Characteristics of Garhwali Folk Dramas, Folk Theater/Rituals and Traditional Plays part -210
Folk Song and Dance in Life Cycle Events, Religious Rituals, Sacrament or Garhwali Folk Dramas with Karmkand -4
संस्कार /कर्मकांड के गढ़वाली लोक नाटक – 4
Presented by Bhishma Kukreti (Folk Literature Research Scholar)
Upnayana Sanskar /Yagyopavit Sanskar/Janeu Pahnne ka Sanskar is n event of life cycle of Hindus. It is hanging threads on upper body part of a boy that symbolizes transference of spiritual knowledge.
The Pundit performs the religious rituals in Sanskrit (Karmkand) and Mangler (Auspicious Song Woman singer) sings the folk song at the ceremony.
There are three parts of Yagyopavit Sanskar Folk Song-
1-Farming of Cotton and making threads by Pundit
2-Search of Guru by father of the son
3-Threading ceremony by capable Guru
यज्ञोपवीत /उपनयन /जनेऊ संस्कार का गढ़वाली लोकगीत
भली -भली पुंगड्यूं मा बोइ च कबास
भाई बैण्यूं न मिलीकी गोडी च कबास
उनिया -धुनियान मिलिकी काती च कबास
माँ जी भौजीन मिलिकी काती च कबास
ब्रह्मा का बेटान बटी च कबास
बणावा ब्रह्मा जी नौलड्या जनेऊ
सुण ल्यावो ब्रह्मा जी , कायरों नि होयां , कायरों नि होयां ,
हमारो कारिज वित्त समाना ,वित्त समाना
सात स्वागिण्योन खैंडु च खीलो
सात स्वागिण्योन ग्वाडो च खीलो सात स्वागिण्योन काती च कबास
सात स्वागिण्योन ग्वाडो च खीलो सात स्वागिण्योन काती च कबास
काती कूति द्याई उन विशेश्वर का पास
विशेश्वरना तब यो सूत ब्रह्मा जी तैं द्याया
ब्रह्मा जीन चेला तैं गुरुमंत्र जनेऊ द्याया
ब्रह्मा जी को चेला आज गुरुमुखो ह्वै ग्याया
बघमरी आसण द्याया टिमरू को सोटा
काँध मा धैर्याला वैना खैरुवा की झोली
एक हाथ ल्याई वैना सूनो कमंडल
---------पुत्र द्वारा पिताजी से गुरु की खोज का आग्रह ----------
लावा मेरा बुबाजी ब्रह्मा खोजी लावा
आज चैंदो पिताजी वेदमुखी ब्रह्मा
य तो कारिज सुफल फलीन , य तो कारिज सुफल फलीन
आज च बेटा कु जनेऊ ,आज च बेटा कु जनेऊ
न्यूति आले वेद मुखी ब्रह्मा
गया पुरी मा होलो गौतिम को बेटा गौतिम को बेटा होलो उत्तिम बरमा
जै जस दियां भूमि का भूम्याळ
जै जस दियां पितर दिबता
जै जस दियां पितर दिबता
---गुरु द्वारा जनेऊ पहनाना और आशीर्वाद देना ---
दे द्यावा गुरु जी गुरु मंतरs ये दे द्यावा गुरु जी गुरु मंतरs ये
दे याले चेला त्वे गुरु मंतरs ये
दे याले चेला त्वे गुरु मंतरs ये
सुगुरु को चेला छै गुरुमुखी ह्वेलो
गुरुमुखी चेला छे , निरमुखी ना ह्वेई
अमर रई चेला लाख बरस
जब तलक चाँद सूरज ये सुगुरु को चेला छै गुरुमुखी ह्वेलो
तुम करा चेला कुल को उद्धार ये
ब्रह्म ब्रत ल्याई माँ जी भिक्छा दे द्यावा
आज बटी तेरो चेला गुरु चेला ह्वे ग्याया
-इंटरनेट प्रस्तुति -भीष्म कुकरेती
Copyright@ Bhishma Kukreti 1/9/2014 for interpretation notes
Contact ID -bckukreti@gmail.com
Characteristics of Garhwali Folk Drama, Community Dramas; Folk Theater/Rituals and Traditional to be continued in next chapter
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