मूल : सतीश दीवान
छिंडारण वाळ : भीष्म कुकरेती
द्रोणाचार्य याने पथप्रदर्शक ; बड़ा जणगरु , सब कुछ ज्ञान ह्वेक बि कुछ नि करण वाळ बस नया नया कारिंदौं तैं प्रशिक्षण दीण मा अग्वाड़ी।
भीष्म - दानो , सयाणो कारिंदा। वीआरएस लीणै उमर। नालायक बॉस तैं पुरो समर्थन दीणो "मजबूर लायक कारिंदा "
धृतराष्ट्र - अंधा बॉस जु जाणदु च कि वैक प्रोजेक्ट मा कथगा खामियां /कमियां छन पर नई विधि नि अपनाणो मजबूर बॉस
गांधारी - यस वूमन ! बौसक सबसे खास कारिंदा , ज्वा जाणदि च कि सब कुछ गलत हूणु च पर बॉस का पल्ला नि छुड़ण वळि खिलाड़न
युधिष्ठिर - आदर्शवादी अर जैक आदर्शवाद का चक्कर मा हमेशा वैक दगड्या फंसदन
भीम -गुस्सैल मैनेजर अर सब्युं पर क्या अपण बॉस पर बि गुस्सा ह्वे जांद पर बॉस भक्त
अर्जुन - अपण काम करण मा होशियार अर छोर्युं तैं आकर्षित करण मा उस्ताद।
नकुल सहदेव - बस अपण काम मा व्यस्त। साधारण तनखा बढ़ोतरी, कम बडाइं मा बि खुस
दुर्योधन - कै बि तरह से काम हूण चयेंद मा विश्वास करण वाळ बौस ! पर अपणा मैनेजरों से ही धोखा खान्द
कर्ण -लगन शील , कर्मठ कारिंदा पर कबि नि बतांदु कि वैन यु काम कार। बॉस का अहसान कबि नि बिसरण वाळ। मार खाण मा अग्वाड़ी अर पिठै लगद दैं सबसे पैथर !
दुशासन - बॉस की प्रतिछाया , यस मैन !
शकुनि - नकलची, मुसक्या चोर , नामी सलाहकार , जुवारी अर धुर्या
द्रौपदी - सँजैत संसाधन
कृष्ण - असली बौस। रणनीति अनुसार , योजनानुसार काम करांदु अर कारिंदा तैं लगद कृष्ण ना, बल्कण मा वैकि अपणी योजना च।
आभार -डा बलबीर सिंह रावत की मेल
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments