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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, March 1, 2018

दक्षिण के कार्तिकेय मदिर और प्रवासियों द्वारा स्थापित बद्रीनाथ मंदिरों का महत्व

( कुणिंद काल में उत्तराखंड मेडिकल टूरिज्म ) 
  (Medical Tourism in Kuninda /Kulinda Period)
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उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास )  -28
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  Medical Tourism Development in Uttarakhand  ( Tourism History  )     -  28                  
(Tourism and Hospitality Marketing Management in  Garhwal, Kumaon and Haridwar series--133         उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग 133   

    लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ ) 
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    शैव्य पंथ आने से शिव , पार्वती , दक्ष , हिमालय , गणेश , कार्तिकेय , गण , नंदी आदि भारतीयों के आराध्य बने।  शिव उत्तराखंड हिमालय वासी  थे और  विभिन्न पुराणों व मान्यताओं अनुसार गणेश व कार्तिकेय का जन्म उत्तराखंड में हुआ। ज्यों ज्यों ये सभी मान्यताएं प्रसारित होती गयीं त्यों त्यों भारतीयों के मन में धार्मिक उत्ताराखंड हह्वी गहराती गयी ।  ज्यों ज्यों शिव संबंधी मंदिर बनते गए त्यों त्यों धार्मिक उत्तराखंड की छवि वर्धन होता गया।  शिव पूजा वास्तव में उत्तराखंड छविकरण का ब्रैंड अम्बैसेडर बनता गया।  आज भी शिव उत्तराखंड हिमालय निवासी ही माने जाते हैं।
             कार्तिकेय मंदिर
पिछले अध्याय में बताया गया कि किस तरह स्कन्द पुराण की शुरवाती विचार ने कार्तिकेय को आराध्य बनाया और राज  मुद्राओं में कार्तिकेय मुख्य देव बने व कार्तिकेय दक्षिण में आराध्य बन गए।  कार्तिकेय (मुरुगन , सुब्रमणियम ) के दक्षिण में आराध्य बनने से मंदिर बनने लगे और उत्तराखंड धार्मिक पर्यटन को एक नया ब्रैंड अम्बैसेडर मिल गया।
            आधुनिक काल में   प्रवासियों द्वारा बद्रीनाथ मंदिर निर्माण
  आधुनिक युग में भी यह रिलिजियस टूरिज्म ब्रैंडिंग कार्य हो ही रहा है।  उत्तराखंड प्रवासी अपनी मातृभूमि को भूल नहीं सकते और मातृभूमि ऋण चुकाने कई अभिनव कार्य करते जाते हैं।  प्रवासियों द्वारा बिभिन्न श्रोण में बद्रीनाथ मंदिर बनना भी एक अभिनव व प्रशंसनीय कार्य है। 
    भारत राजधानी दिल्ली में बद्रीनाथ मंदिर है जो दिल्ली वासियों को उत्तराखंड की याद दिलाता रहता है और दिल्ली वासियों को उत्तराखंड पर्यटन हेतु प्रेरित करता रहता है। 
     महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे /पूना में श्री जगदीश प्रसाद बहगुणा आदि प्रवासियों के अथक प्रयत्न से बद्रीनाथ मंदिर स्थापित किया गया है। पुणे का बदरनाथ मंदिर में महाराष्ट्र से यात्री दर्शन करने जाते हैं और पुणे का बद्रीनाथ मंदिर धार्मिक उत्तराखंड का ब्रैंड अम्बैसेडर कार्य बखूबी निभा रहा है।  
    मुंबई के उपनगर वसई में बद्रीनाथ मंदिर निर्माण कार्य जोरों पर है।  उत्तराखंड वसई मित्र मंडल के सदस्यों की जितनी प्रशसा की जाय कम है।  निर्माण कार्य में ही कुछ सालों से मित्र मंडल प्रति वर्ष भागवत पूजा व भंडारा करते हैं और धार्मिक उत्तराखंड नाम को प्रसारित करते रहते हैं।  गैर उत्तराखंडी भी बद्रीनाथ मंदिर निर्माण में बड़े जोर शोर से भाग ले रहे हैं।  बद्रीनाथ मंदिर वसई बिभिन्न समुदायों को उत्तराखंड जाने के लिए प्रेरणा स्रोत्र बनता जा रहा है। लेखक के मित्र दसौनी जी , नैलवाल जी , नेगी जी , पांडे जी , जखवाल जी , बिष्ट जी , रावत जी आदि का कार्य प्रसंसनीय है। 
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       उत्तराखंड से बाहर बद्रीनाथ मंदिरों  का महत्व 

     उत्तराखंड से बाहर बद्रीनाथ मंदिरों के कई महत्व हैं। 
   प्रवास में जन्मे पीला प्रवासी यवाओं को उत्तराखंड से जोड़े रखने का सबसे कठिन कार्य ये मंदिर करते हैं। 
  बद्रीनाथ जैसे मंदिर उत्तराखंड के धार्मिक व सांस्कृतिक विरासत के जीते जागते उदाहरण रूप में गैर उत्तराखंडियों के मन में उत्तराखंड की छवि बरकरार रखते हैं। 
   बद्रीनाथ मंदिर सभी को उत्तराखंड भ्रमण की प्रेरणा देते रहते हैं।
           हर मंदिर  में उत्तराखंड प्रदर्शनी केंद्र
  मेरी राय में प्रत्येक ऐसे मंदिर में उत्तराखंड साहित्य व् अन्य वस्तुओं का सग्रहालय समय की मांग है।  

Copyright @ Bhishma Kukreti   1/3 //2018   

Tourism and Hospitality Marketing Management  History for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...

उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी 

                                   
 References

1 -
भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल
2 - भीष्म कुकरेती , 2013 उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन , इंटरनेट श्रृंखला जारी 
3 - शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड का इतिहास -part -3
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  Murugan Temples and Medical Tourism History  Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and  Medical Tourism History of Pauri Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;  Medical Tourism History  Chamoli Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and  Medical Tourism History  Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and Medical   Tourism History Tehri Garhwal , Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and  Medical Tourism History Uttarkashi,  Uttarakhand, India , South Asia;   Murugan Temples and Medical Tourism History  Dehradun,  Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History  Haridwar , Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History Udham Singh Nagar Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; Murugan Temples and  Medical Tourism History  Nainital Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; Murugan Temples and  Medical Tourism History Almora, Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and  Medical Tourism History Champawat Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Murugan Temples and  Medical Tourism History  Pithoragarh Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; 

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