Mirgi Jhadno Mantra: A Kumauni-Garhwali folk Rite for Healing Apoplexy,
Epilepsy
There are examples that mostly,
in each area where ethnic rituals were used along with herbal medicines to heal
Apoplexy or Epilepsy.
For
example, M Hoppal and Kallos provide
many Hungarian folk rites (folk Songs) for curing apoplexy /epilepsy as
A Hungarian folk Rite
for Healing Apoplexy, Epilepsy
Elindult a Boldogsagos SzuzMaria
………
Ezer angyljarjon vigasztalasara
The translation is as under in Garhwali
हंगरी में मिर्गी झाड़ने
का मंत्र
बिर्जिन मेरी की माया विर्जिन मेरी को सपूत
वा सतोतर अनिष्ट करन्दार दैन्तुं तैं मील
वीन एक अनिश करन्दार दैंत तैं पूछ बल
ये दैंत कख छे तू जाणो?
मी जाणो लीज को लाल लाल ल्वे पीणो .
मेरी न बोली बल
नि जाणि देलू त्वे तै वीं पर दांत पुडाण से
त्वे रोकी देलू वींको खून पीण से
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख काळो कुत्ता नि ह्वावन
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख काळो घ्वाड़ा नि ह्वावन
जा जा हे
दैंत ! जा !
तू उख जा जख मन्दिरों मा घंडल नि बजदा ह्वावन
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उख जा जख धरती काळी ह्वाऊ
जा जा हे दैंत ! जा !
तू उखी पाख पख्यडु मा लुकी जा
मी वींक गिचु पुटुक पवित्र क्वीला ड़ाळणु छौं
वीन्का गिच मा हजारों देवदूत आणा छन
फेर देखदुं तू कनै तै पश्वा तैं परेशान करदी धौं !
Translation by
Bhishma Kukreti
कुमाऊं
व गढ़वाल में
प्रचलित मिर्गी झाड़ने
का मंत्र
Mirgi Jhadno Mantra: A Kumauni-Garhwali folk Rite for Healing Apoplexy,
Epilepsy
ओउम नमो गुरु को आदेस , जै गुरु की विद्या तैं गुरु को नमस्कार
राला जीवली गौमति ही आसण जा बाबा गौरी पाखेम पाल
भैरों काऊं कीजै. इस मणसत हाक औ चाट बोल बेताल मीर्गी या
मसाण की छया छुटाई दीजे . लीख मंत्र दीजिये . बनई जाफ्तो
ब्रह्मा ऋषि लोही खाई , नौ रत की पूजा नी पाई. शरीर पड़ी माता आरसी दई
का सेज या उदारी पीला दुलारे का थल बिष घोल पाली पंतना वाक, दूण की
जेऊं दीख पड़ी कलजी की बाण जौला , जख तेरो भद मसाण भखे
दको सासुर बाजा भेड़ा की बली , दक्षिण दिशा छुटी जौला .
फोर मंत्र इश्वरो वाच:
Mantra
from Garhwal source: Dr Nandkishor Dhoundiyal, Dr. Manorama Dhoundiyal Garhwali
Lokmantra (ek Sanklan)
Himadri
Prakashan, Kotdwara
Collected
by
Sandeep
ishtwal, Isodi, Mvalsyun, Pgarhwal,
DhairyaRam
Baudai , Bharpoor, Sabali, P Garhwal
Girish
Chandra Dabral, Dabar, Dabralsyun, P.Garhwal
Keshvanand
Maindola, Sidhpur, Rikhnikhal, P Garhwal
Ghuttaram
Jagri, Bilkot, Nanindandaa, P Garhwal
Copyright@ Bhishma
Kukreti
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