जब-जब होलु जिक्र,
कब ह्वै थै अर कैन करि?
"उत्तराखंड सिने अवार्ड" की,
एक अनोखी शुरुआत.
लिख्यालि स्वर्णाक्षर मा,
अर दर्ज कार्यालि,
इतिहास का पन्ना फर,
९-मई, २०१०,
"यंग उत्तराखण्डन" अपणु नौं.
उत्तराखण्ड सिने जगतन,
करि प्रगट अपणु आभार,
या शुरुआत छ भलि,
होलु हौर सुन्दर प्रयास प्रसार.
जुग जुग राजि रै,
"यंग उत्तराखण्ड संगठन"
सार्थक छ आपकु,
पैलु भागीरथ प्रयास,
करदु रला आप,
उत्तराखण्ड कू सृंगार,
समाज का सर्वहित मा,
सब्यौं की छ या आस.
आयोजन मंच सी दिनि,
सब्बि महान लोगुन सन्देश,
बोली भाषा कू सम्मान करा,
रलु कायम अस्तित्व हमारू,
समृद्ध होलु हमारू उत्तराखण्ड प्रदेश.
कवि: जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
(सर्वाधिकार सुरक्षित-"यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड-२०१०")
(यंग उत्तराखण्ड और मेरा पहाड़ पर प्रकाशित १०.५.२०१०)
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