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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, September 29, 2014

अन्य ग्रह का प्राण्यूं का पृथ्वी बारा मा विचार !

 कंद्युर्या भेदी --- भीष्म कुकरेती 

 अन्य ग्रह कु अन्वेषण यान पुटुक एक ग्रह जीव - असिस्टेंट ! इन लगणु च हमर जाज कै ऊर्जा  मंडल का पास का पास पौंछण वाळ च ?
असिसस्टेंट - जी साब ! हम सौर्य मंडल का पृथ्वी ग्रह का पास छंवां। पृथ्वी से एक लाख बयालीस हजार प्रकाश वर्ष दूर  च हमारो  यान।   
साब - तो ठीक च मि पृथ्वी दिखण चांदु। 
असिस्टेंट -महोदय ! मी आप तैं सुपिन , उंगद दै या आतुर्दि मा ये जाहिल ग्रह पर उतरणो सलाह कबि बि नि द्योलु।
साब -कनो ? पृथ्वी मा जीवित जीव नि हूंदन ?
असिस्टेंट -जी यी असभ्य , जाहिल मानव असल मा जीवित मुर्दा छन।
साब -जीवित मुर्दा ?
असिस्टेंट -हाँ जी ! लिविंग डेड ह्यूमन बीइंग्ज  ! यि समजदन कि  ये ब्रह्माण्ड मा यी प्राणी छन अर बकै ग्रह जीवनरहित च।
साब - हैं ! क्या या कौम धार्मिक नी च  ?, क्या या कम्युनिटी धरम से बिमुख च  ? क्या यी ईश्वर पर विश्वास नि करदि ?
असिस्टेंट -नै नै ! बुलणो त हरेक प्राणीन  अपर दरवज या कूड़ मा धर्मो झंडा लगायुं च किन्तु यूँ असभ्य प्राण्यूँ तैं धार्मिक नि बुले सक्यांद !
साब -हैं ! धर्मक झंडा लगायुं च अर फिर बि धार्मिक नि छन ? क्या इ ईश्वर मा विश्वास नि करदन ?
असिस्टेंट -तकरीबन हरेक मानव ये रूप मा , वै रूप मा या बिना रूप मा ईश्वर पर विश्वास करदन।
साब -ओहो मतबल यी अति आदि जीव छन ?
असिस्टेंट -हाँ अति आदि जीव छन जु ईश्वर पर ना अपर ईश्वर पर ही विश्वास करदन।
साब -हैं ! अपर ईश्वर ? मतलब एक सर्वोच्च ईश्वर पर विश्वास नि करदन ?
असिस्टेंट -नै नै ! हरेक एक ईश्वर पर विश्वास करदन किन्तु हरेकन ईश्वर तलक पौंछणो अलग अलग रस्ता बणयां छन। 
साब -तो ?
असिस्टेंट -अर यूं जाहिल आदि मानवोंन अपण रस्ता तैं ही ईश्वर का नाम दे दे
साब -अच्छा ! भगवान तक पौंछणो रस्ता तैं हि ईश्वर कु नाम दे दे ?
असिस्टेंट -हाँ ! अर इथगा से ही यूंक पुटुक नि भार्यायी।
साब -क्या मतलब ?
असिस्टेंट -अपण रस्ता तैं यी ईश्वर दूसरौ ईश्वर याने दूसरौ रस्ता तैं बेकार ही ना बिधर्मी माणदन अर एक रस्ता का विश्वासी दुसर रस्ता का विश्वासी दगड़ मार धाड़ करदन।
साब -हैं ! ईश्वर तक पौंछणो अपण रस्ता तैं उच्च बथाणो बान मार धाड़ करदन ?
असिस्टेंट -जी हाँ आज तलक पृथ्वी मा सबसे अधिक युद्ध , सबसे अधिक कत्लेआम केवल धर्म या ईश्वर का नाम पर ही ह्वेन।  धर्म का नाम पर रोजाना कत्ले आम हून्दन।
साब -ओ म्यार भगवान ! नै नै ! अपण विमान तैं पृथ्वी से जथगा दूर लीजा उथगा दूर लिजा ! जख धर्म का नाम पर महायुद्ध अर धर्म का नाम पर कत्लेआम ह्वावो उना जाण इ नि चयेंद। 
असिस्टेंट -जी हाँ इन असभ्य जीवित मुर्दों से दूर रौण मा ही फायदा च।

Copyright@  Bhishma Kukreti 27/9/ 2014       
*लेख में  घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
 लेख  की कथाएँ , चरित्र व्यंग्य रचने  हेतु सर्वथा काल्पनिक है 
 
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