उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Thursday, March 1, 2018

उत्तराखंड में बथुआ /बेथु मसाला , औषधि उपयोग इतिहास

History, Origin, Introduction,  Uses  of Bathua    as   Spices ,  in Uttarakhand 
 
उत्तराखंड  परिपेक्ष में वन वनस्पति  मसाले , औषधि  व अन्य   उपयोग और   इतिहास -  4                                         
 History, Origin, Introduction Uses  of    Wild Plant  Spices ,  Uttarakhand - 4                       
  उत्तराखंड में कृषि, मसाला ,  खान -पान -भोजन का इतिहास --  93
History of Agriculture , spices ,  Culinary , Gastronomy, Food, Recipes  in Uttarakhand -93
-  
 आलेख -भीष्म कुकरेती (वनस्पति व संस्कृति शास्त्री ) 
-
Botanical Name -Chenopodium album 
हिंदी नाम बथुआ 
स्थानीय नाम - बेथू, बथुआ 
संस्कृत नाम -वस्तुका: 
नेपाल -बेथे 
चीनी नाम -ताक 
बथुआ एक गेहूं में पाये जाने वाला खर पतवार है।   बथुआ की दूसरी प्रजाति का वर्णन हिमालयी  चीन में 2500 -1900 BC में मिलता है. अत:  कह सकते हैं कि बथुआ उत्तराखंड में प्रागैतिहासिक काल से पैदा होता रहा है।  यूरोप में इसका अस्तित्व 800 BC में  था।  वैज्ञानिक बथुआ का जन्मस्थान यूरोप मानते हैं।  हिमालय की कई देसों में बथुवा की खेती भी होती है।  डा के.पी.  सिंह ने लिखा है कि बथुवे का जन्मस्थल पश्चिम एसिया है।  शायद बथुआ का कृषिकरण चीन व भारत -नेपाल याने मध्य हिमालय में शुरू हुआ। अनुमान है कि बथुवा के बीज चालीस साल तक ज़िंदा रह सकते हैं। 
आयुर्वैदिक साहित्य जैसे  भेल संहिता (1650 AD ) में बथुवे का आयुवैदिक उपयोग का उल्लेख है (K.T Acharya , 1994, Indian Food)। बथुआ का वर्णन भावप्रकाश निघण्टु , राज निघण्टु , मदनपाल में दवाईओं हेतु हुआ है। 
  समरंगना सूत्रधार में बथुआ का उपयोग मकान पोतने हेतु उल्लेख हुआ है। 
साधारणतया बथुआ का पौधा तीन फीट तक ऊंचा होता है किन्तु 6 फीट ऊंचा बथुआ भी पाया जाता है। 
प्राचीन काल में बथुआ के बीजों को अन्य अनाजों के साथ मिलाकर आटा बनाया जाता  था।
   बथुआ का औषधि उपयोग 
बथुआ का पेट दर्द , गठिया , पेचिस , जले आदि में औषधि में उपयोग होता है। 
  
      फसलों के साथ बथुवा के पौधे कीटनाशक का कार्य भी करते हैं।  कई कीड़े गेहूं को छोड़ बथुवा  पर लग जाते  हैं और गेंहूं कीड़ों की मार से बच जाते हैं।
      बथुआ का मसाले रूप (पितकुट या बेथकुट ) में उपयोग
  
    गढ़वाल में बथुआ सब्जी बनाने , आटा बनाने हेतु ही प्रयोग नहीं होता था अपितु मसला मिश्रण का एक अंग भी होता था। इस लेखक ने  पने गाँव में बथुआ को मसाले रूप में प्रयोग होते देखा है और उपयोग भी किय है ।  
   बेथकुट या पितकुट बनाने के लिए बेथु के पूर्ण पकी मा बीजों के टहनी  उखाड़ कर सुखाया जाता है फिर जड़ तोड़कर मय बीज , टहनी को ओखली में कूटा जाता है। बहुत अधिक महीन नहीं कूटा जाता है।  फिर इस कूटे मसाले को नमक के साथ पीसकर चटनी बनाई जा सकती है।  बेथकुट या पितकुट को पळयो , झुळी में बहुत उपयोग होता था।  अन्य सब्जियों में विशेष स्वाद बढ़ाने हेतु सहायक मसाले के रूप में उपयोग होता था। बहुत बार वैद्य  किसी विशेष उपचार हेतु मरीज को भोजन में पितकुट या बेथकूट  उपयोग की सलाह भी देते थे। 
 
        सुरा /शराब , घांटीबनाने हेतु एक अवयव 

  हिमाचल व हिमाचल से लगे उत्तराखंड में बथुआ बीजों का उपयोग सुरा , घाँटी शराब बनाने हेतु एक अवयव के रूप में उपयोग होता है।  




Copyright@Bhishma Kukreti Mumbai 2018

Notes on History of Culinary, Gastronomy, Spices  in Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy , Spices in Pithoragarh Uttarakhand; History ofCulinary,Gastronomy,  Spices in Doti Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Dwarhat, Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy,  Spices in Pithoragarh Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Champawat Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Nainital Uttarakhand;History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Almora, Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Bageshwar Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Udham Singh Nagar Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Chamoli Garhwal Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy, Spices  in Rudraprayag, Garhwal Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy in Pauri Garhwal, Uttarakhand; History ofCulinary,Gastronomy in Dehradun Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices   in Tehri Garhwal  Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy,  Spices in Uttarakhand Uttarakhand; History of Culinary,Gastronomy ,  Spices in Haridwar Uttarakhand; 

 ( उत्तराखंड में कृषि,  मसाला ,  व भोजन का इतिहास ; पिथोरागढ़ , कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ;चम्पावत कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; बागेश्वर कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; नैनीताल कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ;उधम सिंह नगर कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ;अल्मोड़ा कुमाऊं  उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; हरिद्वार , उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ;पौड़ी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ;चमोली गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; रुद्रप्रयाग गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; देहरादून गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; टिहरी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; उत्तरकाशी गढ़वाल   उत्तराखंड में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; हिमालय  में कृषि व भोजन का इतिहास ;     उत्तर भारत में कृषि ,  मसाला व भोजन का इतिहास ; उत्तराखंड , दक्षिण एसिया में कृषि व भोजन का इतिहास लेखमाला श्रृंखला )

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments