Role of Market in Hospitality Management, Hotel Management
आतिथ्य में मार्केट /बाजार की भूमिका
Hospitality Management, Hotel Management -17
Contact ID bckukreti@gmail.com
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
References
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना , शैलवाणी (150 अंकोंमें ) , कोटद्वार , गढ़वाल
Hospitality Management, Hotel Management -17
आतिथ्य प्रबंधन, होटल प्रबंध -17
( Hospitality and Tourism Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series--135 )
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणनप्रबंधन -भाग 135
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणनप्रबंधन -भाग 135
लेखक ::: भीष्म कुकरेती (विपणन व विक्रीप्रबंधन विशेषज्ञ )
बाजार या मार्किट का सरल और पुराना मतलब है कि जहां खरीददार आकर कुछ खरीदता है और विक्रेता को प्रोडक्ट /सेवा के ऐवज में धन या कोई वस्तु देता है।
बाजार उन संभावित खरीददारों का समूह होता है जहां खरीददार एक खास आवश्यकता पूर्ति करते हैं।
किन्तु अब बाजार केवल भौतिक स्थिति के नजरिये से नही देखा जा सकता है। अब बाजार इंटरनेट में भी लगते हैं। बाजार की अब रचना की जाती है।
आधुनिक विपणन प्रबंधन श्रम विभाजन के सिद्धांतो पर चलता है और श्रम कार्य भी विशेष श्रम हो गए हैं। विशेष श्रमिक विशेष प्रोडक्ट उत्पादन करता है और फिर अपनी अन्य आवश्यकता की पूर्ति दूसरे श्रमिक द्वारा बनाये उत्पाद से करता है।
Copyright @ Bhishma Kukreti 19/12//2014
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Tourism and Hospitality Marketing Management for Garhwal, Kumaon and Hardwar series to be continued ...
उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन श्रृंखला जारी …
1 -भीष्म कुकरेती, 2006 -2007 , उत्तरांचल में पर्यटन विपणन परिकल्पना , शैलवाणी (150 अंकोंमें ) , कोटद्वार , गढ़वाल
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