कुछ तिड़का
रचयिता - डॉ नरेन्द्र गौनियाल
**********आंसू ********
यो लाटा आंसू बि
च्वीं जन्दीन
सुद्दी-सुद्दी
तर्पर-तर्पर
अर लोग ब्वल्दिन
स्वांग कर्नू रैंद.
********मजबूरी ********यो लाटा आंसू बि
च्वीं जन्दीन
सुद्दी-सुद्दी
तर्पर-तर्पर
अर लोग ब्वल्दिन
स्वांग कर्नू रैंद.
मै तै पीण पड़द
सदनी
संतुष्टि कु टॉनिक
किले कि मी
शंकालु छौं
आशावाद का प्रति
***********हींस **********
पर्याउ गौड़ी कु ऐणु
भौत बडू
पण
दूध
पाणि से बि पतळु द्यखद
हरेक पड़ोसी
*******सबूत *****
द्वी भयों कि
आपसी एकता
अर प्रेम रूपी फल कि दाणी
कर्द फट द्वी फाड़ी
पुन्गडी का बीच मा
मुल-मुल हैसदो
वाडू ...........................
.....डॉ नरेन्द्र गौनियाल
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