चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
ब्याळि मेरो डाकटर दगड्यान चार बजि फोन कार बल यार भीषम , आज स्याम डिस्पेंसरी मा भीड़ बढ़णो अंदेसा च त हेल्प का वास्ता डिस्पेंसरी ऐ जै। मि तैं आश्चर्य ह्वे कि ये बगत त डाक्टरुं ऑफ सीजन चलणु च अर म्यार दगड्या की डिस्पेंसरी मा भीड़ बढ़णो अंदेसा च। हैं ? क्या डॉकटर बि सर्वे कराण मिसे गेन जु यूं तैं पता चल जांद कि आज स्याम भीड़ बढ़न !
मि छै बजी डिस्पेंसरी पौंच त द्याख कि डिस्पेंसरीम बीमारुं पिपड़कारो लग्युं छौ। नर्स बि डॉक्टरौ काम करणि छे अर चपड़ासी याने सफाई कर्मचारी इंजेक्सन लगाणु छौ अर एक नयो आदिम दवै बंटणो काम करणु छौ।
म्यार डॉकटर दगड्या मि तैं भितर लीग अर समजाण लग ," आज रविवार छौ अर आज सुबेर बिटेन लोगुन टीवी मा अपण प्रिय नेताओं भाषण सुणेन अर बीमार पोड़ी गेन। हर चुनाव का टैम पर इनी हूंद। "
मीन पूछ ," पर मीन क्या सहायता करण ?"
डाकटरन समजाई , " त्वै तैं बीमारुं से रोग का बारा मा पुछण अर दवै लेखिक दे दीण। म्यार सफाई कर्मचारी अफिक सही इंजेक्सन लगै द्याल अर प्रभावकारी दवा दे द्याल। "
मीन अपण धंधोळ जाहिर कार ," पर मै तैं दवा का बारा मा कुछ बि ज्ञान नी च। "
" बस तू जन एमएससी करद कै बि वनस्पति का नाम लैटिनाइजेसन करद छे ऊनि वै हिसाब से मरीज कु रोग का हिसाब से इंजेक्सन अर दवा का नाम पर्ची माँ लेख दे। बकै म्यार सफाई कर्मचारी सब संभाळ द्याल। बॉस रोगी तैं रोग अर दवाई का नाम लैटिन भाषा मा बताण नि बिसरी हाँ !"
मीन फिर संशय बताइ ," यार कुछ गड़बड़ ह्वे गे तो ?"
डाकटरन ब्वाल," कुछ नि होलु। म्यार सफाई कर्मचारी जादा पढ्युं लिख्युं नी च तो वै पर संशय को रोग नि लगद। वो सौब ठीक कौर द्याल। "
मैकुण अलग पंक्ति मा अलग से कुर्सी टेबल , अर मेज मा दवाई , मेडिकल कम्पन्युं दियां गिफ्टों से मेज इन सजाये गईं छे कि मि वास्तव मा एमडी लगणु छौ।
पैलो मरीज आयि।
मीन पूछ - क्या हुयुं च ?
मरीज - कुछ ना ! मीन आज ममता बनर्जी का भाषण सुणिन अर मि तैं लग कि मि तैं वापस कोलकत्ता जाण चयेंद।
मि - कोलकत्ता वापस जाणै इच्छा किलै हूणि च ?
मरीज - वी त रोग च। कम्युनिस्ट राज मा फैक्ट्री बंद ह्वे गे छा अर मि जवान ह्वेक बि काम की तलास मुम्बई ऐ गे छौ अर अब ममता बनर्जीक भाषण से लगणु च कि बंद फैक्ट्री खुल जाल !"
मि - तो ?
मरीज - पर असलियत या बि च कि बंगाल मा अबि बि फैक्टर्युं बंद हूण बंद नि ह्वे अर मि अनावशयक रूप से भरवस करणु छौं कि बंगाल मा बंद पड़ीं फैक्ट्री खुल जाल। "
मि - ओहो तुम पर ममताफिलिक बीमारी ह्वे गए।
मरीज - यी क्या बीमारी च ?
