भीष्म कुकरेती
सन 14 कु अंतिम मंगळवारौ कुछ इनै -उनै की छ्वीं।
उन भारतीयों वास्ता इ साल मिश्रित साल राइ।
मनमोहन सिंह बिचारो एक विशेषज्ञ अर्थशास्त्री छन अर अपण प्रधानमंत्री काल का आखिरी सालुं मा भारतौ आर्थिक दशा सुदारणम नाकमयाब रैन। उन डुबद वी च जै तैं तैरण आंद। जै तैं तैरण नि आंद वु जब तैरणो कोशिस इ नि करद त डुबण कखन च ?
मनमोहन सिंह बिचारन विरोधी पारट्युं गाळी खाण इ छौ पर सबसे अधिक गाळी मनमोहन जीन कॉंग्रेस्यूं गाळी खैन कि मनमोहन जीक वजै से राहुल गांधी प्रधान मंत्री बणन से रै गेन। अब कॉंग्रेस्यूं तैं कु बताल कि गळया बल्द तैं किलै देसक प्रधानमंत्री बणाण पर अयाँ छवाँ।
यदि मनमोहन सिंग जीक कामुँ से राहुल गांधी प्रधान मंत्री नि बौण सौक तो नरेंद्र मोदीक वजै से बिचारा लाल कृष्ण आडवाणी प्रधान मंत्री नि बण सकिन।
सन 14 त आयातित मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बि नि बिसर सकद। कॉंग्रेसी हाइ कमांडन बहुगुणाक जगा हरीश रावत तैं गद्दी मा बिठै दे। सुणन मा आइ कि विजय बहुगुणा राज्यसभा मा जाण चाणा छया त घ्याळ करणो वास्ता हरीश रावत अपण पत्नी या कै चमचा तैं राज्य सभा भिजण चाणा छा। अब कॉंग्रेस तरफ से मनोरमा डोबरियाल राज्य सभा कार्यवाही मा वाधा डाळलि।
राज्यसभा मा घ्याळ पर बात आयि कि भाजपा परेशान च कि कॉंग्रेस अर अन्य पार्टी का सांसद राज्यसभा मा घपरोळ करणा छन अर भाजपा बिसरि गे कि पिछ्ला पांच सालों मा भाजपा संसद नि चलण दींदी छे।
लोग मि तैं पुछदन बल सन 14 का लोकसभा चुनाव से क्या फरक पोड़ ? सरकार कैक बि हो वीन सरकारी हिसाब से हि चलण। मनमोहन सरकारक बगत भारतीय निरास छया , भारतीय हर भला काम मा बि निरशा खुज्यान्द छया किन्तु मोदीक हरेक काम मा लोग आशा दिखदन। आशा , विश्वास अर पक्को विश्वास से ही देस तरक्की कर सकद। पर सवाल च कि हिन्दुउंक तथाकथित ठेकेदार विश्व हिन्दू संगठन या हिन्दू महासभा धर्मांतर या PK पर बैन लगाण जन मुद्दा उठाला तो यूँ कर्मुं से मोदी से लोगुं आशा कथगा दिन बचीं रालि।
मोदी की सरकार मा कुछ इन मंत्री छन जु जब संसद मा सवालुं जबाब दींदन त लग जांद कि युंक बसक मंत्रालय चलाण नी च। बिचारा नरेंद्र मोदी !
अंटोनी जीन कॉंग्रेस तैं बथाइ बल कॉंग्रेस की अंटी हिन्दू या हिंदु विरोधी छवि बण गे। पर कॉंग्रेस तब बि नि सुधरी। राज्यसभा मा धर्मांतर पर बबाल -घ्याळ -घपरोळ से कॉंग्रेसी नेता पुळयाणा छया किन्तु कॉंग्रेस की समझ मा नि आयि कि कॉंग्रेस की हिंदु विरोधी छवि मा इजाफा इ ह्वाइ अर मुस्लिम मतदाताओं का संदर्भ मा समाजवादी पार्टी , जनता पार्टी व तृणमूल कॉंग्रेस तैं इ फायदा ह्वे ह्वालु ना कि कॉंग्रेस तैं। कॉंग्रेस अपणो जाळ मा अफिक फंसणी च।
अबि कुछ दिन पैल पाकिस्तान मा आतंकवादी हमला मा बच्चा मारे गेन तो भारत मा दुःख दर्शाणो बान लोगुंन लाखों मोमबत्ती जगैन पर आसाम मा आतंकवादी हमला मा 80 लोग मरिन त एक बि मोमबत्ती नि जळिन। प्रश्न च बल क्या आसामी आदिवास्युं जान जान नी च ?
क्या आसाम भारत मा नी च ?
उन मेकुण सन 2014 भलो इ राइ। हजारों नया पाठक मिलेन। सन 2015 मा बि हजारों नया पाठक मिलणै पूरी उम्मीद च।
30/12/14 , Bhishma Kukreti , Mumbai India
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