गढ़वाली हास्य -व्यंग्य
सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
दबंग पत्रकार गरूणव गोस्वामी दिक किलै च ?
बोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
मि -अरे अरे समय ऑफ इंडिया न्यूज चैनेल का धाकड़, दबंग, प्रभावशाली संपादक क्या बात? आज तुम इथगा गुस्सा अर दगड़ मा तुमारो मुखौ रंगत, तेज किलै बिगड्यु च भै? .
गरूणव गोस्वामी (गुस्सा मा ) - साला समझद क्या छन मै तैं? मीन अपणो अकेला का बल पर कन कन नेताओं तैं राज-गद्दी से उतार, कत्युं की गद्दी पर आंच नि आणि दे ।
मि -आपन नेताओं तैं ग्द्दीविहीन करि यी त ठीक च पर गद्दी पर आंच नि आण दे ...?
गरूणव गोस्वामी (मुख बिटेन रोस मा फ्यूण बगद ) - हां देखो ! मेरो पत्रकारिता को आतंक! सुरेश कलमाड़ी का कौमेन वेल्थ घोटाला की पोल खुलण से लेकि जब तलक कलमाड़ीन इस्तीफा नि दे तब तलक मीन अपण चैनेल से कलमाड़ी विरुद्ध युद्ध छेड्यु राख . रात दिन केवल कलमाड़ी अर कलमाड़ी का विरोधी समाचार। म्यार बुलडोजरी दमद्याट --भंगऴयाट - घमघ्याट से दुसर चैनलों नींद हर्ची गे छे अर सब चैनेल सुरेश कलमाड़ी पैथर इन पोड़ी गे छा जन कुत्ता हडगी पैथर पड़दन। अर जब तलक कलमाड़ी जेल नि गे मीन अपण बुलडोजरी समाचार विश्लेष्ण बंद नि कार।
मि -हां या बात त स्विट्जर लैंड का बैंक मालिकों तै बि पता चल गे कि हिन्दुस्तान मा बि खोजी पत्रकारिता होंदी च।
गरूणव गोस्वामी (फ्यूण तैं चाटद -चाटद ) -देखो ना ! कुछ टीवी समाचार चैनलोंन प्रूफ का साथ समाचार दिखायि कि कै तरां से आज का उद्योगपति काळु धन विदेशी बैंको मा जमा करणा छन। दिखायो छौ कि ना? ब्वालो ब्वालो?
मि -हाँ ! अचरज च कि इथगा बड़ो अर गम्भीर समाचार केवल हेडलाइन तक ही सीमित रै गे।
गरूणव गोस्वामी -यो मेरो ही कमाल च, मेरो ही धमाल च कि इथगा गम्भीर समाचार फुस ह्वे ग्यायि।
मि -तुमारो कारण इथगा बड़ो चटकारोदार समाचार फुस ह्वे ग्याइ?
गरूणव गोस्वामी (लाल आँख करदा करदा ) -हाँ मीन अपणो चैनेल मा ये समाचार अर विश्लेष्ण तै जगा ही नि दे अर फिर मेरो दबदबा से यो समाचार समाचार हि नि बौण।
मि -हाँ ! ऊ तो ठीक च कि तुमरो समाचार संस्था दशाब्दियों साल पुराणो च अर तुम जै समाचार तै समाचार बणाण चैल्या वो ही समाचार बौंणल। पण तुम आज इथगा गुस्सा माँ दिक (परेशान ) किलै छंवाँ?
