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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, September 10, 2014

विश्वस्त सूत्र या पत्रकार सूत्र ?

मजक्या : भीष्म कुकरेती 

             मनमोहन सिंगै सरकार अर नरेंद्र मोदीक सरकार मा एक बड़ो अंतर या च कि मनमोहनै सरकार मा जथगा मुख तथगा बात भैर अांद छा।  जन कि कृषि मन्त्रीक च्याला बतांदु छौ कि डीजल मंत्री डीजल मैंगो करणो सुचणा छन तो  डीजल मंत्री तैं  कौन्फेरेंस करण पोड़द छे कि  यी सब अफवाह छन। अल्पसंख्यक मंत्री का चमची  विधायिका  सूचना दींदि  छै कि रक्षा मंत्री कुछ दिनों मा श्रीलंका जाण वाळ छन तो गृह मंत्री तैं चेन्नई भगण पोड़द छौ अर जैक करुणानिधि तैं बुथ्याण , समजाण पोड़द छौकि या खबर उनि झूटी च जन कि बीच मा खबर उड़ि छे कि डीएमके का स्टालिन केंद्रीय मंत्री बणन वाळ छन। 
अब विश्वस्त सूत्रों से पता चौल कि मोदी जीन आदेश दे बल कि क्वी बि सांसद या विधायक मंत्री परिषद का बारा मा ना तो प्रेस तैं बयान दे सकुद ना ही सांसद प्रेस से मील सकुद।  इनि सचिवुँ  प्रेस से मिलण पर बि पाबंदी लग गे। यांक कारण च कि प्रधान मंत्री चांदन कि लोगुं तैं सब तरफ से एकी सूचना मीलो।  उदाहरणार्थ  अब हर तरफ से एकी सूचना आदि कि फलण मंत्रीन ही आज डांट खै। 

