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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, September 12, 2014

समाचार टीव्यूं कव्वारोळि युद्ध

बक्की , बाकि लगंदेर भीष्म कुकरेती 


धृतराष्ट्रन संजय तैं पूछ तीन सितम्वर से 11 सितमबर 2014 तक तू जम्मू कश्मीर मा बाढ़ कु लाइव दृश्य दिखाणु , सुणानु छे।  बाढ़ विभीषिका का समाचार सुणि सुणिक म्यार कन्दुड़ुम  बयळ  ह्वे गए।  कुछ हौर समाचार नि छन या  भविष्य का समाचार सुणै सकदि क्या ?
संजय - महाराज ! भविष्य का समाचार सुणिक तुमर कंदुड़ुन्द गरम तेल कु डा पोड़ जान।  बड़ा ही भयानक समाचार टीवीयूँ युद्ध हूण वाळ च। 
धृतराष्ट्र - बाढ़ का दुखी खबरों से तो निजात  मिल जाली। अब मैसे बाढ़ निर्मित भयानक दुःख की खबर नि सुण्यान्द।  तू बाक बोल। 
संजय - सम्राटूँ सम्राट ! मि दिखणु छौं कि भोळ ना आजि से समाचार टीवी वाळुंम चुनावी युद्ध से बि भयंकर युद्ध छिड़ गे।  जम्मू कश्मीर की आड़ मा हरेक टीवी मालिक अपण सम्पादकुं से दुगण -तिगुण टीआरपी की मांग करणा छन।  भोळ सबि टीवी वाळ कश्मीर  चिंता छोड़िक टीआरपी बढ़ाणो वास्ता युद्धस्तर पर काम पर लग जाल। 
धृतराष्ट्र - भविष्यवक्ता बक्की संजय ! कुछ टीव्यूं क्लिपिंग दिखा या सुणा !
संजय - महाराज ! 'ब्याळि तक ' टीवी स्टूडियो मा नेसनल कॉन्फ्रेंस अर पीपल पार्टी का नुमाइन्दा अयाँ छन। बहस इथगा गरम हुणि च कि सियाचिन की बरफ पिगळिक हैंक बाढ़ पैदा ह्वे गे। 
पीपल पार्टी का नुमाइन्दा -जब कश्मीर मा बाढ़ का तांडव हूणु छौ त तुमारा मंत्री कख मुर्यां छा ?
नेसनल कॉन्फ्रेंस पार्टी का नुमाइन्दा (पीपल्स प्रतीक नुमाइन्दा तै लत्यान्द )- साला अफु त तुमर नेता सियाँ छा अर हमर नेताओं कुण मोर्यां छा बुलणु छौ। 
पीपल पार्टी का नुमाइन्दा नेसनल कॉन्फ्रेंस का नेता तैं मुठक्यांद - अहमक ! हमर नेताओं तैं सियाँ नेता बुलणु छे ! ले अब बतांदु मि कि हम कन सींदा !
ऐंकर - माफ़ी चांदु कुछ हिंसक घटनाऊँ कारण मि थोड़ा देरौ कुण अद्धा घंटा कु एक कॉमर्शियल ब्रेक लीणु छौं अर फिर दस मिनटौ भाजपा अर कॉंग्रेस पार्टी का घमासान युद्ध द्याखो फिर अद्धा घंटा का कॉमर्शियल ब्रेक का बाद पीपल्स पार्टी अर नेसनल पार्टी मध्य हाथापाई दिखण नि बिसरेन। 
धृतराष्ट्र - संजय ! जरा अंग्रेजी चैनेल 'टाइम्स व्हेन ' की  प्राइम टाइम बहस दिखादि। 
संजय - इख त जिकुड़ी जळाण वाळ   बहस चलणि च। ल्या   द्याखो !
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का प्रतिनिधि - हिन्दुस्तान सरकार और हिन्दुस्तानी आवाम की गलतियों से जम्मू कश्मीर मा बाढ़ आयि अर पाकिस्तान मा हमर इथगा भाई मारे गेन।  यूएनओ तैं  हिंदवी सरकार से पुछण चयेंद कि यूंन पाकिस्तान का इथगा नुक्सान किलै कार ?
समाजवादी पार्टी का प्रवक्ता - हमारे नेता जी का भी यही बोलना है कि पाकिस्तान में इतने मुसलमान मरे , इतने मुसलमानो का नुक्सान हुवा उसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार क्या कर रही है ?
बजरंग दाल का नुमाइन्दा त्रिशूल दिखैक - ज्यादा चपर चपर करिल्या तो देख ल्या मि तुमर क्या हाल करदु धौं !
हुर्रियत प्रवक्ता - ऐ अपण त्रिशूल अफुम रख.  मीम बि मेड इन पाकिस्तान कट्टा च।  दिखाऊं ?
'टाइम्स व्हेन ' का ऐंकर - चूँकि बहस हिंसात्मक हूण वाळ च तो हम अब डिबेट नंबर टू शुरू करणा छंवां। 
धृतराष्ट्र - संजय  जम्मू -कश्मीर बाढ़ पर बहस की क्लिपिंग दिखाण बंद कर। 
संजय - महाराज किलै ?
धृतराष्ट्र - भात पकी ग्यायि कि ना का वास्ता द्वी इ चौंळ दिखे जांदन ना कि सर्या फुल्टी।  मतबल साफ़ च कि यी राजनीतिज्ञ जम्मू कश्मीर की बाढ़ से अधिक अपण राजनैतिक चकबंदी  वास्ता चिंतित छन।  बाढ़ युंकुण अपण राजनैतिक छवि चमकाणो महज एक माध्यम च। 
संजय - जी महाराज बाढ़  या सूखा,  भारतीय राजनीतिज्ञों कुण राजनीति करणो सुनहरा अवसर हूंद। 
धृतराष्ट्र - दुर्योधन -युधिस्ठिर की गलतियों से बि यी नि सिखणा छन कि जब भाई -भाई लड़दन तो अभेद्य साम्राज्य बि ख़तम ह्वे जांद। 
संजय - ना महाराज ! स्वार्थ की बाढ़ से , अफखवा गर्मी से , निष्ठुरता की ठंड से भारतीय राजनीतिज्ञ कान से बैरा , आँख से काणा , स्पर्श से संवेदनहीन ह्वे गेन। 
धृतराष्ट्र - अरे हाँ ! दूरदर्शन का का क्या हाल छन ?
संजय  - महारज ! ये समय दूरदर्शन मा भयंकर गर्मी और उसके कारण सूखे से निपटने  लिए सरकार  की सदावहार नीतियों पर चर्चा हूणि च। 



Copyright@  Bhishma Kukreti 12 /9/ 2014       
*लेख में  घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
 लेख  की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने  हेतु सर्वथा काल्पनिक है 
  
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