चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
चुनावुं बगत कथगा ही किसमुं युद्ध हूंदन।
जन कि कॉंग्रेस मा चुनाव रैल्युं मा नेताओं मध्य शीत युद्ध हूंद कि राहुल बाबाक छ्वाड़ -वार की सीट पर कु जि बैठल। इनि भाजापा मा पैल अटल या अडवाणी क अगल -बगल की सीटुं बान भाजापाइ लड़दा छा अब अडवाणी की सीट से कखी दूर सीट पाणौ बान भाजापाई जुगत भिड़ान्दन अर अब नरेंद्र मोदी की सीट का ठीक पैथर कमांडरों अगल बगल की सीटुं बान बि भाजापाइ हाथापाई , छीना झपटी करदन। द्वी पार्ट्यूं मा नेता बड़ा नेता (राहुल , नरेंद्र मोदी ) से परिचय का बान शीत युद्ध करदन।
क्षेत्रीय पार्टी मा अपण नेता जीक अगल बगल मा बैठणो बान झगड़ा नि हूंद किलैकि इख मुख्य नेता जी अपण नेताओं तैं पछ्याणदा छन।
आम आदमी पार्टी मा अबि केजरीवाल का आस पास बैठणो बान नेताओं मा झगड़ा इलै नि हूंद कि अबि केजरीवाल खुद फिक्स करदो कि कै तैं कखम बिठाण ।
फिर सीटुं बंटवारो बान त अंत तक नेताओं मा झगड़ा हूणु रौंद।
ये चुनाव मा पता नी किलै कॉंग्रेस का कार्यालय सूना पड्या छन। निथर इन समय पर दिल्ली का सडकुं मा कॉंग्रेस टिकट का मंगत्या ही फिरणा रौंद छा। इन सूण बल अचकाल कॉंग्रेसी नेता राजधान्युं से दूर भागणा छन कि कखि ऊंक नाम लोकसभा प्रत्यासी का रूप मा घोसित नि ह्वे जा। पैल कॉंग्रेसी आपस मा इलै लड़दा छा कि म्यार या म्यार नौनो नाम लिस्ट मा किलै नि ऐ अर ये चुनाव मा कॉंग्रेसी इलै लड़ना छन कि म्यार नाम लिस्ट मा कैन धार। अब की बार कॉंग्रेसी नेताओं पर चुनावी व्रत कु रोग लग्युं च। सब पार्टी मा अपण ख़ास प्रतियोगी तैं टिकट दिलाणो जुगत भिड़ाणा छन जांसे प्रतियोगी चुनाव लड़ो अर हारण त लाजमी च। अजकाल कॉंग्रेसी चुनाव लड़ण से ही बितकणा छन। बात बि सै च कि हार जब समणि ह्वावो तो कैन कुद्दी मारण ?
उन दिल्ली की सीटुं बान भाजपा का नेताओं हाल बि बुरा ही छन। उख बि भाजापाइ नेता चुनाव लड़न से दूर भागणा छन। ठीकी च आप पार्टी की 'आप' (गढ़वाली शब्द ) कु सहन कौर सकुद? वैदिन क्वी गाजियावाद बटे बैनर बणै दिल्ली भाजपा ऑफिसम आयी अर वै तैं भाजपा का ख़ास नेताओंन पीटि दे , थंचकै द्याई। बैनर मा लिख्युं छौ -हमारी मांग पूरी करो और राजनाथ सिंग जी को गाजियाबाद से खड़ा करो ! अब इन मा बैनर वाळन मार खाण इ छे। जब सबि बुलणा छन कि गाजियाबाद सीट पर आप पार्टीक कब्जा ह्वे गे तो उख राजनाथ सिंग तै चुनाव लडाणो क्या तुक ? राजनाथ सिंग क्वी इंदिरा गांधी थुका च कि कखी बिटेन बि जीति जावु। राजनाथ सिंग तैं बि सुरक्षित सीट चयेंद कि ना ? अर भाजपा मा सीटु बान शीत युद्ध चलणु च पर यु युद्ध सुरक्षित सीट पाणौ युद्ध च।
जब तलक पर्चा भरणो आखरी दिन नि आल तब तलक कखि मि तैं सीट नि मिल जावो , मि तैं सीट मिल जावो या मी तैं सेफ सीट मिल जावो का बान शीत युद्ध चलणो ही रालो।
सीटुं शीत युद्ध मा समाचार माध्यमुं टीआरपी बढ़ण लाजमी च।
Copyright@ Bhishma Kukreti 11/3/2014
*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी द्वारा जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वाले द्वारा पृथक वादी मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण वाले द्वारा भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी द्वारा पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखक द्वारा सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य श्रृंखला जारी ]
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