यदि विश्वस्त सूत्र सही छन तो मंत्रालय का सचिवुँ  या सांसदुं प्रेस से नि मिलण से बड़ो नुक्सान मंत्रालय तैं ही होलु। 
जन कि मनमोहन जीक टैम पर हूंद छौ कि  मंत्रालय का सचिव जब प्रेस का कै पत्रकार का दगड़ डिनर या लंच करदो छौ तो वु खबरनवीस तैं खबर सप्लाइ नि करदो छौ अपितु पत्रकार से सूचना प्राप्त करदु छौ।
उदाहरणार्थ  वित्त सचिव 'हिन्दुस्तान  एक्स्प्रेस ' का बड़ा पत्रकार का दगड़ लंच करणा छन.
वित्त सचिव बात शुरू करदन - मिस्टर हिन्दुस्तान एक्स्प्रेस ! ख़ास खबर क्या च ?
हिन्दुस्तान एक्सप्रेस पत्रकार - मनमोहन जी बंगला देस जाणा छन तो वित्त मंत्रालयन योजना आयोग का बुलण पर पश्चिम बंगाल तैं कुपोषण रुकणो बान पचास करोड़ की अतिरिक्त सहायता दीण स्वीकार कर याल। 
वित्त सचिव - धत्त तेरिकी ! कैन बताइ या खबर ?
पत्रकार - योजना आयोग से आई या खबर। 
वित्त सचिव - खबर पक्की च ना ?
एक्स्प्रेस पत्रकार - हाँ योजना आयोग वाळुन 'शाम का जागरण ' वाळु तैं बताइ। 
वित्त सचिव - हमर मंत्रालय मा चौथी मंजिल मा कुछ न कुछ हूणु रौंद अर मि तैं पता इ नि चलद कि उख क्या क्या खिचड़ी पकणी रौंदि।  उ त भलो च कि म्यार पत्रकार पछ्याणक छन तो चौथी मंजिल की खबर मिल जांदन। हौर क्या हाल छन ?
 पत्रकार - गृह मंत्री  मुलायम सिंह जी तैं खुश करण चाणा छन अर वीर भद्र सिंह जी पर दबाब बढाण वाळ छन। 
वित्त सचिव - मतबल मुलायम सिंग जे पर सीबीआई कु दबाब कम करण वाळ छन अर वीर भद्र सिंह जी पर सीबीआई की इन्क्वारी हौर तेज हूण वाळ च। 
पत्रकार - ना ना !
वित्त सचिव - तो ?
पत्रकार - उत्तर प्रदेश तैं लैपटॉप बांटणो बान अल्पसंख्यक विकास कोटा का तहत एक हजार करोड़ रुपया दिए जाल अर इनकम टैक्स वाळ वीर भद्र सिंह जीकी की छान  बीन और जोरों से कारल . 
वित्त सचिव - यार यु इनकम टैक्स सचिव कबि बि अपण विभागौ बात मीतैं नि बथांद।  या सूचना सही च ना ?
पत्रकार - हाँ 'द नेसनल हिन्दू ' का पत्रकारन बताई। 
वित्त सचिव - फिर तो सही खबर च. हौर ?
 एक्स्प्रेस पत्रकार - कृषि मंत्री पर्स्युं प्रेस कॉन्फ्रेंस करण वाळ छन। 
वित्त सचिव - हाँ अचकाल खाद्य पदार्थुं दाम कम चलणा छन तो कृषि मंत्री तैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करण मा क्या जाणु च।  जब खाद्य पदार्थुं दाम बढ़दन तो वित्त मंत्रालय तैं जबाब दीण पोड़द। 
 एक्स्प्रेस पत्रकार - नै नै ! कृषि मंत्री खाद्य पदार्थुं दाम का वास्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस नि करणा छन। 
वित्त सचिव -तो ?
 एक्स्प्रेस पत्रकार - कृषि मन्त्रीन प्रधान मंत्री पर अभियोग लगाण कि एक षड्यंत्र का तहत प्याज का निर्यात कम हूणु च। 
वित्त सचिव - कैन दे खबर ?
 एक्स्प्रेस पत्रकार - 'सुबह चा सकाळ'  पुणे का सम्पादकन  खबर दे। 
वित्त सचिव -ओ माई गौड ! फिर तो खबर पक्की च।  पीएमओ मा खबर दीण पोड़ल। 
 एक्स्प्रेस पत्रकार - 'सुबह चा  सकाळ ' का नाम नि लेन हाँ।  बिचारा मि तैं खास खबर दीणु रौंद। 
वित्त सचिव -हौर ख़ास खबर ?
 एक्स्प्रेस पत्रकार - हाँ रक्षा मंत्रालय का चार सचिवुं कमेटी पेंटागन वाशिंगटन से मिलणो अमेरिका जाणा छन अर द्वी सचिव वित्त मंत्रालय का बि होला !
वित्त सचिव -काम की खबर पैथर दीणा छा ?
 एक्स्प्रेस पत्रकार - खबर 'लेटेस्ट न्यूआर्क टाइम्स '  का पत्रकारन दे 
वित्त सचिव - यार म्यार बच्चा कब बिटेन पैथर लग्यां छन बल ये साल अमेरिका दिखावो , अमेरिका दिखावो।  जरा रक्षा सचिव से म्यार बान जुगाड़ लगावो ना कि डेलीगेसन मा म्यार नाम बि डाळन   
 एक्स्प्रेस पत्रकार - ठीक च आपका नाम ऐ जाल।  ह्यां रुइया ऐंड रुइया कम्पनी पर इन्फोर्समेंट की जांच तो बंद ह्वे जाली ना ?
वित्त सचिव - यार केस त मि बंद करवाणु छौ पर पट्ठा बि कम होशियार नी च हाँ ! इख बिटेन हवाला से दस हजार करोड़ रुपया स्विस बैंक मा भेजिक  मौरसिस का थ्रू विदेशी निवेश का नाम पर पैसा वापस इंडिया लै गे हाँ।  केस अब बंद ह्वे गे समझो । 


Copyright@  Bhishma Kukreti 11   /9/ 2014       
*लेख में  घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
 लेख  की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने  हेतु सर्वथा काल्पनिक है 
  
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