Transliteration::: भीष्म कुकरेती
यमराज -चित्रगुप्त ! आज सि तीन मानव कु कु छन जु मृत्युलोक से ऐन ?
चित्र गुप्त -धर्मराज ! पैलु तो हरिद्वार कु सन्यासी बाबा किसमिस देव छन , दुसर बद्रीनाथ कु ऋषि कर्मदेव छन अर ……
यमराज - अर हैकु ?
चित्रगुप्त - न्यायाधीसुं सम्राट ! यी हैंक एक किसान किरोड़ी मल च।
यमराज - यूंन क्या क्या पाप -पुण्य कर्याँ छन ?
चित्रगुप्त - विवेकशील श्री ! यूं तिन्युंन क्वी बि पाप नी करिन अर स्वर्गाधिकारी छन।
यमराज - तो तुम सबि अपण अपण इच्छा बताओ !
बाबा किसमिस देव- धर्माधिराज ! मीन भूलोक मा कबि मर्सडीज कार से यात्रा नि कार यदि मर्सडीज से यात्रा ह्वे जाव तो …।
बाबा किसमिस देव- धर्माधिराज ! मीन भूलोक मा कबि मर्सडीज कार से यात्रा नि कार यदि मर्सडीज से यात्रा ह्वे जाव तो …।
यमराज - जाओ मर्सडीज से कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा कारो !
ऋषि कर्मदेव - न्यायाधिपति ! मीन हवाई जाजै यात्रा नि कौर। यदि हवाई जाजै यात्रा ह्वे जाव तो बड़ी मेहरबानी।
यमराज जावो - जावो हवाई जाज से कपूरत्थला से कोलकत्ता की यात्रा कारो
किरोड़ी मल किसान - विद्वानुं विद्वान ! मीन कबि सिगरेट नि पे। यदि सिगरेट मिल जावो तो …!
यमराज - जावो तुमकुण सिगरेट की कुठड़ी भरीं च , जावो तुम तैं कुठड़ीम सिगरेट मिल जाली ।
कुछ समय बाद सब आंदन। बाबा किसमिस देव (खुसी से उछल्दा उछ्ल्दा ) - अहा मर्सडीज तो कारों की कार च। क्या यात्रा छे ,प्रभु आप महान हैं। ऋषि कर्मदेव (जोर जोर से हंसदा -हंसदा ) - जबाब नही हवाई यात्रा का ! भगवान आप महान हैं !
किरोड़ी मल (रुंवासा सूरत लेक )- यमराज जी आप ! बड़ा कंजूस दानदाता छंवां ! बनि बनिक सिगरेटूँ से कुठड़ी भरीं छे पर माचिस तो आपन देइ नीच !
24/9/2014
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