उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Monday, April 2, 2012

Mirgi Jhadno Mantra: A Kumauni-Garhwali folk Rite for Healing Apoplexy, Epilepsy

Mirgi Jhadno Mantra:   A Kumauni-Garhwali folk Rite for Healing Apoplexy, Epilepsy  

                                    Bhishma Kukreti

           There are examples that mostly, in each area where ethnic rituals were used along with herbal medicines to heal Apoplexy or Epilepsy.
         For example,   M Hoppal and Kallos provide many Hungarian folk rites (folk Songs) for curing apoplexy /epilepsy as


A  Hungarian folk Rite for Healing Apoplexy, Epilepsy  
Elindult a  Boldogsagos SzuzMaria
………
Ezer angyljarjon vigasztalasara
 The translation is as under in Garhwali
हंगरी में मिर्गी झाड़ने का मंत्र


बिर्जिन मेरी की माया विर्जिन मेरी को सपूत
वा सतोतर अनिष्ट करन्दार दैन्तुं तैं मील
वीन एक अनिश करन्दार दैंत तैं पूछ बल
ये दैंत कख छे तू जाणो?
मी जाणो लीज को लाल लाल ल्वे पीणो .
मेरी बोली बल
नि जाणि देलू त्वे तै वीं पर दांत पुडाण से
त्वे रोकी देलू वींको खून पीण से
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख काळो कुत्ता नि ह्वावन
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख काळो घ्वाड़ा नि ह्वावन
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख मन्दिरों मा घंडल नि बजदा ह्वावन
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख धरती काळी ह्वाऊ
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उखी पाख पख्यडु मा लुकी जा
मी वींक गिचु पुटुक पवित्र क्वीला ड़ाळणु छौं
वीन्का गिच मा हजारों देवदूत आणा छन
फेर देखदुं तू कनै तै पश्वा तैं परेशान करदी धौं !

Translation by Bhishma Kukreti
          कुमाऊं गढ़वाल में प्रचलित मिर्गी झाड़ने का मंत्र

Mirgi Jhadno Mantra:   A Kumauni-Garhwali folk Rite for Healing Apoplexy, Epilepsy  


ओउम नमो गुरु को आदेस , जै गुरु की विद्या तैं गुरु को नमस्कार
राला जीवली गौमति ही आसण जा बाबा गौरी पाखेम पाल
भैरों काऊं कीजै. इस मणसत हाक चाट बोल बेताल मीर्गी या
मसाण की छया छुटाई दीजे . लीख मंत्र दीजिये . बनई जाफ्तो
ब्रह्मा ऋषि लोही खाई , नौ रत की पूजा नी पाई. शरीर पड़ी माता आरसी दई
का सेज या उदारी पीला दुलारे का थल बिष घोल पाली पंतना वाक, दूण की
जेऊं दीख पड़ी कलजी की बाण जौला , जख तेरो भद मसाण भखे
दको सासुर बाजा भेड़ा की बली , दक्षिण दिशा छुटी जौला .

फोर मंत्र इश्वरो वाच:
Mantra from Garhwal source: Dr Nandkishor Dhoundiyal, Dr. Manorama Dhoundiyal Garhwali Lokmantra (ek Sanklan)
Himadri Prakashan, Kotdwara
Collected by
Sandeep ishtwal, Isodi, Mvalsyun, Pgarhwal,
DhairyaRam Baudai , Bharpoor, Sabali, P Garhwal
Girish Chandra Dabral, Dabar, Dabralsyun, P.Garhwal
Keshvanand Maindola, Sidhpur, Rikhnikhal, P Garhwal
Ghuttaram Jagri, Bilkot, Nanindandaa, P Garhwal


Copyright@ Bhishma Kukreti

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments