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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, March 17, 2014

सन 2114 मा चुनावी खबरूं जायका कु जायजा

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि ) 
खबरूं पर जैन शाहू एकाधिकार एजेंसी (जु पैल टाइम्स ऑफ इंडिया छौ ) की एकाधिकार संवाददाता न खबर दे कि लोक सभा चुनाव मा नेहरू गांधी मंडल  (पुरण रायबरेली ) बिटेन कॉंग्रेस बिटेन डौली बाड्रा अर भाजपा बिटेन पेट्रीसिया बाड्रा का बीच घमासान चुनावी युद्ध छिड़ी गे।  आशंका ही ना पूरी उम्मीद च कि डौली बाड्रा अर पेट्रीसिया बाड्रा  चुनाव मा अपण पड़ ददा रॉबर्ट बाड्रा की हरयाणा , राजस्थान , उत्तराखंड की जमीन जायजाद कु झगड़ा तैं चुनावी मुद्दा बणाण वाळ छन।  एक ख़ास खबरचीनन  खबर खोजी कि यूं दुयुंन एक जमीन कु बिचौलिया बिशाल पाल सिंग की मध्यस्तता मा निर्णय ले कि यी द्वी बैणी  अपण पड़दादी प्रिंयका गांधी तैं ये बार चुनावी मुद्दा नि बणाला।  पाठ्कुं तैं याद दिलै द्यूं कि पिछ्ला चुनाव मा यूं दुयुंन  अपण पड़ दादी प्रियंका गांधी तैं चुनावी मुद्दा बणै छौ त पिछ्ला चुनाव यूं दुयुंकी चचेरी बहिन अगाथा बाड्रा मुलायम सिंग पार्टी (ज्वा पैल समाजवादी पार्टी छे ) से चुनाव जीती गए छे।  अबै दैं यी द्वी बैणि नि चांदन  कि यूंकि चचेरी बैणि फैयदा उठाऊ।  जख तलक नेहरू -गांधी मंडल की छै विधान सभा क्षेत्र कु सवाल च पिछ्ला विधान सभा चुनाव मा डॉली बाड्रा का तीन नौनी  , पेट्रीसिया बाड्रा का एक बेटा  अर एकबेटी अर अगाथा बाड्रा कु बेटा विधायक छन। 
न्यूजूं  पर दुसर नम्बरो एकाधिकारी अम्बानी एजेंसी न एक सर्वे करायी त पायी कि पूरबी उत्तर प्रदेश पर मुलायम सिंग पार्टी , दक्षिण उत्तर प्रदेश पर शिवपाल यादव पार्टी , मध्य उत्तर प्रदेश पर राम गोपाल पार्टी कु दबदबा च।  ख्याल रहे कि यी सब पैल सन 2014 मा समजवादी पार्टी का नाम से चुनाव लड़दा छा अर सन 2020 मा तिनि भायूँन पार्टी कु बंटवारा कार जांसे उत्तर प्रदेश पर यादव राज हे रावो ।   पश्चमी उत्तर परदेश पर चौधरी चरण सिंग पार्टी ही राज कारल। 
खबरूं तीसरी बड़ी एकाधिकार कम्पनी अगरवाल फाउन्डेसनन गढ़वाल का बारा मा खबर दे कि टिहरी मा महाराजा बंश अर हेमवती नंदन वंश की परम्परागत लड़ाई ही चौलल , पौड़ी मा खंडूरी वंश अर रावत वंश की लड़ाई बीच रस्ता मा ऐ गे तो हरिद्वार मा रमेश पोखरियालका झड़नाती अर  हरीश रावत का पड़नाती चुनावी मैदान मा छन।  पोखरियाल खानदान या रावत खानदान मादे लोक सभा चुनाव वी जीत सकुद जैक दगड़ भूतपूर्व लंढौरा नरेश खानदान  ह्वाऊ।  पाठकुं तैं याद दिलै द्यूं कि लंढौरा रियासत 1857 का करीब एक्जिस्टेंस मा ऐ छे अर 1947 से लेकि 2114 तलक ये विधान सभा क्षेत्र पर लंढोरा नरेश का कुनबा ही चुनाव जितद। 
खानदानी सर्वेक्षण एजेंसी का अनुसार सन 2114 मा भारत मा 514 लोक सभा सीटुं मा सन 2014 का लोक सभा सदस्यों का पड़नाती , पड़नातण या झड़नाती -नातण ही चुनाव लड़ना छन।   बंचनेरुं तैं बताये दिए जाव कि सन 2019 मा सबी पार्ट्यूं का मध्य एक गुप्त समझौता ह्वे छौ कि आज से चुनाव टिकेट केवल संसद सदस्य या विधायकों का बेटा या बेटी -जवाईं तै ही दिए जाव अर आज 2114 मा सबी विधायक अर लोक सभा सदस्य 2019 का नेताओं का खानदान का ही छन। 
ये बगत चुनावी मुद्दा जनता का वास्ता सुख सुविधा नी  च ये बगत त हरेक उम्मीदवार अपण खानदान कि इतिहास बताणु च।  हरेक पार्टी उम्मीदवारन अपण मेनोफेस्टो मा केवल अर केवल अपण खानदानी इतिहास छाप अर पार्टी मेनिफेस्टो मा बि उम्मेदवारुं इतिहास दिए गे। 
एक सर्वेक्षण कु हिसाब से ये बगत वोटर्सन  बि चमकते खानदानी उम्मीदवारो तैं वोट दीणो  सोची याल इलै ये चुनाव मा राजनैतिक पार्टी महत्वपूर्ण नी च अपितु खानदानी उम्मेदवार महत्वपूर्ण च। इख तलक कि कम्युनिस्ट उम्मीदवार बि अपण खड़ददा ,   पड़ददा कु कम्युनिस्ट आंदोलन मा योगदान का भाषण सुणाणा छन।  इनी कजीरवाल खानदान पार्टी का उम्मेदवार अरविन्द केजरीवाल की जीवनी पुस्तक 2114 का चुनाव मा घर घर बांटणा छन।  
इस चुनाव को  खानदान की नाक बचाने वाला चुनाव कहना अधिक तर्कसंगत है।  



Copyright@ Bhishma Kukreti  18/3/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]  

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