गरूणव गोस्वामी (मुख बिटेन फिर से लाळ चूंद चूंद) -साला ये समझता क्या है अपने आप को? ये तै पता नी च कि ए. राजा, पवन बंसल, अश्विनी कुमार सरीखा मंत्रियूं की छूट्टी बि दबंग पत्रकारिता से ही ह्वाइ
मि -हाँ पण
गरूणव गोस्वामी (मुख से फ्यूणो धरड़ छुटदा , छुटदा ) -ये तैं नि पता की जिस जमीन पर मै पैर रखता हूँ भूचाल वहां आते हैं और जिस समाचार पर हाथ रखता हूँ, तहलका वंही मच जाता है।
मि -हाँ तू अब समाचार माध्यमों भगवान ह्वे गे पण गति
गरूणव गोस्वामी (पागलपन मा अपण थूक अपण मुख पर लपुड़द, लपुड़द ) -ये तैं नि पता कि मि कै प्रकारों पत्रकार छौं मि ही समाचार पैदा करदार छौं ,मै ही समाचारों माँ बहाव लांदु , मै ही समाचारों मा तेजी -बबराट -तीब्रता , प्रबलता , प्रचंडता , उग्रता लांदु अर मै ही संवेदशील समाचारों पर लगाम लगांदु , इन समाचारों पर रोक लगांदु . मि गरूणव गोस्वामी ही समाचारों सृष्ठि कर्ता छौं , समाचारों पुष्ठि कर्ता छौं अर मि गरूणव गोस्वामी ही समाचारों मृत्यु बि करदु ,समाचारों ध्वंसक बि मी ही छौं
मि - तू अर समाचारों ध्वंसक ?
गरूणव गोस्वामी-हाँ द्याख नि ! मेरो दबदबा, मेरो रौब , मेरो आतंक ? म्यार समाचार माध्यमों पर प्रभाव ? मीन कोलगेट घोटाला मा फंस्यां दसियों प्रसिद्ध उद्योगपतियूं समाचार नि दिखायि तो कै बि टीवी चैनेलन यो समाचार नि दिखाइ इ उद्योगपति बची गेन। मीन महाराष्ट्र का मंत्री अजित पंवार पर लग्याँ लांछनो , भगार पर ध्यान नि दे तो हौर समाचार चैनेलोन बि अजित पंवार पर लग्याँ भ्रष्टाचार का अभियोगों पर ध्यान नि दे तो अजित पंवार दुबर मंत्री बौणी गे . मै गरूणव गोस्वामी किंग बि छौं , किंग पोषक बि छौं अर मै ही किंग डिस्ट्रॉयटर -डैमेजर बि छौं
मि -पण अब इथगा निराश , निराश्रयी , लाचार, कुंठित , मजबूर किलै दिख्याणि छे ? तेरो गुस्सा मा तेरी लाचारी , कुंठा , बेबसी , बेसब्री झळकणु च।
गरूणव गोस्वामी-अरे बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन ब्याळि इस्तीफा नि दे
मि -अरे क्रिकेट कंट्रोलौ अध्य्क्ष को इस्तीफा नि दीण से पत्रकारिता का तताकथित ब्रह्मा , विष्णु अर शिवगरूणव गोस्वामी पर क्या फरक?
गरूणव गोस्वामी (पागलपन मा अपण थूक चटद, चटद ) - अरे मी चांदो छौ कि बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा द्यावो। अर इलै इ म्यरो चैनेल समय ऑफ इंडिया मा पिछ्ला दस दिन से एकी समाचार अर विवेचना चलणु छौ कि बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा दयावो अर इथगा हो हल्ला, बबंडर , बखेड़ा करणों बाद बि अभिमानी , घमंडी एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा नि दे। मेरे चाहने पर भी श्रीनिवासन ने इस्तीफा नही दिया ! आज तक नि ह्वाइ कि मि चौं (चाहत ) कि फलण नेता इस्तीफा द्यावो तो वू इस्तीफा नि द्यावो। द्याख नि तुमन ! मीन गडकरी को क्या बुरा हाल कार!
मि -सुण भै घमंडी टीवी समाचार सम्पादक ! तुम समाचार माध्यम का पत्रकार बि ना ! अब तुम पत्रकार अफु तैं भारत का ब्रह्मा , विष्णु अर शिव समजण बिसे गेवां अर अफु तैं किंग जनरेटर, किंग मेकर , किंग किल्लर मानण मिसे गेवां। तो सुणों ! यदि लोगुं मध्य आज
राजनीतिग्योन अपणि विश्वसनीयता खतम करी आल तो वो दिन दूर नी च जब तुमारो घमंड, तुम पत्रकारों गरूर से लोग समाचार माध्यमो पर बि विश्वास करण बंद करी देला!
