Dinaric Race in Context of History of Haridwar, Bijnor and Saharanpur Region
हरिद्वार इतिहास संदर्भ में शकादि जाति
Racial Elements in Haridwar, Bijnor, Saharanpur Population of Prehistoric Period-15
हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -24
History of Haridwar Part --24
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
प्राचीन साहित्य में शक नाम का प्रयोग विदेशी गोरी जाति का मिलता है जो यवन (यूनानी ) और आर्य जाति से भिन्न थी। साइथ जाति का उल्लेख 750 BC में प्राचीन उल्लेख मिलता है। उस समय यह जाति कोलसागर उत्तर में मिलती थी।
शक जाति के लोग ईरान के पठारों के उत्तर में तथा दोनों तुर्किस्तानों में घूमती -फिरती रहती थी।
साइथ व शक जाति एक ही वर्ग में आती हैं।
पहचान
शकादि जाति अश्वारोही , पशुचारक व आयुध जीवी थे। अपनी कमर में खुंकरी लेकर चलते थे और चमड़े के जूतों में तलवार का निचला शिरा खूँसकर कर चलते थे। विक्रम संवत से पहले उतरी सीमान्त में कोई शक -यवन जाति आ बसी थी। इसीलिए पतंजलि शक -यवन जाति में शामिल की थी।
कनिंघम का मत था कि उत्तराखंड में मौर्य का अंतिम नरेश था को उत्तराखंड नरेश शकादित्य ने मारा। संभवतः उत्तराखंड , शिवालिक क्षेत्र हरिद्वार , बिजनौर व सहारनपुर में शक जाति आ बसी थी। शक जाति का शारीरिक विन्यास खस जाति से मिलता था।
शक संस्कृति
शक जाति भी प्राचीन मिश्री सभ्यता के समान अपने मृतकों की समाधि में विलीन करते थे व साथ में मृतक के लिए आवश्यक सामग्री भी रखते थे । उत्तरी गढ़वाल , हिमाचल , लद्दाख , लेहु, मध्य तिब्बत में प्राचीन समाधियाँ मिली हैं जो शक समाधियों से मेल खाती हैं।
शक जाति सूर्य उपासक थे और उत्तराखंड में प्राचीन सूर्य मंदिर मिलने से साबित होता है कि हिमाचल , उत्तराखंड शक संस्कृति फली थी। चूँकि सहारनपुर, हरिद्वार व बिजनौर में मुस्लिम आक्रान्ताओं ने मंदिर तोड़े थे तो इन स्थानो में प्राचीन मंदिरों अवशेष भी कम ही मिलते हैं। किन्तु कहा जा सकता कि यदि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में शक जाति बसी थी तो अवश्य ही बिजनौर , सहारनपुर व हरिद्वार में भी शक जाति बसी होगी।
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India , 8/122014
History of Haridwar to be continued in हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास; बिजनौर इतिहास, सहारनपुर इतिहास -भाग 25
(The History of Haridwar, Bijnor , Saharanpur write up is aimed for general readers)
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