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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, March 1, 2018

कुणिंद कालों में नई धार्मिक पर्यटन उपलब्धि

( कुणिंद   काल में उत्तराखंड मेडिकल टूरिज्म ) 
 Kartikeya and  Tourism in Kunind Rules 
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उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास )  -27
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   Medical Tourism Development in Uttarakhand  (Medical Tourism History  )     -  27                  
(Tourism and Hospitality Marketing Management in  Garhwal, Kumaon and Haridwar series--132   

      
उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य 
विपणन प्रबंधन -भाग 132   

    लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  विक्री प्रबंधन विशेषज्ञ ) 
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  कुणिंद  अवसान काल  350 ईश्वी माना जाता है  और कुशाण साम्रज्य के बाद फिर से 243 ईश्वी के बाद कुणिंदों  का राज रहा।  माना जाता कि 250 ईश्वी  निकट कुशाण राज समाप्त  गया।  इससे पहले ही 176  ईश्वी से कुणिंद  व अन्य क्षत्रप (वास्तव में राजा किन्तु कुशाण आधीन ) स्वतंत्र होते गए।  
    डा डबराल लिखते हैं कि सतलज से पश्चिम के राजा यौधेयों व अन्य संघों से से समझौता हुआ।  दोनों गणों की मुद्राओं के विश्लेषण से भी लगता है कि कुणिंद - यौधेयों के मध्य सहयोग हुआ। 
             धार्मिक पर्यटन में एक और उपलब्धि
  शैव्य पंथ विकास व शैव्य साहित्य वर्धन से दक्ष , शिव , उमा -हैमवती का संबंध उत्तराखंड के कनखल व गंधमादन पर्वत से जुड़ गया।  तो स्वयमेव उत्तराखंड  कार्तिकेय व गणेश की जन्मस्थली घोषित हो गयी। कार्तिकेय व परुशराम ने माणा पर्वत /क्रौंचरन्ध्र पार किया था।   यौधेयों  की  मुद्राओं में षडानन कार्तिकेय, कार्तिकेय , षष्ठी -कार्तिकेयानी , शूल , व शिव चित्रांकित हैं, जिनका बाद में कुणिंद  शाशकों ने अनुशरण किया और अपनी  मुद्राओं में कार्तिकेय व शिव को स्थान दिया। 
             कौंचद्वार  (माणा ) के पदतल  में कार्तिकेय नगर बसा था अष्टाध्यायी आदि साहित्य में कत्रि , प्रयागप्रशस्ति लेख में कर्तृपुर , पूर्व व कत्यूरी नरेशों साहित्य में इसे कार्तिकेयपुर नाम दिया गया है।  
       कुणिंदों के विभिन्न कालों  की यह धार्मिक उपलब्धि उत्तराखंड के लिए आज भी एक विशेष उपलब्धि मानी जाती है। भारत में  शैव्य पंथ (  शिव ,नंदी , उमा , गणेश , कार्तिकेय )फैलता गया और उत्तराखंड का नाम धार्मिक स्थलों में और भी प्रसिद्ध होता गया।  शिव की प्रसिद्धि याने उत्तराखंड की प्रसिद्धि।  कार्तिकेय दक्षिण में मुरुगन, सुब्रमणियम नाम से प्रसिद्ध हुए तो भी उत्तराखंड केंद्र में ही रहा।  महाराष्ट्र में गणेश गणपति नाम से प्रसिद्ध हुए तो भी उत्तराखंड केंद्र में रहा।  
कुशाण राजा हुविष्का , कुणिंदों  व यौधेयों की मुद्राओं में कार्तिकेय -शिव चित्रांकन ने भी उत्तराखंड को और भी प्रसिद्ध किया। 
  पांचवीं सदी के हरियाणा कार्तिकेय मंदिर ने भी उत्तराखंड प्रसिद्धि में योगदान दिया ही होगा। 

        दक्षिण में कार्तिकेय या मुरुगन 

       महाभारत व स्कन्द पुराण ने कार्तिकेय को दक्षिण में प्रसिद्ध किया। 
      आंध्र के नागार्जुन घाटी में तीसरी चौथी सदी के प्राचीनतम चार कार्तिकेय मंदिर  (एक देवसेना ) भी द्योतक है कि कार्तिकेय देव स्थापना से उत्तराखंड को लाभ पंहुचा। 
  चालुक्य राजाों  के आराध्य कार्तिकेय ही थे।  
       मध्ययुगीन तमिल  साहित्य के अंतर्गत नक्कीरार रचित 'तिरुमुरुगत्रपदार ' व अरुणागिरी नटार रचित 'तिरुप्पुगज:' जैसे साहित्य ने दक्षिण में उत्तराखंड  की धार्मिक स्थल प्रसिद्धि को और आगे बढ़ाया।  
   
 तमिल समाज में कार्तिकेय की प्रथम पत्नी देवसेना (तेवयानी ) व द्वितीय पत्नी 'वाली' देवी रूप में प्रसिद्ध होने से भी उत्तराखंड धार्मिक स्थल को बल मिला।  
           डा हरिप्रिया रंगराजन ने कार्तिकेय से मुरुगन बनने की प्रक्रिया पर गहन शोध किया है ( Images of Skanda-Kartikeya-Murugan : An Iconographic Study) ।  

Copyright @ Bhishma Kukreti   28/2 //2018   

Tourism and Hospitality Marketing Management  History for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...

उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी 

                                   
 References

1 -
भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल
2 - भीष्म कुकरेती , 2013 उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन , इंटरनेट श्रृंखला जारी 
3 - शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड का इतिहास -part -3 पृ 240  -265 
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  Medical Tourism History  Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History of Pauri Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History  Chamoli Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History  Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;  Medical   Tourism History Tehri Garhwal , Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History Uttarkashi,  Uttarakhand, India , South Asia;  Medical Tourism History  Dehradun,  Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History  Haridwar , Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History Udham Singh Nagar Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Medical Tourism History  Nainital Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Medical Tourism History Almora, Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History Champawat Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;   Medical Tourism History  Pithoragarh Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; 

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