Copyright @ Bhishma Kukreti 3/06/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
सौज सौज मा मजाक मसखरी
हौंस,चबोड़,चखन्यौ सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं
बोड़्या - चखन्यौर्या: भीष्म कुकरेती (s = आधी अ )
मि -अरे अरे समय ऑफ इंडिया न्यूज चैनेल का धाकड़, दबंग, प्रभावशाली संपादक क्या बात? आज तुम इथगा गुस्सा अर दगड़ मा तुमारो मुखौ रंगत, तेज किलै बिगड्यु च भै? .
गरूणव गोस्वामी (गुस्सा मा ) - साला समझद क्या छन मै तैं? मीन अपणो अकेला का बल पर कन कन नेताओं तैं राज-गद्दी से उतार, कत्युं की गद्दी पर आंच नि आणि दे ।
मि -आपन नेताओं तैं ग्द्दीविहीन करि यी त ठीक च पर गद्दी पर आंच नि आण दे ...?
गरूणव गोस्वामी (मुख बिटेन रोस मा फ्यूण बगद ) - हां देखो ! मेरो पत्रकारिता को आतंक! सुरेश कलमाड़ी का कौमेन वेल्थ घोटाला की पोल खुलण से लेकि जब तलक कलमाड़ीन इस्तीफा नि दे तब तलक मीन अपण चैनेल से कलमाड़ी विरुद्ध युद्ध छेड्यु राख . रात दिन केवल कलमाड़ी अर कलमाड़ी का विरोधी समाचार। म्यार बुलडोजरी दमद्याट --भंगऴयाट - घमघ्याट से दुसर चैनलों नींद हर्ची गे छे अर सब चैनेल सुरेश कलमाड़ी पैथर इन पोड़ी गे छा जन कुत्ता हडगी पैथर पड़दन। अर जब तलक कलमाड़ी जेल नि गे मीन अपण बुलडोजरी समाचार विश्लेष्ण बंद नि कार।
मि -हां या बात त स्विट्जर लैंड का बैंक मालिकों तै बि पता चल गे कि हिन्दुस्तान मा बि खोजी पत्रकारिता होंदी च।
गरूणव गोस्वामी (फ्यूण तैं चाटद -चाटद ) -देखो ना ! कुछ टीवी समाचार चैनलोंन प्रूफ का साथ समाचार दिखायि कि कै तरां से आज का उद्योगपति काळु धन विदेशी बैंको मा जमा करणा छन। दिखायो छौ कि ना? ब्वालो ब्वालो?
मि -हाँ ! अचरज च कि इथगा बड़ो अर गम्भीर समाचार केवल हेडलाइन तक ही सीमित रै गे।
गरूणव गोस्वामी -यो मेरो ही कमाल च, मेरो ही धमाल च कि इथगा गम्भीर समाचार फुस ह्वे ग्यायि।
मि -तुमारो कारण इथगा बड़ो चटकारोदार समाचार फुस ह्वे ग्याइ?
गरूणव गोस्वामी (लाल आँख करदा करदा ) -हाँ मीन अपणो चैनेल मा ये समाचार अर विश्लेष्ण तै जगा ही नि दे अर फिर मेरो दबदबा से यो समाचार समाचार हि नि बौण।
मि -हाँ ! ऊ तो ठीक च कि तुमरो समाचार संस्था दशाब्दियों साल पुराणो च अर तुम जै समाचार तै समाचार बणाण चैल्या वो ही समाचार बौंणल। पण तुम आज इथगा गुस्सा माँ दिक (परेशान ) किलै छंवाँ?
