Satirical Garhwali Poems by Dr Narendra Gauniyal
*********छिटगा *******
*******बिजोक *******
आज का
नौनौं कि
मुखड़ी कु उज्यलु
खुट्यों मा ऐगे
गिच्चा छन अन्ध्यरपट
अर जुत्ता
चमाचम
पहाड़ एक छंछ्वल्या
पहाड़ी मन्खी -दही
शिक्षा समस्या कि रौड़ी
बेरोजगारी कि ज्यूड़ी
भौतिक सुखों कि चकाचौंध
चाहत कि खींचा-खींच मा
पहाड़ों कि नौणि
बगणी च उन्द
अर बचणू च यख
सिर्फ
छल्क्वन्य पाणि
*****राज ****
खांदी -पींदी
कुटुम्दरी कि
सुख-शान्ति
अर हूण -खाण कु राज
रस्वडा का भितर
चूल्हा का नजदीक
खितखिताट.........
खांदी -पींदी
कुटुम्दरी कि
सुख-शान्ति
अर हूण -खाण कु राज
रस्वडा का भितर
चूल्हा का नजदीक
खितखिताट.........
डॉ नरेन्द्र गौनियाल
Copyright@ Dr Narendra Gauniyal
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