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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, March 24, 2013

सामाजिक कार्यकर्ता की निसाणि


गढ़वाली हास्य-व्यंग्य 
सौज सौजम मजाक-मसखरी  
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
 
                                    सामाजिक  कार्यकर्ता  की निसाणि  
 
 
                                       चबोड़्या - चखन्यौर्याभीष्म कुकरेती
(s = आधी अ )
 
- गुरु अब तुमारो  इ  सहारा च।
-हैं ! पण त्य्रा त ब्वे बाब बच्यां छन।
-ना ना उन सारो मतबल नि च।
-तो ?
-मि एक गढ़वाळि सामाजिक कार्यकर्ता बणन चाणो छौं।
- पैल त सुण अब गढ़वळि सामाजिक कार्यकर्ता को रिवाज खतम ह्वे गे। अब जु तु बोललि कि तू गढ़वळि सामाजिक कार्यकर्ता छे त लोगुन  समजण तू नॉन सेकुलर आदिम छे। 
-त ?
-अब उत्तराखंडी सामजिक कार्यकर्ताओं जमाना च।
-चलो ठीक च। गुरु !त मि तैं उत्तराखंडी सामाजिक  कार्यकर्ता बणणो गुर सिखावो 
-  त पैल एक लेटर हेड छाप।
-पण सामाजिक  कार्यकर्ता अर लेटर हेड को क्या सम्बन्ध?
-जब तलक तीम अपण  क्वी संस्था नी ह्वावो त्वै तैं कैन उत्तराखंडी सामाजिक कार्यकर्ता नि बुलण।
-तो मि तैं पैल अपणि संस्था बणाण पोड़ल?
-  हां पण वांकुण पैल संस्था को नाम का लेटर हेड छापण पोड़ल 
-संस्था पैल बणाण कि लेटर हेड पैल  छपाण?
-लेटर हेड पैल। संस्था त बणदि रालि।
-लेटर हेड छापिक क्या करण?
-  लेटर हेड छापिक पैलो काम क्या करण?
-उत्तराखंड का स्थानीय अखबारों मा खबर छपवाण कि मुंबई मा उत्तराखंड विकास का वास्ता एक हैंकि संस्था को जन्म ह्वे गे।
-पण जब संस्था नि बौण तो खबर कनकै छपवाण?
-संस्था बाद मा बणदि अर  खबर   पैलि। यो हि उत्तराखंडी सामाजिक अर सांस्कृतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को सासत्व नियम च।
- खबर मा क्या छपाण?
-खबर मा  छपवाण कि नव गठित फलां उत्तराखंडी सामाजिक संस्था खतम हुन्दि संस्कृति, भाषा बचाणो बान अर उत्तराखंड से पलायन रोकणों बान कृत संकल्प च।
-फिर?
-फिर इनि तेन चार दें स्थानीय अखबारों मा खबर आण चयांद कि तेरि संस्था संस्कृति, भाषा बचाणो अर   उत्तराखंड से पलायन रोकणों बान चिंतित च।
- और कुछ ?
-हां अजकाल फेस बुक को समौ बि तो संस्था नामौ एक अकाउंट खोलि दे अर सुबर शायम गुड मौर्निंग गुड नाईट की पोस्टिंग करदा जा।
-पहाड़ों का स्थानीय अखबारोंम  खबर छपाण अर फेस बुकम अकाउंट खुलण से क्या ह्वाल?
-   अरे सामाजिक कार्यकर्ता संसारम बात फैलि जालि तो सामाजिक संस्था त्वै तैं अपण कार्यकर्मों मा  बुलाला अर तू बगैर गयेळि कर्याँ यूं कार्यकर्मों मा शामिल हूंद जा।
- फिर?
-फिर क्या जब तू संस्थाओं कार्यकर्मोंम  रेगुलरली जाणु रैल तो फिर तू स्वत: ही सामाजिक कार्य करता माने  जैलि।
-  पण गुरु जी मि त  सचेकि सामाजिक कार्यकर्ता बणन चाणु छौं।
-हैं ! अछेकि सामाजिक कार्यकर्ता?
-हां! अछेकि सामाजिक कार्यकर्ता।
-तो भये ! कै अछेकि गुरु मा जा. मि त नकली सामजिक कार्यकर्ता बणणो  सलाह दींदो। असली सामजिक कार्यकर्ता क्या हुंदन मै नि पता।    
       
 
 
 Copyright @ Bhishma Kukreti   25 /3/2013 

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