History, Origin, Introduction, Uses of as Ground berries or Rasbhari Spices , in Uttarakhand
उत्तराखंड परिपेक्ष में वन वनस्पति मसाले , औषधि व अन्य उपयोग और इतिहास - 5
History, Origin, Introduction Uses of Wild Plant Spices , Uttarakhand - 5
उत्तराखंड में कृषि, मसाला , खान -पान -भोजन का इतिहास -- 94
History, Origin, Introduction Uses of Wild Plant Spices , Uttarakhand - 5
उत्तराखंड में कृषि, मसाला , खान -पान -भोजन का इतिहास -- 94
History of Agriculture , spices , Culinary , Gastronomy, Food, Recipes in Uttarakhand -94
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आलेख -भीष्म कुकरेती (वनस्पति व संस्कृति शास्त्री )
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वनस्पति शास्त्रीय नाम - Physalis divaricata
निकटस्त वनस्पति -Physalis indica , Physalis minima
निकटस्त वनस्पति -Physalis indica , Physalis minima
सामन्य अंग्रेजी नाम - Ground Berries
उत्तराखंडी नाम -डम्फू , घुंगरी
डम्फू एक बरसात में विकसित होने वाली 35 00 फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर उगने वाली वाली डेढ़ फुट ऊँची वनस्पति है जिसके फल नवंबर में आने शुरू हो जाते हैं और फरवरी तक रहते हैं। घास के साथ धूप वाली साइड में होते हैं। रसभरी के फल सेपल्स के अंदर बंद रहते हैं और जब सेपल्स कड़क पीला या भूरा हो जाता तो समझा जाता है कि डम्फू पक गया है। पका फल लालिमा लिए पीला होता है।
इस वनस्पति पर उत्तराखंड में कम ही वनस्पति वैज्ञानिकों का ध्यान गया है।
औषधि उपयोग -
इस लेखक को डा आर डी गौड़ , ज्योत्सना शर्मा व पैन्यूली के लेख मिले हैं जिसमें उन्होंने इस वनस्पति का स्थानीय लोगों द्वारा पीलिया , पेट दर्द में उपयोग की सूचना दी है। रसभरी का पेशाब बीमारी व गुर्दा बीमारियों में भी उपयोग होता है।
रसभरी /डम्फू का फल उपयोग
डम्फू को जंगली फल के रूप में उपयोग होता है। इस लेखक के क्षेत्र में मान्यता है कि हरे फल विषैले होते हैं। पके फल का स्वाद कुछ विशेष खट्टा किन्तु मीठा होता है। फल अधिक मात्रा में खाने से मनुष्य को नींद आने लगती है। इस लेखक को अपना व अन्य को देखकर अनुभव है कि अधिक खाने से नींद आने लगती है और इच्छा होती है जहां है वंही सो जाया जाय।
इसी से मिलता जुलता एक अन्य वनस्पति है जो दो हजार फ़ीट से कम की ऊंचाई पर उगता है , फल छोटे होते हैं और उसे बिसैला माना जाता है। बचपन से ही हमें ऐसा सिखाया जाता था कि हम इस पौधे के फल बिलकुल नहीं चखते हैं।
डम्फू का चटनी उपयोग
सन उन्नीस सौ साठ से पहले डम्फू का उपयोग चटनी बनाने में भी होता था। पके डम्फू फल को मिर्च व नमक के साथ पीसा जाता था और रोटी के साथ डम्फू चटनी खायी जाती थी ।
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