Causes of Harappan Culture with Reference to History of Haridwar, Bijnor , Saharanpur
हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में सिंधु /हड़प्पा संस्कृति के विनाश कारण
हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -32
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 21 /12/2014
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हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास -भाग -32
History of Haridwar Part --32
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
पहले पहल इतिहासकारों ने हड़प्पा /सिंधु /हिंदु संस्कृति के विनाश का मुख्य कारण आर्य संस्कृति के अतिक्रमण को माना। इन इतिहासकारों ने ऋग्वेद में इंद्र द्वारा शत्रुओं के किलों को ध्वस्त करने , और आर्यों द्वारा असुरों की हत्या के दृष्टांतो को मान्य माना। किन्तु ऋग्वेद के समयकाल के बारे में एक राय न होने और कोई विशेष प्रागैतिहासिक गवाही न मिलने से इस सिद्धांत को नही माना जा सकता है।
हड़प्पा संस्कृति विनाश हेतु दूसरी राय है कि बाढ़ आने से हड़प्पा संस्कृति समाप्त हो गयी। किन्तु एक साथ इतने बड़े भूभाग पर एकसाथ बाढ़ आने की संभावना नही सकती है।
एक मत है कि हड़प्पा मानवों के संसाधन समाप्त हो चुके थे। किन्तु यह मत भी बिना ठोस गवाह के उचित नही ठहरता है।
कुछ का मत है कि हड़प्पा मानव ने कहीं और पलायन किया होगा।
कुछ इतिहासकार सूखे को हड़प्पा संस्कृति का विनाश कारण मानते हैं।
अतः अभी तक कोई ठोस कारण नही मिलता जिससे सिद्ध हो कि कैसे हड़प्पा संस्कृति लोप हुयी।
हड़प्पा संस्कृति का आज की हिन्दू संस्कृति /हिन्दुस्तानी रिवाजों पर भरपूर असर है।
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History of Haridwar to be continued in हरिद्वार का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास; बिजनौर इतिहास, सहारनपुर इतिहास -भाग 33
(The History of Haridwar, Bijnor , Saharanpur write up is aimed for general readers)
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