गरूणव गोस्वामी (मुख बिटेन फिर से लाळ चूंद चूंद) -साला ये समझता क्या है अपने आप को? ये तै पता नी च कि ए. राजा, पवन बंसल, अश्विनी कुमार सरीखा मंत्रियूं की छूट्टी बि दबंग पत्रकारिता से ही ह्वाइ
मि -हाँ पण
गरूणव गोस्वामी (मुख से फ्यूणो धरड़ छुटदा , छुटदा ) -ये तैं नि पता की जिस जमीन पर मै पैर रखता हूँ भूचाल वहां आते हैं और जिस समाचार पर हाथ रखता हूँ, तहलका वंही मच जाता है।
मि -हाँ तू अब समाचार माध्यमों भगवान ह्वे गे पण गति
गरूणव गोस्वामी (पागलपन मा अपण थूक अपण मुख पर लपुड़द, लपुड़द ) -ये तैं नि पता कि मि कै प्रकारों पत्रकार छौं मि ही समाचार पैदा करदार छौं ,मै ही समाचारों माँ बहाव लांदु , मै ही समाचारों मा तेजी -बबराट -तीब्रता , प्रबलता , प्रचंडता , उग्रता लांदु अर मै ही संवेदशील समाचारों पर लगाम लगांदु , इन समाचारों पर रोक लगांदु . मि गरूणव गोस्वामी ही समाचारों सृष्ठि कर्ता छौं , समाचारों पुष्ठि कर्ता छौं अर मि गरूणव गोस्वामी ही समाचारों मृत्यु बि करदु ,समाचारों ध्वंसक बि मी ही छौं
मि - तू अर समाचारों ध्वंसक ?
गरूणव गोस्वामी-हाँ द्याख नि ! मेरो दबदबा, मेरो रौब , मेरो आतंक ? म्यार समाचार माध्यमों पर प्रभाव ? मीन कोलगेट घोटाला मा फंस्यां दसियों प्रसिद्ध उद्योगपतियूं समाचार नि दिखायि तो कै बि टीवी चैनेलन यो समाचार नि दिखाइ इ उद्योगपति बची गेन। मीन महाराष्ट्र का मंत्री अजित पंवार पर लग्याँ लांछनो , भगार पर ध्यान नि दे तो हौर समाचार चैनेलोन बि अजित पंवार पर लग्याँ भ्रष्टाचार का अभियोगों पर ध्यान नि दे तो अजित पंवार दुबर मंत्री बौणी गे . मै गरूणव गोस्वामी किंग बि छौं , किंग पोषक बि छौं अर मै ही किंग डिस्ट्रॉयटर -डैमेजर बि छौं
मि -पण अब इथगा निराश , निराश्रयी , लाचार, कुंठित , मजबूर किलै दिख्याणि छे ? तेरो गुस्सा मा तेरी लाचारी , कुंठा , बेबसी , बेसब्री झळकणु च।
गरूणव गोस्वामी-अरे बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन ब्याळि इस्तीफा नि दे
मि -अरे क्रिकेट कंट्रोलौ अध्य्क्ष को इस्तीफा नि दीण से पत्रकारिता का तताकथित ब्रह्मा , विष्णु अर शिवगरूणव गोस्वामी पर क्या फरक?
गरूणव गोस्वामी (पागलपन मा अपण थूक चटद, चटद ) - अरे मी चांदो छौ कि बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा द्यावो। अर इलै इ म्यरो चैनेल समय ऑफ इंडिया मा पिछ्ला दस दिन से एकी समाचार अर विवेचना चलणु छौ कि बीसीसीआइ का अध्य्क्ष एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा दयावो अर इथगा हो हल्ला, बबंडर , बखेड़ा करणों बाद बि अभिमानी , घमंडी एन.श्रीनिवासनन इस्तीफा नि दे। मेरे चाहने पर भी श्रीनिवासन ने इस्तीफा नही दिया ! आज तक नि ह्वाइ कि मि चौं (चाहत ) कि फलण नेता इस्तीफा द्यावो तो वू इस्तीफा नि द्यावो। द्याख नि तुमन ! मीन गडकरी को क्या बुरा हाल कार!
मि -सुण भै घमंडी टीवी समाचार सम्पादक ! तुम समाचार माध्यम का पत्रकार बि ना ! अब तुम पत्रकार अफु तैं भारत का ब्रह्मा , विष्णु अर शिव समजण बिसे गेवां अर अफु तैं किंग जनरेटर, किंग मेकर , किंग किल्लर मानण मिसे गेवां। तो सुणों ! यदि लोगुं मध्य आज
राजनीतिग्योन अपणि विश्वसनीयता खतम करी आल तो वो दिन दूर नी च जब तुमारो घमंड, तुम पत्रकारों गरूर से लोग समाचार माध्यमो पर बि विश्वास करण बंद करी देला!
Copyright @ Bhishma Kukreti 3/06/2013
(लेख सर्वथा काल्पनिक है )
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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments