Garhwali Humor , Satire, Wit, Sarcasm on Cultural Shock of 2064
चबोड़्या बक्कि ::: भीष्म कुकरेती
7/12/14 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
2064 मा कल्चरल शौक याने सांस्कृतिक झटका
मानव सभ्यता मा जथगा बदलाव बीसवीं सदी मा ह्वेन उथगा बदलाव पैलि मानव सभ्यता मा ह्वेइ नि छा। जथगा चौड़ जल्दी बदलाव आज दस सालुं मा हूणु च तथगा बदलाव पैल दस हजार साल मा बि नि ह्वे छौ।
सन 2064 तक दुन्या मा इथगा चौड़ -चौड़ , जल्दी -जल्दी , बिजली की गति से बदलाव ह्वाल कि म्यार नौनु ना , म्यार नाती ना बल्कि पड़नाती तैं बि सन 2064 मा रोज सांस्कृतिक झटका , सांस्कृतिक धक्का याने कल्चरल शौक लगणा राल।
तब लोकसभा या राजयसभा मा हंगामा ह्वे , सांसद संसद कुंवा मा ऐन , संसद बीस मिनटों कुण बर्खास्त ह्वे जन न्यूज क्वी समाचार नि होल किलैकि संसद मा हल्ला-हंगामा -हड़कम संस्कृति कु बोलबाला राल। म्यार पड़नाती तैं सांस्कृतिक धक्का तब लगल बल जब न्यू जनरेसन इंटरनेट से समाचार सौरल (वाइरल ) कि आज लोकसभा नौ मिनट नौ सेकंड तक बेहंगामा की चौल , राजयसभा मा आठ मिनट अठाईस सेकंड तक शान्ति राइ अर महाराष्ट्र विधानसभा मा अदा घंटा तक विधान सभा मा हल्ला त ह्वाइ च पर बारा बजी से बारा बजिक चालीस मिनट तक विधायकों बीच जुत -चप्पल नि चलिन।
WTO वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेसन की धौंस से भारत मा एक्साइज , कस्टम , सेल्स टैक्स , इनकम टैक्स सबि टैक्स खतम ह्वे जाल। किंतु सरकारी कारिंदौ भर्ती , सरकारी खर्चा , नेताओं सेलरी -सेक्युरिटी बंद नि होलि। तो सरकारी खर्चा चलाणो बान नया नया प्रकार का टैक्स ,लेवी , कर लगाये जाल।
सबसे कम आमदानी टैक्स होलु नेताओं द्वारा एक दुसर तैं 'मौत का सौदागर ', इम्पोटेंट -शिखंडी ' हरामजादा ' जन गाळयुं पर टैक्स। सरकारी आमदनी का दस प्रतिशत नेताओं पर गाळी कर से होलि। नेताओं तैं हर पंदरा दिन मा गाळी -गळोज टैक्स भरन जरूरी होलु। जु नेता हैंक नेता तैं शर्मनाक , गंदी गाळि नि द्याल वु नेता लोकसभा , विधानसभा तो छोडो इन नेता -नेत्यांण ग्रामपंचायत का चुनाव बि नि लड़ सकद होला।
हैंक टैक्स होलु अपण आस पास गंदगी करणो टैक्स। नरेंद्र मोदी सरकार GDP का एक प्रतिशत सफाई अभियान मा खर्च कारली तो बि हम भारतीय गंदगी नि छुड़ला तो झक मारिक सरकार गंदगी टैक्स लगाली। लोग गंदगी टैक्स भरण सरल मानल किंतु साफ़ सफै नि सीखल। समाज मा गर्व से लोग बताल कि मीन ये साल इथगा गंदगी टैक्स भार। जु जथगा बिंडी गंदगी टैक्स भौरलयाने जु जथगा अधिक गंदगी कारल वैक समाज मा सबसे अधिक सम्मान होलु। नगरपालिका कु खर्चा गंदगी टैक्स से ही चौलल। स्मार्ट अर अल्ट्रा स्मार्ट सिटीज मा नगरपालिका की सबसे अधिक आय गंदगी टैक्स से होलि।
भ्रस्टाचार खतम ह्वे नि सकल तो सरकार भ्रष्टाचार टैक्स लगाण शुरू करी देलि अर सरकार की मुख्य आमदनी भ्रष्टाचार टैक्स से हि होलि। हरेक सरकार भ्रष्टाचार टैक्स बढ़ाणो विधेयक लाली अर विरोधी दल क्वी बि हो वु दल भ्रष्टाचार टैक्स कम करणो बान संसद या विधानसभा मा जुत -चप्पल चलाल। किंतु जब संसद मा वित्त मंत्री बयान द्याल कि वैश्विक मंदी से भारत मा भ्रस्टाचार मा कमी ऐ गे तो संसद मा विरोधी दल हंगामा कारल कि सरकार भ्रस्टाचार बढ़ाणम नाकामयाब ह्वे। चुनावी मुद्दा यु नि होलु कि भ्रष्टाचार कम कारो किन्तु यु होलु कि भारत मा भ्रष्टाचार दस गुणा कनै बढ़ाये जाव।
भारत मा अंतर्जातीय विवाह से जाति प्रथा खतम त होलि किंतु रिजर्वेसन का खातिर दलित अर अन्य जाति सिद्ध करणा राल कि भारत मा जाति प्रथा हूणी चयेंद , रौणि चयेंद। तब छुवाछुत बंद करो कु अभियान नि चौलल अपितु छुवाछुत अमर रहे कु अभियान चौलल।
अंतर्जातीय विवाह संस्कृति बण जालि अर कदाचित क्वी गढ़वळि सजातीय विवाह की इच्छा कारल तो समाज वैक हुक्का पाणि बंद कर द्याल।
तलाक इथगा आम ह्वे जाल कि लोग शादी ही नि कारल अर बच्चा सिरफ टेस्ट ट्यूब से ही होला। हर गली मा टेस्ट ट्यूब बेबी प्रोड्यूसिंग फैक्ट्री होली। यी फैक्ट्री रोज विज्ञापन द्याल -टेस्ट ट्यूब बेबी धरणो बान जनानी चयाणी छन। जनान्युं तैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तनखा अर पेन्सन पट्टा मीलल। फिर बि टेस्ट ट्यूब धारक जनान्युं भारी अकाळ रालो।
उन इन बि ह्वै सकद कि पढ़ै -लिखै इथगा मैंगी ह्वे जालि कि समाज मा बच्चा पैदा करण गुनाह माने जाल।
इनि हजारों भौत सा सांस्कृतिक धक्का /झटका लगल।
बकै आप बि त स्वाचो कि कना कना सांस्कृतिक झटका लगल ?
बकै आप बि त स्वाचो कि कना कना सांस्कृतिक झटका लगल ?
7/12/14 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
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