चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
चुनाव मौसम मतबल हजामत बनाने का मौसम। क्वी ना क्वी कैक ना कैक हजामत बणाणु रौंद। चुनावुं बगत पर हजामत की महत्ता बढ़ी जांद।
टिकट प्रार्थी अपण प्रतिद्वंदी की खुलेआम हजामत बणाणु रौंद अर टिकटार्थी जु टिकेट दिलाण मा सहायक हूंद वैक दाड़ी पर हाथ फिराणु रौंद दगड़म मालिस बि करणु रौंद।
2014 का आम चुनाव मा नरेंद्र मोदी हजामत बणाण अर चम्पी करण मा उस्ताद साबित हूणु च।
नरेंद्र मोदीन कॉंग्रेस का सरदार बल्लभ जन बेकार पुराणो उस्तरा तैं ढ़ैपर कूण्या बिटेन खुज्याइ , वै खुंड उस्तरा तैं कॉंग्रेस कु ही पळेन्थर मा पळयाइ अर ऊंकी उस्तरा से कॉंग्रेस की हजामत करी दे। अब कॉंग्रेसी नाइ राहुल बुलणु च बल स्यु नाइ हमर उस्तरा चोरिक ली गे। पण अब राहुल गांधिक बुलण से बि क्या हूण जब चतुर नाइ नरेंद्र मोदी त खुले आम उस्तरा चलैक चली गे।
नरेंद्र मोदीन कॉंग्रेस का सरदार बल्लभ जन बेकार पुराणो उस्तरा तैं ढ़ैपर कूण्या बिटेन खुज्याइ , वै खुंड उस्तरा तैं कॉंग्रेस कु ही पळेन्थर मा पळयाइ अर ऊंकी उस्तरा से कॉंग्रेस की हजामत करी दे। अब कॉंग्रेसी नाइ राहुल बुलणु च बल स्यु नाइ हमर उस्तरा चोरिक ली गे। पण अब राहुल गांधिक बुलण से बि क्या हूण जब चतुर नाइ नरेंद्र मोदी त खुले आम उस्तरा चलैक चली गे।
राहुल तै हौर कॉंग्रेसी नायियुंन उकसाई कि दुस्मनक हजामत बणाणै त जोर से किरैक उस्तरा चला। बिचारो राहुल गांधी गोडसे नामौ पुरण बिष मिल्युं साबुण से अपण खुंडु उस्तरा से भाजपा की हजामत बणाण बैठ पर यु निर्भागी दगाबाज साबुण बि दगा दे गे अर फिर बि यीं दैं राहुल भाजापा की हजामत बणाण से रै गे।
नरेंद्र मोदीन धारदार , पैनो कॉंग्रेसी उस्तरा अमूल से खुलेआम , बीच बजार मा मुलायम सिंग कु मुंडन कर दे अर कॉंग्रेसी दिखद ही रै गेन। कॉंग्रेस्यूंन सिकैत बि कार कि अमूल तो हमारो उस्तरा छौ पण तब तक उत्तर परदेश ही ना गुजरात का लोग बि सच मानी गेन कि अमूल वास्तव मा भाजापा कु निर्मित उस्तरा च।
बिचारी ममता बनर्जी बि लोभ मा, अण्णा हजारे की भकलौण मा ऐक दिल्ली मा हजामत की दुकान खुलणो आइ पर दिल्ली की जनता न साफ़ बोली दे कि हमन त आप पार्टी से ही हजामत कराण। ममता बिचारी लोगुं तैं बगैर उस्तरा दिखयां अपण सि मुख लेकि वापस बंगाल चली गे।
चुनाव मा हजामत बणाण सरल च किलैकि आश्वासन का साबुण अर भाषण का उस्तरा से ही जनता कु मुंडन संस्कार करण पोड़द अर चम्पी करण पोड़द । हरेक नेता जनता की हजामत करणो तयार च। बिचारी जनता अपण हजामत करांद करांद किराणी च कि हर बार नेता बुलद कि ये बगत मि भली भाँती हजामत बणौल अर हर बार नेता लोग जनता तैं लहूलुहान करदन अर नया नया आश्वासन का आफ्टर शेविंग लोशन लपोड़िक चली जान्दन अर जनता बिचारी अपण लहूलुहान चेहरा तैं देखिक ही हैरान हूंद कि कबि त क्वी भली तरह से हजामत कारल ?
चुनाव का बगत हरेक राजनीतिक दल जनता का मुंडन करणो भयानक से भयानक खुंडु उस्तरा लेक तयार रौंद ।
हाँ ये चुनाव मा एक नई पार्टी बि ऐ ग्याई याने आम आदमी पार्टी। आम आदमी पार्टी कब कैपर कै ढंग से उस्तरा चलै द्यावो कै तैं नी पता। पर यु सत्य च कि क्वी कैपर बि उस्तरा चलावो आम लोगुन ही मुंड्याण !
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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