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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, September 23, 2014

बहरा सो गहरा

 स्किटानुवाद ::: भीष्म कुकरेती

एक आदिम - डाक  साब बड़ी परेशानी च।
डाक्टर -जीब दिखावो !
आदिम -मि तैं लगणु च  जीब ना कन्दुड़म कुछ बीमारी च।
डाक्टर -त ठीक च कन्दुड़ दिखाओ
आदिम -ना ना ! मि नि छौं दुख्यर।
डाक्टर -तो ?
आदिम -मि तैं लगद मेरि घरवळी कन्दूड़ नि  सुणदि।  अवश्य ही वा बैरी ह्वे गे। 
डाक्टर -उँह !  त अपण वाइफ तैं लावो दिखाणो।
आदिम -असल मा मि वीं तैं लज्जित नि करण चांदु।  मि पैल मि शॉट स्योवर हूण चाँद कि वा सचमुच मा बैरी (बहरी ) ह्वे गे कि ना ?
डाक्टर -तो एक काम कारो।  तुम एक टेस्टिंग कारो
आदिम -क्या ?
डाक्टर - पैल बीस  फ़ीट से अपण कज्याण से प्रश्न कारो।  फिर पंदरा फिट से वही प्रश्न कारो फिर दस  फिट से वी सवाल दुहरावो अर फिर सवाल दुहरांद दुहरांद पत्नी का पास जांद जावो।  तुम्हारी पत्नी कथगा दूर से सूण सकद तुम तैं पता चल जालु।
आदिम - मि अबि जैक टेस्ट करदु।
आदिम (घर जैक बीस फिट से पैथर बटिं  )- ये स्वांरी ! क्या पकाणि छे ?
(क्वी उत्तर ना )
आदिम ( पंदरा  फिट से )- ये स्वांरी ! क्या पकाणि छे ?
(क्वी उत्तर ना )
आदिम ( दस    फिट से )- ये स्वांरी ! क्या पकाणि छे ?
(
क्वी उत्तर ना )
आदिम ( पांच   फिट से )- ये स्वांरी ! क्या पकाणि छे ?
(
क्वी उत्तर ना )
आदिम ( द्वी   फिट से )- ये स्वांरी ! क्या पकाणि छे ?
स्वांरी -यां पांच दैं मीन उत्तर दियाल कि मि तुमकुण  फाणु पकाणु छौं।

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