ट फेलियर ?
मदन - अवश्य वींक हार्ट बीत बंद ह्वेन पर क्यान ? यु बथाण कठण च।
ब्रजमोहन - वींन रात क्या खाई , क्या पेयी ? यु पता लगाण बि जरूरी ?
मदन - सर्यूळन बोलि कि क्वी इन चीज नि खै छौ।
बृजमोहन - अजी वैक बुलण से क्या हूंद ? वु कुछ बि बोल सकुद।
धूमल - तो आपक क्या ख़याल च ?
बृजमोहन - किलै ना ? ब्याळिक बात माना कुछ हद तक सही हो तो ? अब यदि वा क्वी भेद जाणदि हो अर यदि वा भेद खुलण पर उतारू ह्वे जाव तो ? वींक भेद खुलण से वींक पति खतरा मा ऐ सकुद छौ। अर भेद खुलण से वैक क्या ह्वै सकुद वु जाणदि व्ह्वाल कि ना ? तो भेद नि खुलणो बान यदि वैन चाय मा कुछ मिलै दे हो तो वैक भेद सदा का वास्ता छुप गे कि ना ?
महेशा - हाँ तर्क का हिसाब से सही बि ह्वे सकद।  किन्तु क्वी अपण घरवळि दगड़ इन नि कर सकुद।
बृजमोहन - कैक    गौळ फँस्युं हो तो वु भावना से दूर ह्वे जांद।  भवनाहीन !
[
सर्यूळ का प्रवेश , वु चरि तरफ इना ऊना दिखुद ]
सर्यूळ- टोस्ट नि बण सक्दन।  आज आनंद नि आई तो ब्रेड बि नि ऐन।  उन यदि वु नि आंद तो वु अपण भाई भिजद छौ पर आज अबि तलक।

महेशा - सर्यूळ ! तेरी घरवळि मौत कु बड़ो दुःख च। हम सब्युंक तरफ़ान पस्त्यो स्वीकार कारो।
सर्यूळ- जी धन्यवाद। [चल जांद ]

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