एल्बम "खुदेणी न रैई"
मंजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है,
पंखो से कुछ नही होता हौसलों से उड़ान होती है।"
जी हाँ लोग जितना भी बोले की फलां ब्यक्ति किसी को आगे बढ़ने से रोक रहा है लेकिन मुझे लगता अगर ब्यक्ति को अपना सपना पूरा करने के लिए हौसला है तो उसको कोई भी नहीं रोक सकता और इसके कई उधाहरण अपने आप रहने वाले लोगों से पता चल सकता है।
जी हाँ में बात कर रहा हूँ उस उभरते गायक की या फिर इनसे कहिये अभी पैदा हुआ है और वो है विनोद सिरोला ........ विनोद सिरोला ने अभी अनुराधा निराला के साथ मिल कर टी सीरीज से एक एल्बम निकाली है "खुदेणी न रैई"
सबसे पहले में विनोद के हिम्मत की दाद देता हूँ की आज के युग में एल्बम के नाम में जब तक छोरी या बांद न लगा हो लोगो को लगता है की एलबम बिकेगी नहीं वही विनोद ने इतना बड़ा रिस्क लिया, इसके लिए बहुत बधाई के पात्र है दूसरा उनकी कलम से निकले गीत और आज के समय में एन्से गीत चंद लोग ही लिख और गा रहे हैं जो संगीत इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम रखते हैं और लोग उनको सुनते हैं वरना नए गायक / गीतकार एन्से गीत लिखने का रिस्क नहीं ले सकते और रका प्वां वाली चाल ज्यादा है, सॉरी यह शब्द नहीं लिखना था लेकिन अब कौन सोचता है की इनसे सब्दों का क्या अर्थ होता है। आज की नई पीड़ी को यह शब्द का मतलब किसी से जरूर पूछना चाहिए और ये क्या कई अच्छे सब्द भी है उनका भी ।
तो मैं बात कर रहां था संगीत एलबम की ... तो दोस्तों जो जाने अनजाने संस्कृति, भाषा का दम भरते हैं उनको ये एल्बम "खुदेणी न रैई" जरूर सुननी चाहिए और जो गीत / आवाज़ नरेन्द्र सिंह नेगी की 25 साल पहले थी वो इस गायक में मिलेगी। अगर एल्बम में गायक का नाम देने का प्रचलनन न हो तो लोग धोखा खा सकते हैं की नेगी जी गा रहे हैं या विनोद सिरोला। और अनुराधा निराला से तो कोई अनजान नहीं है तो उनकी तारीफ करना तो सूरज को दिया दिखाना है।
तेरी मेरी प्रीत को बंधन सौंजड़या ,... गंगा का छाला,...."खुदेणी न रैई" ... जैंसे कई सुन्दर गीतहैं
और विनोद सिरोला तथा अनुराधा निराला की मधुर आवाज़ में जरूर सुनिए।
ये मेरी अपनी इस एल्बम के लिए ब्यक्तिगत प्रतिक्रिया है
Chander Kant Negi
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