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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, March 3, 2013

मंगलेश डबराल पुष्पेश पन्त, और शेखर पाठक के फोन कौन टेप कर रहा है ?


गढ़वाली हास्य-व्यंग्य
सौज सौजम मजाक-मसखरी
हौंस इ हौंस मा, चबोड़ इ चबोड़ मा
                                 मंगलेश डबराल पुष्पेश पन्त, और शेखर पाठक के फोन कौन टेप कर रहा है   ?
                                                           चबोड़्या-चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ )
मेरि घरवळिन ब्वाल," नाक कटि गे हमर सरा मुहल्लामा।"
मीन बोलि," अरे अचकाल बेटि खुलेआल गुंडों दगड़ बि भाजि जावो ना तबि बि नाक नि कटेंदि त फिर अब क्यांक बान हमर नाक कटे?"
घरवळिन ब्वाल," नाक अब बेटी -ब्वारिs भजण से नि कटदि।"
मीन पूछ, तो फिर व्हाइ क्या च कि बात नाक तलक पौञ्चि गे."
" तुमर क्या तुम त सुबेर सुबेर ऑफिस चलि जांदा। मुहल्लामा मान सम्मान को जबाब त मि तै इ दीण पोड़द कि ना?"घरवळिs जबाब छौ।
मीन पूछ," ह्यां ह्वाई क्या च ? जु हमर मान सम्मान कम ह्वे ?"
" काम वळि बाइ बुलणि छे कि अचकाल स्टेटस सिम्बल बदली गेन।" घरवळिs जबाब छौ।
मीन पूछ,"अब नया स्टेटस सिम्बल क्या ऐ गे।"

" अब सि प्रेस लगाण वळु बि मुख नि लगांदु" घरवळिs जबाब छौ।
मीन पूछ," प्रेस लगाण वळु मुख नि लगांदु मतबल?"
" इख तलक कि अंडा बिचण वाळ, भुजि बिचण वळि, रद्दी अखबार अर टीन डब्बा खरीदण वाळ बि हमर दगड़ ब्यापार करणम शरमांदन।" घरवळिs जबाब छौ।
" कनो यूंक क्वी उधार-पगाळ बच्युं च जो इ हमर दगड़ ब्यापार नि करण चांदन?" म्यार सवाल छौ
घरवळिs ऊतर छौ," तुम तैं क्या पता कि हमर फोन टेप नि होण से मुहल्लामा हमर कथगा बेज्जती हुणि च।"
मीन पूछ," फोन टेप नि होणु च मतबल ?"
घरवळिन बोलि," जब बिटेन लोगुं पता चौल कि भाजापाई नेतओं जन कि अरुण जेटली अर भौत सा उद्योगपत्युं फोन टेप हूणा छन त अब जैक फोन टेप नि हूणा छन वूंकी सोसल वैल्यू खतम इ समझो।"
मीन बोल," मेरी समज मा कुछ नि आणु।"
वींन चिरडेक बोलि," तुमको पता है मंगलेश डबराल पुष्पेश पन्त, प्रभात डबराल और शेखर पाठक के फोन भी उनके विरोधी टेप कर रहे हैं। उनकी भी जासूसी हो रही है। " (जब बि वा भावनात्मक रूप से चिरड्याँदि वा हिंदी म बोलदि).
मीन ब्वाल," मि तै क्या पता?"

मेरि घरवळिन ब्वाल," वै दिन एकाक जणण्वणिम वा अलका डबराल कथगा जोर से घमंड से सुनाणि छे बल वींक जिठा जी प्रभात डबराल को फोन बि टेप हूणु च। वैदिन सौब वींकि छ्वी सुणना छया।"
मीन ब्वाल," हां इखमा क्या च! प्रभात डबराल सूचना विभाग म बड़ो अधिकारी छन तो ऊंका भौत सा विरोधी बि जरूरी होला जो ऊं पर जासूसी करणा होला।"

मेरि घरवळिन तून दीन्द बोलि," पता च देहरादूनम अपण नौनो ब्यौमा मिसेज मंगलेश डबराल हरेक पौण तै सुणाणि छे बल 'सौरी हाँ ! मै आपको फोन पर पर्सनली इनवाइट नहीं कर सकी क्योंकि हमारे फोन की जासूसी हो रही है'।"
मीन बोल," हाँ ह्वे सकुद च। मंगलेश जी हवाई हिंदी का इथगा बड़ा कवि . अंगरेजी का आर्ट क्रिटिक त ऊंका बि बिंडी विरोधी ह्वे सकदन अर वो विरोधी मंगलेश डबराल जी की जासूसी करणा होला।"
वीन चिरड़ेक ब्वाल," तुम बि हिंदीम लिखदा त तुमर बि क्वी ना क्वी विरोधी होंद।"
मीन बुलंण चाहि," ह्यां .."
घरवळिन तून दीन्द बोलि," पता च वैदिन नरेंद्र सिंह नेगी सम्मान समारोहमा मिसेज पुष्पेश पन्त बथांद नि थकणि छे कि पुष्पेश जीक फोन टेप हूणु च।"
मीन समजाई," अचकाल टी. वी. चैनलों म विशषज्ञों बीच बड़ी गळा-काट प्रतियोगिता चलणी च त क्वि हैंको विशेषग्य पुष्पेश जीक जासूसी कराणु होलु।"

घरवळिन फिर से तून दीन्द बोलि," इख तलक कि मिसेज शेखर पाठक मल्ला ताल को एक समारोह मा पाणि पिलाण वाळम बि बुलणि छे बल शेखर जीक फोन टेप होणु च।"
मीन ब्वाल," अरे शेखर जी सामाजिक कार्यकर्ता बि छन त ह्वे गे होलु क्वी विरोधी जो ऊंकी जासूसी करणु ह्वालु। अचकाल फोन -जासूसी भौत सौंग अर सस्ती जि ह्वे गे।"
घरवळिन चिरड़ेक ब्वाल," तो फिर हमारी जासूसी क्यों नही हो रही है? क्यों नही कोई हमारा फोन टेप कर रहा?"
मीन जबाब दे," अब मि क्या बथौं बल हमर फोन किलै टेप नि होणा छन? छ क्या च मीम जो म्यार फोन टेप ह्वावो?"
घरवळिन आदेस दे "तुम इन कारो गृह मंत्री शिंदे तै चिठ्ठी ल्याखो कि हमर फोन किलै टेप नि हूणा छन ."
मीन बोल ," ह्यां गृह मंत्री खुण चिट्ठी यांकुण भिजे जांद कि म्यार फोन टेप किलै होणु च ना कि हमर फोन किलै टेप नि हूणा छन"
घरवळिन आदेस दे," अबि जावो अर कैं जासूसी कम्पनी कुणि ब्वालो कि हमर फोन टेप कारो।"
मीन ब्वाल," पण अपण फोन अफिक टेप कराण?"

वींको जबाब छौ," अब जब हमारी इथगा औकात नी च कि क्वी हमारो फोन टेप कारो तो मुहल्ला मा औकात दिखाणो बाण अफिक अपण फोन टेप कराण इ पोड़ल। जावो अबी जावो .."
अर कें जासूसी कंपनी खोज मा छौं जो म्यार फोन टेप करी साको।

Copyright@ Bhishma Kukreti 3 /3/2013
[सूचना यह लेख काल्पनिक है ]

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