मि - कुछ ना अच्काल बंगाल मा या बीमारी फैलीं च। जावो एंटीममता का इंजेक्सन ले ल्यावो अर मुंबईलवोसिन कि गोळी खै ल्यावो।
हैंक मरीज बि बंगाली छौ अर वैक दगड़ एक केरल का मनिख बि छौ।
मीन पूछ -क्या हुयूं च
केरल वाळन बताई - यू एक फैक्ट्री मा प्रोडक्सन मजदूर च। पता नि जब बि यि प्रकाश कारत या सीताराम येचुरी तैं टीवी मा दिखुद त यु अपण प्रोडक्सन मैनेजर तैं धकेलिक वैक कुर्सी मा बैठ जांद अर बरड़ाण बिसे जांद कि या कुर्सी त मजदूरो की च। अर फिर सरा मैना काम करण बंद करी दींद अर चौगुणी पगार की मांग करण बिसे जांद।
मीन बोल - हाँ या कॉमनस्टी बीमारी अबि बि भारत मा च। तुम इन कारो ये तैं ऐंटि कम्युनिज्म का इंजेक्सन लगावावो अर प्रो -नरेंद्र मोदी की गोळी खलावो बस दूसर दिन ठीक ह्वे जाल।
एक उत्तराखंडी अर एक केरल का प्रवासी दगड़ी ऐन अर बताण बिसेन - यु पलायन कब रुकल ?
मि -क्या मतबल ?
द्वी -क्या अब का चुनाव बाद पलायन सचेकी बंद ह्वे जाल ?
मि - वो तुम अपण नेताओं का बुल्युं पर अति विश्वास करदां क्या ?
द्वी - हां।
मि -तुमम पासपोर्ट बि च ?
द्वी - हाँ !
मि -तो तुम मौसम बदली का वास्ता दस सालुं कुण दुबई वगैरा घुमिक आवो। अर अबि फुलिशसिन का इंजेक्सन लगावो अर भरममानिरावो की गोळी खै ल्यावो।
एक पतळो मुस्लमान आइ अर मीन पूछ -ये क्या हालात बना रखी है? कुछ लेते क्यों नही हो ?
सींक बरोबर कमजोर मुसलमान - इथगा सालों से खूब खाणा खांदु पण हर पांच साल मा सेक्युलर नामका सामाजिक कार्यकर्ता खून निकाळी ली जांदन अर मि कमजोर ह्वे जांदु ।
मि -ठीक च तुम इन कारो अफिकअपणबारोमानिर्णयल्यावो का इंजेक्सन लगावो अर निडरताफिलिक की गोळी खावो।
एक हिन्दू आयी अर पुछण लग - क्या अयोध्या में मंदिर बनेगा ?
मि - मि बीमारी पुछणु छौं।
वैक दगड़ अयूं दुसर हिन्दू - पिछ्ला बीस साल से चुनाव बगत ये पर इनी रबत लग जांदो।
मि -ये तैं मुलायम सिंग की रैलियों मा भ्याजो। अर अबि ''दिल चंगा तो कठोती में गंगा'' की गोळी खलावो अर 'जित देखूं तित राम' का इंजेक्सन लगवावो।
एक मरीज आयी अर बुलण लग - क्या राहुल बाबा सचमुच में भ्रस्टाचार मिटा पाएंगे ?
मीन पूछ - कनो ? तुम तैं राहुल बाबा की ईमानदारी पर शक किलै हूणु च ?
वु मरीज - नै ! पिछ्ला पांच सालुं मा राहुल जीन भ्रष्टाचार का विरुद्ध कुछ नि ब्वाल अर अब भ्रस्टाचार मिटाणो बान नियम -क़ानून बणाणो बात करणा छन ?
मि - तुम तैं "सरा दिन से लटकी अर रत्यां पाणी अटकी " का इंजेक्सन लगवाण पोड़ल अर 'आश्वासन पर विश्वास नि कारो " की गोळी खाण पोड़ल।
इनी देर रात तक मरीज आणा रैन अर सब मरीज नेताओं का दियां आश्वासन का पूर नि होण से मानसिक रोगी ह्वे गे छा। म्यार डॉकटर दोस्त का सफाई कर्मचारीन सब पर ग्लूकोज का इंजेक्सन लगाई अर मुंडर की गोळी खाणै दे।
Copyright@ Bhishma Kukreti 3/3/2014
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