History, Origin, Introduction, Uses of Cinnamon, Indian cassia as Spices , in Uttarakhand
उत्तराखंड परिपेक्ष में वन वनस्पति मसाले , औषधि व अन्य उपयोग और इतिहास - 12
History, Origin, Introduction Uses of Wild Plant Spices , Uttarakhand - 12
उत्तराखंड में कृषि, मसाला , खान -पान -भोजन का इतिहास -- 102
History, Origin, Introduction Uses of Wild Plant Spices , Uttarakhand - 12
उत्तराखंड में कृषि, मसाला , खान -पान -भोजन का इतिहास -- 102
History of Agriculture , spices , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes in Uttarakhand -101
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आलेख -भीष्म कुकरेती (वनस्पति व संस्कृति शास्त्री )
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( उत्तराखंड में कृषि, मसाला , व भोजन का इतिहास ; पिथोरागढ़ , कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ;चम्पावत कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; बागेश्वर कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; नैनीताल कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ;उधम सिंह नगर कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ;अल्मोड़ा कुमाऊं उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; हरिद्वार , उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ;पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ;चमोली गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; रुद्रप्रयाग गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; देहरादून गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; उत्तरकाशी गढ़वाल उत्तराखंड में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; हिमालय में कृषि व भोजन का इतिहास ; उत्तर भारत में कृषि , मसाला व भोजन का इतिहास ; उत्तराखंड , दक्षिण एसिया में कृषि व भोजन का इतिहास लेखमाला श्रृंखला )
वनस्पति शास्त्रीय नाम -Cinamomum tamala
सामन्य अंग्रेजी नाम -Cinnamon, Indian cassia , Tejpat
संस्कृत नाम - दारुसिता , वरांगा
हिंदी नाम - दालचीनी
उत्तराखंडी नाम - दालचीनी , तेजपात
जन्मस्थल संबंधी सूचना - Cinamomum genus की करीब 250 स्पेसीज हैं तेजपत्ता प्राचीनतम मसालों में से एक है। बाइबल , अरबी साहित्य में तेजपात का जिक्र मिलता है।
Cinamomum tamala का जन्म हिमालय माना जाता है क्योंकि यह पेड़ पश्चिम हिमालय व पूर्वी हिमालय में 900 -2500 मीटर ऊँचे स्थानों में पाया जाता है। उत्तराखंड में दालचीनी का उपयोग गरम् मसाले व चाय के साथ होता है। केरल में ब्रिटिश व श्रीलंका में हॉलैंड वासियों ने बागवानी शुरू की। उत्तराखंड में चाय बगान की असफलता से ब्रिटिश या यूरोपीय लोगों ने उत्तराखंड me ध्यान नहीं दिया।
Cinamomum tamala का जन्म हिमालय माना जाता है क्योंकि यह पेड़ पश्चिम हिमालय व पूर्वी हिमालय में 900 -2500 मीटर ऊँचे स्थानों में पाया जाता है। उत्तराखंड में दालचीनी का उपयोग गरम् मसाले व चाय के साथ होता है। केरल में ब्रिटिश व श्रीलंका में हॉलैंड वासियों ने बागवानी शुरू की। उत्तराखंड में चाय बगान की असफलता से ब्रिटिश या यूरोपीय लोगों ने उत्तराखंड me ध्यान नहीं दिया।
संदर्भ पुस्तकों में वर्णन - चूँकि दालचीनी के कई औषधीय उपयोग होते हैं तो धन्वन्तरी निघण्टु (52 ); कै. निघण्टु (1337 , 38 ) ;शै . निघण्टु (287 ); भाव् प्र निघण्टु (56 ) निघण्टु ( 172 ) में मिलता है।
मसाला उपयोग
दालचीनी के अंदरूनी खाल के मसाले में उपयोग होता है व तेल से कई दवाइयां बनती हैं।
उत्तराखंड में दालचीनी का वार्षिक मार्किट 1470 टन का बताया जाता है ( हेमा लोहानी व अन्य ,जॉर्नल ऑफ केमिकल ऐंड फार्मेस्युटिकल रिसर्च , 2015 )
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