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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, March 10, 2013

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स के लाभ


भीष्म कुकरेती

सन १९८३ से उत्तराखंडी फिल्मो की शुरुवात हुयी। किन्तु सही माने में यंग उत्तराखंड संस्था , दिल्ली ने सन २०१० से उत्तराखंड सिने अवार्ड द्वारा फिल्मों व फ़िल्मी रचनाकारों को सम्मान देना शुरू किया। यंग उत्तराखंड साइन अवार्ड्स के बाद कुछ अन्य  संस्थाओं ने भी प्रयास किये किन्तु ये प्रयास छोटे स्तर पर ही किये गये।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से कई लाभ हैं

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स याने भाषाई आन्दोलन में सहभागिता - अपनी भाषा व संस्कृति की सुरक्षा, प्रसार, क्रमगत विस्तार व सही परिवर्तन सरकार का नही अपितु समाज की जुम्मेवारी है। केवल लिखित साहित्य से ही भाषाई आन्दोलन नही चलता अपितु अन्य माध्यमों की अपना महत्व है। फ़िल्में, म्यूजिक अल्बम व डौक्युमेंट्री फ़िल्में भाषाई आन्दोलन के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। हिंदी के विकास में फिल्मो/टी.वी. सीरियलों का बह्गुत बड़ा हाथ है। जब फिल्मों , म्यूजिक अलबमों और डौक्युमेंट्री फिल्मों को मान सम्मान मिलता है तो स्वयं ही अवार्ड देने की प्रक्रिया भाषा व संस्कृति की सुरक्षा, प्रसार, क्रमगत विस्तार व सही परिवर्तन में भागीदारी निभाती है।
फिल्म व म्यूजिक अलबम्स युवाओं अपनी भाषा और संस्कृति की और आकर्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम है जब उत्तराखंड साइन अवार्ड जैसे अवार्ड देने वाली संस्थाएं अवार्ड से पहले व बाद में विज्ञापनों या जन सम्पर्क माध्यमों से प्रचार प्रसार करतीं हैं तो स्वयमेव भाषा का प्रश्न लेकर समाज के सामने आ जाते हैं और इस प्रचार प्रसार की प्रक्रिया से भाषाई आन्दोलन को बल मिलता है। उत्तराखंडी समाज जो कुछ अभिनव कारणों से अपनी भाषा व संस्कृति छोड़ने को मजबूर हैं वे फिल्म अवार्डों के जरिये भाषा व संस्कृति से जुड़ने लगते हैं।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स याने संस्कृति प्रचार आन्दोलन- फिल्म अवार्ड सामुदायिक स्तर पर संस्कृति संवाहक का काम करता है। फिल्म रचना धर्मी संस्कृति व परम्परा के पोषक होते हैं। जब कोई संस्था जैसे यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड देती है तो परोक्ष व अपरोक्ष रूप से फिल्म अवार्ड संस्कृति पोषण में संवाहक का काम करते हैं।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स याने संस्कृति व भाषा संरक्षण पर विचार विमर्श : फिल्म अवार्ड देने की प्रक्रिया से समाज में संस्कृति व भाषा संरक्षण पर विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू करवाती है। इस तरह उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स संस्कृति व भाषा संरक्षण पर विचार की प्रक्रिया हेतु उत्प्रेरण का काम भी करते है।

कम्युनिटी फिल्म अवार्ड याने अपने को सम्मान: जब किसी को क्म्म्युनिती फिल्म अवार्ड मिलता है तो समाज में एक संदेस जाता है कि हमे समाज में अपने चितेरों व अपने रचनाधर्मियों को सम्मान देना ही चाहिए।

उत्तराखंड फिल्म समालोचना को बढावा; फिल्म उद्योग विकास के लिए फिल्म समालोचना प्रक्रिया एक आवश्यक तत्व है। फिल्म अवार्ड्स से उत्तराखंड फिल्म समालोचना के लिए मार्ग भी प्रसिस्थ होता है.

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स याने रचनाधर्मियों में सहज व सकारात्मक प्रतियोगिता: किसी भी क्षेत्र में आतंरिक प्रतियोगिता आवश्यक तत्व है। उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से फ़िल्मी रचनाधर्मियों के मध्य एक सकारात्मक व धनात्मक प्रतियोगिता शुरू होती है तो यह सकारत्मक प्रतियोगिता उत्तराखंडी फिल्म उद्यम के लिए ऊर्जा का काम करती है।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से खर पतवार की छंटनी: फिल्म अवार्ड्स में फिल्मों के धनात्मक पक्षों पर दिए जाते हैं और स्वत: कमजोर पक्षों की आलोचना हो जाती है। अत: फिल्म अवार्ड्स से बेकार की फिल्म बनने पर लगाम लगती है।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से उत्तराखंडी फिल्मो में परिपक्वता: फिल्म अवार्ड्स से उत्तराखंडी फिल्मो में परिपक्वता आने के अवसर बढ़ते हैं।
उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स याने कलाकारों/रचनाधर्मियों के मध्य कला व तकनीक का आदान प्रदान:फिल्म अवार्ड्स में कलाकार व रचनाधर्मियों को अन्य रचनाकारों की रचनाओं को देखने का अवसर प्राप्त होता है. इस तरह रचनाकारों के मध्य कला व तकनीक का आदान प्रदान भी होता है। एक दूसरे की रचनाधर्मिता की जानकारी से रचनाधर्मियों को नई प्रेरणा व स्फूर्ति मिलती है।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से कलाकारों व तक्नीसियनो में उत्साह: फिल्म कलाकारों, रचनाधर्मियों व तकनिसियनो में उत्साह होना फिल्म उद्यम विकास हेतु एक आवश्यक तत्व है। फिल्म अवार्ड्स से रचनाधर्मियों का उत्साह बढ़ता है।

उत्तराखंडी फिल्म अवार्ड्स से फिल्म उद्योग विकास को बल मिलता है: फिल्म अवार्डों से फिल्म उद्योग को कई तरह के प्रचार प्रसार के अवसर मिलते हैं जिससे कि फिल्म उद्योग विकास को सम्बल मिलता है।

फिल्म अवार्ड्स से सरकार पर दबाब बनाया जा सकता है: उत्तराखंड फिल्म उद्योग एक गम्भीर संक्रमण काल से गुजर रहा है जिसमे सरकारी सहभागिता की अति आवश्यकता है. फिल्म अवार्डों से राज्य सरकार पर सहभागिता हेतु सामाजिक दबाब बनाया जा सकता है।
अत: यह कहा जा सकता है की फिल्म अवार्ड्स उत्तराखंड के भाषाई व संस्कृति आंदोलनों व फिल्म उद्योग प्रगति हेतु एक आवश्यक तत्व है।
Copyright@ Bhishma Kukreti 8/3/2013 

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