घपरोळया , हंसोड्या ,चखन्यौर्या : भीष्म कुकरेती
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ब्याळि (5 /9/ 2014 ) मि बि करोड़ों बच्चों , लाखों अध्यापकों , करोड़ों भारतीयों तरां पैल त शिक्षक दिवस पर नरेंद्र मोदीक बच्चों दगड़ छ्वीं -बत सुणणो बान अर फिर राजनैतिक टीका टिप्पणी सुणनो बान टीवी से चिपक्युं रौं।
नरेंद्र मोदीक छ्वीं महत्वपूर्ण छन कि ना यु म्यार आजौ विषय नी च।
म्यार आजौ विषय च कि विरोधी पार्टी नरेंद्र मोदी अर भाजपा का बिछायुं जिबळु /जाल मा किलै फंसदि ? जाणि बूजिक या अजाण मा विरोधी दल का नेता भाजपा का मोहरा किलै बणदन ?
अब द्याखो ना ब्याळै की ही बात। ब्याळि जब नरेंद्र मोदीक भाषण खतम ह्वे तो सबि टीवी चैनलों मा विरोधी पार्टयूं प्रवक्ता चैनलों मा टिप्पणी आदि का बारा मा बुलाये गेन अर शर्तिया आम आदमी पार्टी कु योगेन्द्र यादव अर जनता दल (बिहार ) कु पवन वर्मा छोड़िक बाकी विरोधी दाल का प्रवक्ता या तथाकथित सेक्युलर विद्वान , समाज शास्त्र का किताबी विद्वान टीवी बहसुं बाद इन गेन जन बुल्यां यूँ प्रवक्ताओं अर विद्वानुं तैं सुक्यां जुतुं तैं पाणि माँ भिगैक जुड़ये गे हो।
असल मा ब्याळि नरेंद्र मोदीक काट करे यि नि सकेंद छे अर विरोधी दल (योगेन्द्र यादव अर पवन वर्मा छोड़िक ) प्रवक्ता अर तथाकथित विद्वान नरेंद्र मोदीक विरोध करणा छया अर भाजपा का जिबळु /जाल मा फंसिक आत्महत्या करणा छया। भै अबि परसि तलक तो यि नेता अर सेक्युलर विद्वान , समाज शास्त्री नरेंद्र मोदी पर भगार लगाणा छया कि नरेंद्र मोदीन बुलण /कम्युनिकेट करण छोड़ी दे अर जब बच्चों दगड़ नरेंद्र मोदी जुड़ तो यी बुलण मिसे गेन बल शिक्षक दिवस तैं नरेंद्र मोदीन पब्लिक रिलेसन /जनसंपर्क का माध्यम बणै दे। आदि आदि।
भाजपा अधिकतर इन जुमला , नारा , स्लोगन , विषय उठान्दि कि विरोधी यांक विरोध कारन अर विषय तैं अनावश्यक प्रचार मिल जावो। भाजपा की रणनीति ही या हूंदी ये विषय का अनावश्यक विरोध विरोधी दल का नेता खूब कारन।
याद कारो जब पैल टिड्युं तैं मारणो बान पुंगड़ु मा आग जळाये जांद छे अर टिड्डी ऐक आग मा आत्महत्या करदा छा। इनि भाजपा बि करदी अर विरोधी दल का नेता आत्महत्या करणो भाजपा आग मा जळ जांदन।
जरा 'लव जेहाद' शब्द की खोज पर ध्यान द्यावदि। ये शब्द तैं योगी आदित्यनाथन उथगा प्रचारित नि कार जथगा प्रचार 'लव जिहाद ' का विरोध्युंन कार। विरोधी भाजपा द्वारा रचित अलाव, अग्नि कुण्ड मा मोरणो बान रोज ये अलाव /अग्नि कुण्ड मा फाळ मारणा छन।
जरा यीं सदी कु महान लाटु -कालु राहुल गांधी का बयान पर टक्क तो लगाओ। परसि अमेठी मा परिस्थिति से अजाण राहुल गांधीन पत्रकारुं मा ब्वाल कि अमेठी मा सड़क , बिजली नी च , सब्जी मैंगी छन अर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जापान मा ढोल बजाणा छन। ये बयान से भाजपा तैं शरम नि लग उल्टां कॉंग्रेस का नेता शरमैक अन्ध्यर कूण बैठि गेन किलैकि जनता अर पत्रकार तो कॉंग्रेस्यूं से पुछण मिसे गेन कि भै यु काणु राहुल गांधी पिछ्ला दस सालों से कख जयुं छौ जै तैं पता इ नि चौल कि अमेठी मा बिजली नी च , सड़क नि छन अर सब्जी बि मैंगी हून्दन।
इनि जन -धन योजना अर शौचालय योजनाओं विरोध च। कॉंग्रेसी नेता किरै -किरैक बुल्दन कि यी योजना तो हमारी छे। अर इखमा बि कॉंग्रेसी फंस जांदन अर जनता व पत्रकार पुछण मिसे जांदन कि ठीक च यी द्वी योजना इंदिरा गांधी , राजीव गांधी की ही छन किन्तु यूँ योजनाओं तैं लागू करण मा तुमर बुबा कु क्या जाणु छौ। बत्वार अयीं छे तुम्हारी , झ्यार अयुं छौ , कफन लग्युं छौ जु तुमन यूँ भली योजनाओं तैं लागु नि कार।
मेरि समज मा नि आदि कि क्या विरोधी दल खासकर कॉंग्रेस्यूं समज मा नि आंद कि विरोध का वास्ता शब्द कन प्रयोग हूण चयेंदन। जब बि कॉंग्रेसी नेता नरेंद्र मोदीक एकाधिकारी चरित्र (नरेंद्र मोदी मंत्र्युं क्लास लीन्दन ) काट करदन तो जनता नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करण लग जांद। किलैकि जनता प्रजातंत्र मा बि कड़क हेडमास्टर ही चांदी ना कि ढुलमुल, किदल, मर्त्यल मनमोहन सिंह ।
हर समय विरोधी तैं विरोधी बयान दीण आवश्यक नि हून्दन अपितु भौत सा समय चुप्प रौण मा या उपेक्षा करण मा ही अधिक फायदा हूंद। पर क्या करे जाव जब भारत मा विरोधी दल कु अर्थ ह्वै गे बल पागल कुत्ता जन भुकण तो जनता बि क्या कार ?
Copyright@ Bhishma Kukreti 6 /9/ 2014
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने हेतु सर्वथा काल्पनिक है
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